- कानून रिव्यू/नई दिल्ली
हिन्दू दत्तक ग्रहण एवं गुजाराभत्ता अधिनियम के तहत किसी बच्चे को गोद लेने वाले माता पिता के लिए इसका देश की शीर्ष दत्तक ग्रहण संस्था में पंजीकरण करना जल्द ही अनिवार्य किया जा सकता है इसका उद्देश्य मानव तस्करी को रोकना है अभिभावक मजबूत किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत किसी बच्चे को गोद ले सकते हैं
—————————- हिन्दू दत्तक ग्रहण एवं गुजाराभत्ता अधिनियम के तहत किसी बच्चे को गोद लेने वाले माता पिता के लिए इसका देश की शीर्ष दत्तक ग्रहण संस्था में पंजीकरण करना जल्द ही अनिवार्य किया जा सकता है इसका उद्देश्य मानव तस्करी को रोकना है अभिभावक मजबूत किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत किसी बच्चे को गोद ले सकते हैं इसके अलावा हिन्दू,बौद्ध, जैन और सिख धर्म के लोगों के पास 60 साल पुराने हिन्दू दत्तक ग्रहण कानून के जरिये औपचारिक रूप से गोद लेने का विकल्प रहता है। अधिकारियों ने कहा कि जेजे कानून में बच्चे के स्रोत का सत्यापन और माता पिता बनने जा रहे जोड़े की पृष्ठभूमि की पूरी तरह से जांच करने के प्रावधान हैं जबकि हिन्दू दत्तक ग्रहण संबंधी कानून में ये पूर्व जरूरतें मौजूद नहीं हैं जिससे कई लोग इन खामियों का लाभ उठाते हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि मंत्रालय ने एक मसौदा कैबिनेट नोट तैयार किया है जिसमें शीर्ष दत्तक ग्रहण संस्था बाल दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण में पंजीकरण कराना माता पिता के लिए अनिवार्य बनाने हेतु हिन्दू दत्तक ग्रहण संबंधी कानून में संशोधन का प्रस्ताव है।अधिकारी ने कहा कि केन्द्रीय कैबिनेट में ले जाने से पहले इस नोट को वित्त, गृह और कानून मंत्रालयों तथा प्रधानमंत्री कार्यालय में भेजा जा रहा है। प्रवक्ता ने कहा कि हिन्दू दत्तक ग्रहण संबंधी कानून के तहत गोद लेना बहुत आसान है और दो हिन्दू करारनामा दायर करके बच्चे को गोद ले सकते हैं। हमने जांच करके पता किया कि कानून के तहत गोद लेने की संख्या बहुत ज्यादा है और हमें संदेह है कि इनमें से कई तस्करी वाले बच्चे शामिल हैं। मंत्रालय ने इस कानून में संशोधन का प्रस्ताव इसलिए दिया है ताकि बच्चे को गोद लेने वाले अभिभावकों के लिए वेबसाइट पर गोद लेने संबंधी करारनामा पंजीकरण कराना अनिवार्य हो जिसके बाद उन्हें दत्तक ग्रहण का प्रमाण पत्र जारी होगा।