कानून रिव्यू/नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने उस नई जनहित याचिका को सुनवाई के लिए तत्काल सूचीबद्ध करने से फिर से इनकार कर दिया, जिसमें देश के चुनावों में ईवीएम के उपयोग पर सवाल उठाया गया है और हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों को रद्द कर दोबारा बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की गई है। याचिका में यह भी कहा गया है कि चुनाव आयोग के पास वोटिंग मशीनों का उपयोग करके चुनाव कराने की शक्ति नहीं है। याचिकाकर्ता वकील मनोहर लाल शर्मा ने जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस सूर्य कांत की अवकाश पीठ के समक्ष इस मामले की शीघ्र सुनवाई की मांग की लेकिन पीठ ने कहा कि पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने उनकी इस मांग को ठुकरा दिया था। ऐसे में अब यह पीठ जल्द इस मामले पर सुनवाई नहीं करेगी और इस याचिका पर अब जुलाई में ही सुनवाई होगी। इससे पहले न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की अध्यक्षता वाली अवकाश पीठ ने याचिकाकर्ता वकील मनोहर लाल शर्मा को रजिस्ट्रार से संपर्क करने और याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए अनुरोध करने को कहा था। इस जनहित याचिका में बैलट पेपर का इस्तेमाल कर नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की गई है। हालांकि जनप्रतिनिधि अधिनियम की धारा 61 ईवीएम के उपयोग की अनुमति देती है लेकिन याचिकाकर्ता शर्मा का तर्क यह है कि यह प्रावधान असंवैधानिक है और हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव रद्द किए जाने चाहिए।