
सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से महिला की वतन वापसी की राह हुई आसान


कानून रिव्यू/नई दिल्ली
कोविड-19 महामारी में लॉकउाउन के चलते हुए जो जहां फंसा है,वहीं रह गया। फिर चाहे भूख हो या फिर दूसरी जरूरतें लोगों की छटफटाहट साफ देखी जाती रही है। छात्र हो या फिर प्रवासी मजदूर सभी का यही हाल रहा है। अब बात यदि विदेश में फंसे हुए भारतीयों की करें तो पेचीदगी और भी बढ जाती है। अमेरिका में एक गर्भवती महिला पिछले 3 महीने से फंसी हुई है। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से इस महिला और परिवार के लोगों की वतन वापसी की राह आसान हुई है और विमान के जरिए इस महिला को वापस लाया जा रहा है। इस बात की जानकारी केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दी है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि अमेरिका में फंसी गर्भवती महिला व उसके परिवार को विमान के जरिए भारत वापस लाया जा रहा है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को ये जानकारी दी और कहा कि पूजा चौधरी और उनके पति विकास और बेटी विहाना को सैन फ्रांसिस्को से बेंगलुरु के लिए आ रहे विमान में जगह दी गई है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा था कि वो अमरीका में फंसी गर्भवती महिला को शीघ्र वापस लाने के लिए आवश्यक कदम उठाए। महिला ने 13 मई को ही विमान के जरिए भारत वापस लाने के निर्देश मांगे थे। इस पर जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को कहा था। हम कोई आदेश जारी नहीं कर रहे,लेकिन आप इस संबंध में जरूरी कदम उठाएं। केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भरोसा दिलाया था कि सरकार उन्हें वापस लाने के लिए कदम उठा रही है। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील संजय एम नुली ने पीठ को बताया था कि बुधवार 13 मई को ही विमान सेवा से भारतीयों को वापस लाया जाना है इसलिए अदालत केंद्र को इसके निर्देश जारी करे। तीन महीने से अधिक समय तक अमेरिका में फंसी बेंगलुरु की महिला, उसके पति और उनकी 18 महीने की बेटी ने 13 मई को यूएसए से एयर इंडिया की फ्लाइट लेने की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। महिला ने कहा था कि कोई भी देरी उसकी सेहत पर बुरा असर डालेगी क्योंकि उसका गर्भावस्था का उन्नत चरण है। याचिका में पूजा चौधरी, उनके पति विकास और बेटी विहाना ने शीर्ष अदालत को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि वे 13 मई, 2020 को सैन फ्रांसिस्को से प्रस्थान करने या अगले संभावित संभावित अवसर पर उड़ान के माध्यम से यूएसए से वापस आ सकें। उन्होंने कहा था कि यह सुनिश्चित करना राज्य का कर्तव्य है कि याचिकाकर्ता, जो गर्भवती है और संयुक्त राज्य अमेरिका में एक असुरक्षित स्थिति में फंस गई है उसे समय पर भारत वापस लाया जाए और उचित उपचार दिया जाए क्योंकि यह न केवल याचिकाकर्ता के जीवन का प्रश्न है बल्कि अजन्मे बच्चे का भी।