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— अनिल दुजाना, सुंदर भाटी और रणदीप गैंग की धर पकड से रंगदारी के मामलों में गिरावट

28.07.2017 By Editor

—-एंटी एक्सटॉर्सन सेल ने बदमाशों को पहुंचाया सलाखों के पीछे

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मौहम्मद इल्यास/कानून रिव्यू

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एक समय हुआ करता था जब अचानक कॉल आई कि यदि खैरियत चाहते है तो फलां व्यक्ति को फलां जगह इतने- खोखा या इतनी पेटी रुपये पहुंचा दो वरना जान से हाथ धोना पडेगा। यह फोन की कॉल रंगदारी यानी अवैध वसूली की रकम के लिए आती थी। ऐसे लोग भी रहे जो रंगदारी की धमकी आने पर गिग्घी बंध जाती और चुपके से रकम दे आते थे और जिन लोगों ने रंगदारी की रकम देने की बजाय पुलिस की मद्द चाही वे कॉल के गाल में भी समा गए। एक दशक के दौरान हत्या की घटनाएं रंगदारी को लेकर हुईं जिनमें दादरी और दनकौर क्षेत्र अछूता नही रहा। पिछले कुछ वर्षो के दौरान गौतमबुद्धनगर में रंगदारी का खेल जमकर चलने लगा और लोग पलायन करने तक को मजबूर हुए। सरकार ने रंगदारी के पर्याय बने गैंग सुंदर भाटी और अनिल दुजाना और उनके साथियों को यहां की जेलों से हटा कर पूर्वी उत्तर प्रदेश की बांदा,जालौन और हमीरपुर की जेलों में भेज दिया। इससे रंगदारी के मामलों में कुछ हद कमी आई किंतु बदमाशों के हौसले बुलंद ही रहे और मौके बेमौके रंगदारी के मामले प्रकाश में आते ही रहे। आखिर जिला पुलिस ने रंगदारी को जड खत्म करने की ठान ली और एंटी एक्सटॉर्सन सेल का गठन किया गया। एंटी एक्सटॉर्सन सेल का गठन तत्कालीन एसपी देहात व आईपीएस अफसर अभिषेख यादव ने गत दिनांक 1 जून 2016 को किया। एंटी एक्टॉर्सन सेल ने अपने एक 1 वर्ष के कार्यकाल में रंगदारी मांगने वाले बदमाशों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया और जिससे रंगदारी के मामलों गिरावट दर्ज की गई।

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–क्या है एंटी एक्सटॉर्सन सेलः-

—————— एंटी एक्सटॉर्सन सेल पुलिस की एक ऐसी टीम होती है जो संगठित अपराध करने वाले ऐसे गिरोह के खिलाफ अभियान चलाती है जो अवैध वसूली यानी रंगदारी के जरिए गैंग के कारोबार को बढाते हैं। एंटी एक्सटॉर्सन का मतलब है कि विरोधी- जबरन वसूली यानी ऐसी टीम जो जबरन वसूली करने  वाले बदमाशों के खिलाफ धरपकड अभियान चला कर दबोच ले। गौतमबुद्धनगर उत्तर प्रदेश एक हाईटेक जिला है जहां धन वैभव से लोलुप होकर रंगदारी का खेल शुरू हुआ और फिर जरूरत महसूस हुई एंटी एक्सटॉर्सन सेल की स्थापना की। एंटी एक्सटॉर्सन सेल बनी और इसका ऑफिस ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर में स्थित पुलिस मुख्यालय में बनाया गया। एंटी एक्सटॉर्सन सेल का प्रभारी सब इंस्पेक्टर अजय कुमार शर्मा को बनाया। सब इंस्पेक्टर अजय कुमार शर्मा के साथ टीम में एचसीपी धूम सिंह और तेजपाल, कॉस्टेबल निरीक्षक बिशन मावी, सुबोध कुमार, वरूणवीर सिंह, अमित शिशौदिया, भारत कुमार व बालेंद्र सिंह तैनात हैं।

—-एंटी एक्सटॉर्सन टीम गौतमबुद्धनगर 

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गौतमबुद्धनगर के कुख्यात बदमाशों के गैंग

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महेंद्र फौजी

सतवीर गुर्जर

नरेश भाटी

सुंदर भाटी

अमित कसाना

अनिल दुजाना

 अंकित गुर्जर

नंन्दू उर्फ रावण

 रणदीप भाटी

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कैसे शुरू हुआ रंगदारी का खेलः-

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————- गौतमबुद्धनगर में रंगदारी का बडा खेल एक दशक से ज्यादा शुरू हुआ। जिले में जैसे जैसे प्रोपर्टी के दाम बढे और इन गैंगों ने रंगदारी के जरिए अपना साम्राज्य बढाना शुरू कर दिया। जब कि उससे पहले सुपारी, लूट और डकैती के जरिए ही गैंग का विस्तार किया जाता था और गैंगवार में इनका खून बहता था। 90 के दशक में मेवला भट्टी में रहने वाले महेंद्र फौजी और सतवीर गुर्जर जमीनी रंजिश को लेकर आमने-सामने थे। इन दोनों की लड़ाई में करीब 30 लोगों की हत्या हुई थी। दिल्ली पुलिस ने सतवीर गुर्जर को मुठभेड़ में मार गिराया था। इसके कुछ दिन बाद महेंद्र फौजी भी बुलंदशहर में पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। गौतमबुद्धनगर का जिला पंचायत सदस्य रहा नरेश भाटी भी सतवीर गिरोह का सक्रिय सदस्य था। वर्ष 1990 के दशक के अंतिम दिनों में नरेश भाटी की अपने सहयोगी सुंदर भाटी से सिकंद्राबाद में ट्रक यूनियन पर कब्जे को लेकर दरार पड़ गई। इसके बाद दोनों एक दूसरे के जानी दुश्मन बन गए। दोनों गैंग के बीच नोएडा और ग्रेटर नोएडा में स्क्रैप व ट्रांसपोर्ट के ठेकों लेकर कई बार गोली चली। जिसमें डेंसों कंपनी कर्मचारी यूनियन के दो प्रेजिडेंट की हत्या भी नरेश भाटी और सुंदर गैंग के बीच स्क्रैप के ठेके को लेकर हुई। दादरी के स्क्रैप व्यापारी फरमान अली की हत्या भी इसी गैंग के बीच चली आ रही दुश्मनी को लेकर हुई थी। वर्ष 2003 में मेरठ के खरखोंदा में नरेश भाटी पर हमला हुआ। इसमें ड्राइवर व गनर मारे गए, जबकि नरेश भाटी बच गया। वहीं 28 मार्च 2004 को चचूला से आते समय नरेश भाटी पर घंघोला पुलिया पर हमला किया इसमें नरेश की मौत हो गई। उस वक्त नरेश भाटी जिला पंचायत का चेयरमैन भी था। इसमें सुंदर भाटी का नाम सामने आया था। इसके बाद वर्ष 2005 में सुंदर भाटी के भाई प्रताप पटवारी समेत 3 को मार दिया गया। इसमें नरेश भाटी के भाई रणपाल का नाम सामने आया था। इसके बाद 27 मई 2006 की रात सिकंद्राबाद में पुलिस एनकाउंटर में रणपाल भाटी मारा गया। रणपाल की मौत के बाद उसका भांजा अमित कसाना प्रकाश में आया। उसके साथ अनिल दुजाना और नंदू उर्फ रावण के नाम भी प्रकाश में आए। पेशी पर लाते समय बिजनौर में नंदू उर्फ रावण की 11 फरवरी 2013 को हत्या कर दी गई। पुलिस के रिकार्ड में अब नरेश भाटी का छोटा भाई रणदीप भाटी आईएस-298 गैंग (इंटरस्टेट) का लीडर है। रंगदारी के जितने मामले हाल ही में प्रकाश में आए हैं उनमें  सुंदर भाटी,अनिल दुजाना और रणदीप भाटी गैंग का संबंध प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से संबंध रहा है। जिले में जैसे जमीनों के दाम बढे लोगों को मौत के घाट उतारने वाले इन गैंगों ने रंगदारी को मुख्य हथियार बना लिया और जेल के अंदर ये गैंग लीडर करोडो, अरबों के मालिक बन गए।

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 एंटी एक्सटॉर्सन सेल की कार्यवाही से हो गए हैं तीनों गैंग निष्क्रियः एसपी

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एसपी देहात व आईपीएस सुनीति

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—————– एसपी देहात व आईपीएस अफसर सुनीति ने ’कानून रिव्यू’ को बताया कि एंटी एक्सटॉर्सन सेल द्वारा कुख्यात बदमाश सुंदर भाटी, अनिल दुजाना और रणदीप भाटी के गैंग तथा उनके सक्रिय सदस्यों के खिलाफ बडी कार्यवाही की गई हैं। इन गैंग के सक्रिय सदस्यों की धर पकड से रंगदारी के मामलों पर अंकुश लग गया है और यह गैंग पूरी तरह से निष्क्रिय हो गए हैं। एंटी एक्सटॉर्सन सेल की स्थापना भी इन कुख्यात बदमाशों द्वारा गत वर्षो के दौरान क्षेत्र में की गई अपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने के मकसद से की गई थी। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षो से व्यापारी, किसान, बिल्डर्स आदि लोग इन गैंग द्वारा की जा रही अवैध उगाही का शिकार हो रहे थे। यहीं नहीं पीडित होने के बाद भी लोग मुकदमा दर्ज कराने का साहस नही दिखाते थे किंतु गठित की गई एंटी एक्सटॉर्सन सेल ने अपने 1 वर्ष के कार्यकाल में 30 बडे ऑपरेशन चलाए और गैंग के सैकडों सदस्यों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है, इसलिए अब किसी को डरने की कोई जरूरत नही है बेखौफ होकर रहें।

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एंटी एक्सटॉर्सन सेल ने इनामी बदमाशों को पहुंचाया सलाखों के पीछेः अजय कुमार शर्मा

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—सब इंस्पेक्टर अजय कुमार शर्मा 

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एंटी एक्सटॉर्सन के इंचार्ज अजय कुमार शर्मा ने ’कानून रिव्यू’ को बताया कि एंटी एक्सटॉर्सन की टीम ने पुलिस कप्तान के कुशल निर्देशन में जिले में करीब 30 धर पकड अभियान चलाए और कई इनामी बदमाशों को दबोच लिया जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर से रंगदारी के मामलों में संलिप्त रहे हैं।

उन्होंने बताया कि 9 जून 2016 को टीम ने जेवर क्षेत्र में स्टांप विक्रेता से 13 लाख की लूट का खुलासा करते हुए बॉबी, नीरज, मनोज को दबोच लिया और उनके कब्जे से लूटे गए रुपयों में से 2 लाख 26000 की रकम बरामद कर ली। जब कि 4 जुलाई 2016 को सुंदर भाटी गैंग सलीम, राजू, सतीश और शंकर को दबोच लिया। ये लोग साप्ताहिक पैठों से अवैध उगाही में लगे हुए थे। इसी प्रकार 8 जुलाई 2016 को परी चौक से बाइकर्स गैंग के आमिर, फिरोज को लूटी गई बाइक के साथ दबोच लिया और इनके कब्जे से 10 मोबाइल भी बरामद किए गए। कुख्यात अनिल दुजाना, रणदीप भाटी के बदमाशों द्वारा रंगदारी मांगने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए 10 जुलाई 2016 को शॉर्प शूटर अबरार और रोबिन त्यागी, बॉबी, कुलदीप जाट दबोच लिया गया। अलग अलग गैंग के ये बदमाश सुंदर भाटी, अनिल दुजाना और रणदीप भाटी के लिए बिल्डर्स और कंपनी मालिकों को डरा धमका कर अवैध उगाही करते थे। इसी प्रकार 22 जुलाई 2016 को अनिल दुजाना और रणदीप भाटी गैंग के शॉर्प शूटर पवन गुर्जर को दबोच लिया गया। वहीं दिनांक 27 जुलाई 2016 को रणदीप भाटी एवं योगेश डाबरा गैंग के शॉर्प शूटर अमित दायमा को दबोच लिया गया। वहीं 9 अगस्त 2016 को सुदंर भाटी गैंग के राजेश शर्मा और मनोज शर्मा को ग्रेटर नोएडा में व्यापारियों रंगदारी मांगने के मामले में दबोच लिया। जब कि वाहन लूट की घटनाओं में दिनांक 10 अगस्त 2016 को विपिन नागर, मितन उर्फ अनिल, फैजान और नितिश भाटी को दबोच लिया गया। जगत फार्म पर दिनांक 11 अगस्त 2016 को एयरटेल कंपनी के डीलर द्वारा फर्जी कंपनियों व नोटेरी वकीलों के कागजात तैयार कर सिम बेचने के मामले में सतेंद्र सिंह और वेदप्रकाश को 17 फर्जी मोहरों के साथ दबोच लिया। इसके साथ ही ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में लूटपाट करने वाले काके, मिंटू और अंकित को दबोच लिया। दिनांक 19 अगस्त 2016 को जेवर के स्टांप विक्रेता से हुई 13 लाख की लूट में फरार चल रहे जैनेंद्र उर्फ जौनी को लूट की रकम से खरीदी गई अल्टो के साथ दबोच लिया। जब कि 27 अगस्त 2016 को सुंदर भाटी के गुर्गो द्वारा रंगदारी मांगने के मामले में गंभीर भाटी और पवनेश भाटी को दबोच लिया। जब कि 21 सितंबर 2016 को शॉर्प शूटर कालू जो कि हरेंद्र प्रधान दादूपुर की हत्या में जिला जेल अलीगढ में निरूद्ध है को पुलिस अभिरक्षा से भागकर जेवर विधानसभा से सपा प्रत्याशी रही बेवन की हत्या करने का रच रहा था एसटीएफ के सहयोग से दबोच लिया। साथ ही इस मुठभेड के दौरान सुंदर भाटी के शॉर्प शूटर पवन उर्फ हरिया और बंटी शर्मा, आजाद, बृजेश को भी दबोच लिया गया। वहीं 24 सितंबर 2016 को ग्रेटर क्षेत्र में बडे शराब तस्कर एवं शातिर अपराधी दर्शन को दबोच लिया। वहीं 25 सितंबर 2016 को जेवर स्टांप विक्रेता लूट में फरार चल रहे इनामी कुलदीप को दबोच लिया गया। दिनांक 8 अक्टूबर 2016 को कुख्यात अनिल दुजाना गैंग द्वारा ग्रेटर नोएडा के व्यापारियों और किसानों को डरा धमका कर अवैध उगाही का मामला प्रकाश में आया। दनकौर में एक किसान से अनिल दुजाना और गैंग के बदमाशों द्वारा 1 करोड की रंगदारी मांगी गई और न देने पर किसान की जमीन पर कब्जा करने के लिए ईंटे उतारने तथा दहशत फैलाने के लिए मामला प्रकाश में आया। एंटी एक्सटॉर्सन टीम ने इस मामले में नामजद कराए गए बदमाशों में से सुनील और शैलू उर्फ शैलेष निवासीगण ग्राम दुजाना को दबोच लिया गया। वहीं 23 अक्टूबर 2016 को रणदीप भाटी गैंग के शॉर्प शूटर बॉबी ठाकुर व्यापारियों, बिल्डर्स तथा किसानों के रंगदारी मांगने के मामले में दबोच लिया। बॉबी 12 हजार का इनामी था। वहीं 11 नवंबर 2016 को नोएडा और ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में रंगदारी मांगने में धर्मेंद्र कुमार और मोहन को एलजी गोल चक्कर से दबोच लिया। यह बदमाश एक बडे व्यापारी से 30 लाख रुपये की रंगदारी मांग रहे थे और न देने पर परिवार समेत जान से खत्म किए जाने की धमकियां दी जा रही थीं। दिनांक 18 नवंबर 2016 को हिदुंस्तान अखबार के पत्रकार से अनिल दुजाना के लोगों ने रंगदारी मांगी और न देने पर परिवार समेत जान से खत्म किए जाने की धमकी दी। इस मामले में विनय निवासी जेवर को अंसल प्लाजा ग्रेटर नोएडा से दबोच लिया। इसी दिन सुदंर भाटी गैंग के नाम पर साप्ताहिक पैठों, बाजार में दुकानदारों और रेहडी पटरी वालों से अवैध उगाही के आरोपी सरवन, सोमेश को दबोच लिया गया। वहीं 25 नवंबर 2016 को अनिल दुजाना गैंग के बलवीर को दबोच लिया गया। बलवीर दनकौर में किसान से मांगी गई 1 करोड की रंगदारी के मामले में फरार चल रहा था। इसी प्रकार 15 जनवरी 2017 को यमुना एक्सप्रेस-वे पर आने जाने वाली गाडियों पर एक्सल फैंकर लूटपाट करने वाले दो बदमाशों में रामेश्वर और सत्यप्रकाश को दबोच लिया। इन घटनाओं के खुलासे के लिए आईजी जोन की ओर से एंटी एक्सटॉर्सन सेल को 15000 के पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया। वहीं 26 जनवरी 2017 को सुदंर भाटी गैंग के मौजम फरीदी को दबोच लिया जो सुंदर भाटी के नाम पर ग्रेटर नोएडा के एक बिल्डर से 10 लाख रुपये की रंगदारी मांग रहा था और न देने पर परिवार समेत जान से खत्म किए जाने की धमकी दी जा रही थी। जब कि 27 जनवरी 2017 को युनूस, युसुफ, नखरे निवासीगण गाजियाबाद और देवेंद्र, भीकचंद, शौकत निवासीगण जिला मथुरा, वाहिद निवासी बुलंदशहर, याकूब और हसनैन निवासीगण गाजियाबाद तथा अशरफ निवासी जयपुर राजस्थान साबौता गांव में किसान साथ हुई लूट के मामले में दबोच लिया। वहीं जेवर में रास्ते पर चलने वाले वाहनो से अवैध वसूली के मामले में धीरू और लाला निवासी जेवर को दबोच लिया गया। दिनांक 19 और 20 जून को कासना क्षेत्र में गैंग रेप के बाद फैंकी गई महिला के मामले में कृष्ण, नरेश, राहुल और असरू को दबोच लिया। इस मामले का खुलासा करने पर एंटी एक्सटॉर्सन सेल की टीम को 15000 के नकद पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया। वहीं 22 जून 2017 को 5 हजार के इनामी वीरेंद्र निवासी ग्राम झुप्पा को दबोच लिया। वीरेंद्र शातिर किस्म का बदमाश होने के साथ साथ खनन माफिया भी रहा है। इसके बाद एंटी एक्सटॉर्सन सेल और कासना कोतवाली पुलिस ने संयुक्त रूप से मुठभेड के दौरान सेक्टर चाई फाई एटीएस गोल चक्कर से अनिल दुजाना के शॉर्प शूटर व 15 हजार के इनामी अनित उर्फ तोता को दबोच लिया। मुठभेड के दौरान तोता के पैर में गोली लगने के कारण घायल हो गया था। अनित उर्फ तोता अनिल दुजाना के अलावा मुकीम काला गैंग के लिए भी काम करता है। ये अनिल दुजाना के लिए रंगदारी वसूलने कार्य करता है और साथ ही सुपारी किलर भी है। जब कि रणदीप भाटी गैंग के शॉर्प शूटर और 15000 के इनामी अमन त्यागी उर्फ माया त्यागी को दबोच लिया गया। अमन त्यागी व्यापारियों, बिल्डरों तथा किसानों को डरा धमका कर तथा जान से मारने की धमकी देकर रंगदारी वसूली का काम करता है तथा रुपये लेकर किसी की भी हत्या कर देता है व लूटपाट जैसे अपराधों में भी शामिल है। इस सफलता पर भी एंटी एक्सटॉर्सन सेल की टीम को 15000 के नकद पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया है।

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