दिल्ली हाई कोर्ट का केंद्र से जवाब तलब
कानून रिव्यू/नई दिल्ली
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का फोन टैप कर रही थी, क्या सीबीआई? इस मामले में एक याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई है। जिस दौरान सीबीआई के तत्कालीन निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच विवाद चल रहा था, उस दौरान अजीत डोभाल का फोन टैप किया गया, वहीं रॉ के विशेष सचिव और विधि सचिव के फोन पर भी नजर रखी गई। दरअसल अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी ने इस शिकायत के साथ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। इस याचिका में अवैध फोन टैपिंग की जांच के लिए एसआईटी के गठन की मांग की गई है। इस पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और जस्टिस वीके राव की पीठ ने गृह मंत्रालय और सीबीआई को नोटिस जारी किया है और याचिका पर उनके जवाब मांगे हैं। वकील सार्थक चतुर्वेदी द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया कि सीबीआई के कुछ अधिकारियों ने अपने गुप्त मकसद के लिए मौजूदा दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है। इसमें दावा किया गया कि फोन टैपिंग और तकनीकी निगरानी देखने वाली सीबीआई की विशेष इकाई को एनएसए तथा अस्थाना के बीच हुए संवाद की जानकारी थी, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति ने 10 जनवरी को सीबीआई के पूर्व निदेशक को हटा दिया था। चतुर्वेदी की याचिका में कहा गया है कि फोन की टैपिंग का मुद्दा सीबीआई के डीआईजी मनीष सिन्हा की उच्चतम न्यायालय में दाखिल एक अर्जी में सामने आया जो अस्थाना के खिलाफ दर्ज एक प्राथमिकी में जांच कर रहे थे। चतुर्वेदी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कीर्ति उप्पल ने अदालत में दलील दी है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के फोन टैप करने की इजाजत किसने दी, ये तथ्य सार्वजनिक रूप से सामने कैसे आए? यह देश के लिए बहुत खतरनाक है।