
कानून रिव्यू /गौतमबुद्धनगर
मेरठ मण्डल के अपर निदेशक अभियोजन चन्द्रशेखर त्रिपाठी के दिशा निर्देशन में प्रत्येक शनिवार को होने वाली वेबीनार में आज उ0 प्र0 गौवध निवारण अधिनियम में राज्य सरकार द्वारा हाल ही में किए गए संशोधनों पर विचार विमर्श हुआ और नए अभियोजन अधिकारियों को संशोधित कानूनों की जानकारी देकर प्रशिक्षित भी किया गया। गौतमबुद्धनगर के एस0पी0ओ0 छविरंजन द्विवेदी ने बताया कि आज की वेबीनार में मुख्य वक्ता के रुप में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजीव गुप्ता आई0ए0एस0 को आमंत्रित किया गया था। श्री गुप्ता भारत सरकार के सचिव रहे हैं और वर्तमान में उत्तराखंड लोक सेवा अधिकरण के उपाध्यक्ष ’’प्रशासन’’ के पद पर कार्य कर रहे हैं। पूर्व में राजीव गुप्ता उ0प्र0 गो सेवा आयोग के अध्यक्ष भी रहे हैं। श्री गुप्ता ने अभियोजन अधिकारियों से अपेक्षा की कि गौवध निवारण अधिनियम से संबंधित मामलों का न्यायालयों में सफलतापूर्वक अभियोजन करें। उन्होंने बताया कि गाय का हमारे जीवन में केवल धार्मिक महत्व ही नहीं है बल्कि कृषि, पर्यावरण, औषधि, पौष्टिक खाद्य एवं पेय तथा देश की अर्थव्यवस्था में बहुमूल्य योगदान की दष्टि से गाय का संरक्षण आवश्यक है। गाय के गोबर और मूत्र को मानव और कृषि दोनों के लिए औषधि के रुप में प्रयोग में लाया जाता है। अधिनियम के कानूनी प्रावधानों पर व्याख्यान हेतु पूर्व संयुक्त निदेशक अभियोजन और उ0प्र0 गोसेवा आयोग के सचिव रहे रतन श्रीवास्तव को भी आमंत्रित किया गया। रतन श्रीवास्तव ने अधिनियम और उसके अन्तर्गत बनाई गई नियमावली के तकनीकी पहलुओं पर प्रकाश डाला और न्यायालयों में इन मामलों के सफल अभियोजन के लिए कानूनी दांव पेंच बताए। वेबीनार में उ0प्र0 और उत्तराखंड के अभियोजन अधिकारियों के अतिरिक्त जनपद मेरठ, बुलंदशहर, बाराबंकी, मिर्जापुर, अमरोहा, शामली के संयुक्त निदेशक, कानपुर, आगरा और मेरठ मण्डल के अपर निदेशक अभियोजन तथा विभिन्न जनपदों एवं अभियोजन निदेशालय के ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। वेबीनार का सफल संचालन बुलन्दशहर के एस0पी0ओ0 ललित मुद्दगल और गाजियाबाद की पी0ओ0 शैली भारद्वाज ने किया।

गाय का न केवल धार्मिक महत्व है, बल्कि कृषि, पर्यावरण, औषधि एवं दुग्ध उत्पादन की दृष्टि से देश की अर्थ व्यवस्था में भी गाय का विशिष्ट योगदान है.. ’राजीव गुप्ता’

गौवध निवारण अधिनियम में नवीन संशोधन किए जाने से उ0प्र0 में गौवध की घटनाओं पर निश्चित रुप से अंकुश लगेगा…. ’रतन श्रीवास्तव’