उन्नाव रेप केस में हाईकोर्ट इलाहबाद के आदेश से नया मोड
कानून रिव्यू/उत्तर प्रदेश
——————————उत्तर प्रदेश के उन्नाव में हुए गैंग रेप में पीडिता के पिता की पुलिस हिरासत मेंं मौत के मामले में अब नया मोड आ गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि पीडिता के पिता के शव का अंतिम संस्कार ने किया जाए। इससे आरोपी पक्ष की मुश्किलें बढनी तय है और साथ ही पीडित पक्ष को न्याय उम्मीद बंधी हैं। गौरतलब है कि 18 साल की लड़की ने बीजेपी के एक विधायक, उसके भाई और उसके सहयोगियों पर उससे दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था जिसके बाद लड़की के पिता की हिरासत में मौत हो गई थी। मुख्य न्यायाधीश डी बी भोसले और न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की पीठ ने वरिष्ठ वकील गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी द्वारा इस घटना के बारे में एक पत्र का स्वतः संज्ञान लेते हुए यह आदेश दिया। पत्र में घटना की जानकारी दी गई है। अदालत ने कहा कि अगर अंतिम संस्कार नहीं किया गया हो तो ऐसा नहीं किया जाए। चतुर्वेदी ने इस जघन्य अपराध और पीड़िता के पिता की मौत की निष्पक्ष जांच कराने की भी मांग की। पीठ ने इस मामले पर राज्य सरकार से अपना रुख स्पष्ट करने के लिए भी कहा। पीठ ने महाधिवक्ता या अतिरिक्त महाधिवक्ता को सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद रहने का निर्देश दिया है ताकि अदालत को मामले के बारे और इस पर की जा रही कार्रवाई के बारे में उसे अवगत करा सकें। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि क्या महिला के पिता का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। पुलिस ने महिला के सामूहिक बलात्कार और उसके पिता की हिरासत में मौत के संबंध में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह को गिरफ्तार किया था। उच्चतम न्यायालय भी उन्नाव सामूहिक बलात्कार मामले में सीबीआई जांच की मांग करने वाली याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई करेगा
मेरे पति और देवर को फंसाया जा रहा हैः संगीता सेंगर
भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की पत्नी संगीता सेंगर डीजीपी ओपी सिंह से मिलीं। उन्होंने अपने पति को निर्दोष बताया और मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की। संगीता सेंगर ने कहा कि मेरे पति और देवर को फंसाया जा रहा है। इसके पीछे राजनैतिक साजिश है। मुझे उस लड़की रेप पीड़िता से सहानुभूति है लेकिन उसे मोहरा बनाकर मेरे पति को बदनाम किया जा रहा है। मेरे पति और उस लड़की दोनों का नार्को टेस्ट करवा लीजिए सब साफ हो जाएगा। मेरे पति निर्दोष हैं। मेरे देवर ने भी कोई हत्या नहीं की। उसे भी फंसाया जा रहा है। मेरा परिवार स्तब्ध है। मेरी लड़कियां घर से बाहर नहीं निकल पा रहीं हैंए वो भी पीड़ित हैं। मैंने डीजीपी से इंसाफ मांगा है।