



कानून रिव्यू/नई दिल्ली
उन्नाव बलात्कार मामले में यूपी के विधायक व पूर्व भाजपा सदस्य कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सज़ा सुनाई है। दिल्ली कोर्ट ने कहा कि आजीवन कारावास का मतलब भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2), धारा 5 और के तहत उसके प्राकृतिक या जैविक जीवन के शेष दिनों के लिए कारावास होगा। तीस हजारी दिल्ली के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने कुलदीप सेंगर को पीड़ित को दस लाख रुपये और अभियोजन पक्ष को पंद्रह लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है। साथ ही कोर्ट ने सीबीआई को पीड़िता और परिवार को खतरे की आशंका के आधार पर आवश्यक सुरक्षा देने का निर्देश दिया है। फैसले के बाद चार बार यूपी से विधायक रहा कुलदीप सेंगर फफक फफक कोर्ट रोने लगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर लखनऊ की एक अदालत से दिल्ली स्थानांतरित होने के बाद न्यायाधीश ने इस मामले की सुनवाई 5 अगस्त से दिन.प्रतिदिन के आधार पर की थी। कोर्ट ने पाया कि सेंगर ने 4 जून 2017 को माखी गांव में उस बचे व्यक्ति का यौन उत्पीड़न किया था जब वह 16 साल की उम्र में नाबालिग थी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर लखनऊ की एक अदालत से यह मामला दिल्ली स्थानांतरित होने के बाद न्यायाधीश ने 5 अगस्त से दिन.प्रतिदिन के आधार पर मामले की सुनवाई की। 2017 में सेंगर द्वारा महिला का अपहरण और बलात्कार किया था, जब वह नाबालिग थी। अदालत ने मामले में सह.आरोपी शशि सिंह के खिलाफ आरोप तय किए । यूपी के बांगरमऊ से भाजपा के चार बार के विधायक सेंगर को अगस्त 2019 में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। अदालत ने 9 अगस्त को विधायक और सिंह के खिलाफ धारा 120 बी ;आपराधिक साजिश, धारा 363 अपहरण, धारा 366 शादी के लिए मजबूर करने के लिए एक महिला का अपहरण कर 376 बलात्कार और अन्य संबंधित धाराओं तथा यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण यानी पॉक्सो अधिनियम के तहत आरोप तय किए थे। इस साल 28 जुलाई को जिस महिला ने सेंगर पर आरोप लगाया था, वह उस कार के एक्सिडेंट के बाद गंभीर रूप से घायल हो गई थी जिसमें वह यात्रा कर रही थी और जिसे एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी। हादसे में उसकी दो मौसी की मौत हो गई थी। महिला के पिता को अवैध हथियार मामले में कथित रूप से फंसाया गया था और 3 अप्रैल 2018 को गिरफ्तार किया गया था। कुछ दिनों बाद न्यायिक हिरासत में 9 अप्रैल को उनकी मृत्यु हो गई।
फांसी नहीं हुई तो हम संतुष्ट नहीं


विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद पीडिता की बहन और मां ने कहा कि उसे फांसी की सजा दी जानी चाहिए जिससे उन्हें सम्पूर्ण न्याय मिल सके। पीडिता की मां और बहन ने कहा कि फांसी नहीं हुई तो हम संतुष्ट नहीं है। कारण पूछने पर उन्होंने कहा कि उन्हें सेंगर के जेल में होने के बाद भी डर है। उन्होंने कहा कि यदि उसे फांसी नहीं होगी तो वह बाहर निकलेगा और हम लोगों को मार देगा। पीडिता की बहन ने अपने चाचा के लिए सरकार से न्याय की मांग की है। बहन ने कहा कि उसके चाचा महेश सिंह को बरी किया जाय। यदि सरकार बरी नहीं कर सकती है तो उन्हें जमानत दिलाई जाए। उन्होंने सेंगर पर आरोप लगाया कि उनके आदमी पैसा खिलाकर मेरे चाचा को न्याय पाने से वंचित कर रहे हैं। मेरे चाचा तो हमारे परिवार को न्याय दिलाने आए थे लेकिन कुलदीप सेंगर के इशारे पर उन्हें फर्जी मामलों में फंसा दिया गया है। उन्होंने चाचा पर लगे मुकदमों को फर्जी बताते हुए कहा कि सरकार को मुकदमे वापस लेना चाहिए क्योंकि सारे मुकदमे फर्जी हैं। उन्होंने कहा कि अभी चार मामले और हैं, उनमें भी हमें उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा और आरोपियों को कडी सजा मिलेगी।