सुप्रीम कोर्ट ने आधार की संवैधानिकता को कुछ बदलावों के साथ बरकरार रखा
कानून रिव्यू/नई दिल्ली
—————————आधार कार्ड के फालतू झेमले से छुटकार मिलना तय है। बैंक में जाओ तब आधार कार्ड, मोबाइल खरीदों जब आधार कार्ड। सुप्रीम कोर्ट ने अपने अहम फैसले में आधार कार्ड की अनिवार्यता पर हथोडा चला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि स्कूलों में एडमिशन के लिए आधार अनिवार्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने आधार की अनिवार्यता को लेकर बेहद अहम फैसला सुनाया है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने आधार की संवैधानिकता को कुछ बदलावों के साथ बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कुछ शर्तों के साथ आधार वैध है. अब आधार को मोबाइल से लिंक करना भी जरूरी नहीं होगा। साथ ही बैंक खाते से आधार को लिंक करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है। इतना ही नहीं यूजीसी, निट्ट और सीबीएसई जैसी परीक्षाओं के लिए भी आधार अनिवार्य नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार से समाज के बिना पढ़े-लिखे लोगों को पहचान मिली है। साथ ही आधार समाज के हाशिये वाले वर्ग की ताकत है। कोर्ट ने कहा कि आधार का डुप्लीकेट बनाना संभव नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि स्कूलों में एडमिशन कराने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा किसी ज़रूरतमंद को प्रमाणीकरण की कमी के चलते लाभ से वंचित न किया जाए। स्कूलों में दाखिले के लिए आधार ज़रूरी नहीं है। बच्चों का आधार बनाने के लिए अभिभावक की इजाज़त ज़रूरी है जब कि वयस्क होने के बाद वो खुद तय करें.। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के नेतृत्व में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 38 दिनों तक चली लंबी सुनवाई के बाद 10 मई को मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। मामले में उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश के एस पुत्तास्वामी की याचिका सहित कुल 31 याचिकाएं दायर की गयी थीं।