–ग्रेटर नोएडा के बाद दिल्ली में नाइजीरियन को बेरहमी से पीटा
- कानून रिव्यू/नई दिल्ली
–———————————–ग्रेटर नोएडा में मोहित खारी की मौत के मामले में नाइजीरियन छात्रों को बेरहमी से पीटने की गूंज राष्ट्रीय और अतंर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गई थी जिससे न केवल विदेश मंत्रालय को हस्तक्षेप के लिए आगे आना पडा था बल्कि गौतमबुद्धनगर प्रशासन को त्वरित कार्यवाही के लिए तत्पर होना पडा था। उस समय राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन की त्वरित कार्यवाही से नाइजीरियन छात्रों में विश्वास की भावना बमुश्किल लौट पाई थी। किंतु अब जिस तरह से एक नाइजीरियन छात्र को पोल से बांध कर बेरहमी से पीटा गया है यह घटना एक बार फिर सुर्खियां बन इसी कहावत को चरितार्थ कर रही है कि क्या इंडिया में कानून नाम की चीज नही है? गौरतलब है कि मालवीय नगर में नाइजीरियन नागरिक को पोल से बांधकर डंडों से पीटने की घटना का विडियो वायरल होने के बाद स्टूडेंट्स और यहां रहने वाले दूसरे अफ्रीकी लोगों में नाराजगी है। उनका कहना है कि सिर्फ शक पर ऐसे किसी को पीटना सही नहीं है। क्या इंडिया में कानून नहीं है और लोग ही फैसला करते हैं।
लोग हमें टारगेट करते हैं, कमेंट करते हैं। ऐसा क्योंः–
—————————————————-वेस्टर्न सहारा से आईं किंब्ले का कहना है कि इससे पहले भी कई हमले हो चुके हैं। लोग हमें टारगेट करते हैं, कमेंट करते हैं। ऐसा क्यों होता है पता नहीं। किंब्ले कहती हैं कि उन लोगों को दिल्ली में क्रिमनल घोषित कर दिया गया है। यहां किसी एक को पकड़ा जाता है तो पूरी कम्युनिटी पर शक किया जाता है। ऐसी इमेज इंडिया की नहीं है। उन्होंने कहा कि वे लोग अपना सब कुछ छोड़-छाड़ के यहां आते हैं पढ़ने, कुछ बिजनेस करने। ऐसी घटनाओं के बाद काफी डर लगता है। ऐसे हादसे पुराने हादसों की याद दिलाते हैं। किंब्ले कहती हैं कि इसी साल मार्च में ग्रेटर नोएडा के अंसल प्लाजा मॉल में भीड़ ने एक नाइजीरियन युवक को बुरी तरह पीटा था। इसके बाद ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क में कैब से जा रही नाइजीरियन लड़की पर हमला किया गया था। ऐसा अब खुलेआम किया जा रहा है। कोई आरोपियों पर कार्रवाई क्यों नहीं करता।
मिनिस्ट्री से हमें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिलता
———————————————————-डीयू से ग्रेजुएशन कर रहे जॉन ने बताया कि हर बार मिनिस्ट्री से हमें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिलता। यह घटना काफी गंभीर है। अगर वह (अहमद) दोषी भी है तो उस पर कार्रवाई करना पुलिस का काम है जनता का नहीं। जॉन ने बताया कि इस मामले में असोसिएशन के मेंबर्स से बात की जाएगी। जॉन बताते हैं कि दिल्ली में अफ्रीकी लोगों पर हो रहे अटैक की बात सिर्फ दिल्ली तक नहीं सीमित है। दूसरे देश भी इन्हें फॉलो करते हैं। यह सब चीजें हमारे घर पर भी टेंशन का माहौल पैदा करती हैं। जॉन कहते हैं कि पुलिस को आरोपियों के खिलाफ एक्शन लेना होगा।