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इशरत जहां एनकाउंटर केस में डीजी वंजारा और एनके अमीन बरी

02.05.2019 By Editor

15 जून 2004 को गुजरात पुलिस ने एक एनकाउंटर में चार लोगों को मार गिराया। इनमें इशरत जहां, जावेद गुलाम शेख, अमजद अली राना और जीशान जौहर का नाम शामिल है। इस एनकाउंटर की अगुवाई डीआईजी डीजी वंजारा ने की थी। गत 7 सितंबर 2009 को एनकाउंटर पर विवाद के बाद मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एसपी तमांग को जांच सौंपी गई। उन्होंने 243 पन्नों की रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी। इसमें इशरत जहां एनकाउंटर को फर्जी करार दिया गया। पुलिस को कोल्ड ब्लडेड मर्डर का दोषी ठहराया गया था।

कानून रिव्यू/गुजरात

————————इशरत जहां एनकाउंटर केस गुजरात की सीबीआई कोर्ट ने गुजरात के पूर्व आईपीएस ऑफिसर डीजी वंजारा और एनके अमीन को बरी कर दिया है। दोनों ने कोर्ट में उनके खिलाफ की जा रही कार्रवाई को खत्म करने की अर्जी दी थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। जस्टिस जेके पांड्या की विशेष सीबीआई अदालत ने पूर्व पुलिस अधिकारियों डीजी वंजारा और एनके अमीन द्वारा दाखिल दो याचिकाओं पर बीते 30 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रख लिया था। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने विशेष सीबीआई अदालत से कहा था कि इशरत जहां और तीन अन्य लोगों को फर्जी मुठभेड़ में मारने वाले पूर्व अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी जाए। लेकिन गुजरात सरकार ने उन दोनों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी। गौरतलब है कि इससे पहले सीबीआई की विशेष अदालत ने दोनों पूर्व अधिकारियों को बरी करने की मांग करने वाले आवेदन को भी खारिज कर दिया। तब अदालत ने सीबीआई से पूछा था कि वो अपना रूख स्पष्ट करें। क्या वो दोनों पूर्व अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए राज्य सरकार से अनुमति चाहते हैं या नहीं। फिर सीबीआई ने दोनों पूर्व अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा था। लेकिन गुजरात सरकार ने बीते मार्च में सीबीआई की मांग को ठुकरा दिया था। 15 जून 2004 को गुजरात पुलिस ने एक एनकाउंटर में चार लोगों को मार गिराया। इनमें इशरत जहां, जावेद गुलाम शेख, अमजद अली राना और जीशान जौहर का नाम शामिल है। इस एनकाउंटर की अगुवाई डीआईजी डीजी वंजारा ने की थी। गत 7 सितंबर 2009 को एनकाउंटर पर विवाद के बाद मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एसपी तमांग को जांच सौंपी गई। उन्होंने 243 पन्नों की रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी। इसमें इशरत जहां एनकाउंटर को फर्जी करार दिया गया। पुलिस को कोल्ड ब्लडेड मर्डर का दोषी ठहराया गया था।

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