आम्रपाली और उसकी साथी कंपनियों को पैसा देने और लेने में हुई कई गड़बड़ियों की ओर इशारा करते हुए कोर्ट ने कहा आपने तो बहुत कुछ हज़म कर रखा है, इन्द्राय स्वाहा,् तक्षकाय स्वाहा! जेपी मोर्गन से कोर्ट ने कहा कि आपके हिसाब में 140 करोड़ का ऑन रिकॉर्ड कोई ठोस तौर तरीका नहीं है। सब कुछ काल्पनिक है, आपने रुद्राक्ष और नीलकंठ में निवेश किया। उसमें कई खामियां हैं, आपने चपरासी तक के नाम पर निवेश किया है और आप अब फंस चुके हैं।
कानून रिव्यू/नई दिल्ली
—————————--आपने तो बहुत कुछ हज़म कर रखा है, इन्द्राय स्वाहा,् तक्षकाय स्वाहा! यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली केस में की है। सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन से कहा कि सबसे पहले आम्रपाली के दो प्रोजेक्टों कैसल्स और ईडन पार्क में तैयार वे अपार्टमेंट बेचिए जो नहीं बिके हैं,् इसके लिए विज्ञापन निकालिए, तीन चार महीने में बाकी तैयार कर दीजिए। नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन ने कोर्ट को बताया कि दो प्रोजेक्टों कैसल्स और ईडन पार्क में काम शुरू कर दिया है, वहीं जेपी मार्गन ने कोर्ट को बताया कि 85 करोड़ में से 60 करोड़ रुपये प्राइवेट लिमिटेड कंपनी आम्रपाली जोडीएक के पास ट्रांसफर कराए हैं। फेमा नियमों की वजह से हमने सीधे आम्रपाली को रकम ट्रांसफर नहीं की। जस्टिस ललित ने जेपी मोर्गन से कहा कि पेशेंट मरने के कगार पर हो तो उससे सब कुछ छीनने की कोशिश न करें। पेशेंट स्वस्थ है और आपको कुछ गिफ्ट करना चाहता है तो वह बात अलग है। आम्रपाली और उसकी साथी कंपनियों को पैसा देने और लेने में हुई कई गड़बड़ियों की ओर इशारा करते हुए कोर्ट ने कहा आपने तो बहुत कुछ हज़म कर रखा है, इन्द्राय स्वाहा,् तक्षकाय स्वाहा! जेपी मोर्गन से कोर्ट ने कहा कि आपके हिसाब में 140 करोड़ का ऑन रिकॉर्ड कोई ठोस तौर तरीका नहीं है। सब कुछ काल्पनिक है, आपने रुद्राक्ष और नीलकंठ में निवेश किया। उसमें कई खामियां हैं, आपने चपरासी तक के नाम पर निवेश किया है और आप अब फंस चुके हैं।