कानून रिव्यू/नई दिल्ली
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एक राष्ट्र, एक चुनाव के मुद्दे पर 16 मई को होगी अहम बैठक होने जा रही है। इस बैठक में करीब 20 सवालों के जवाब तलाशने होंगे। अब एक साथ चुनाव कराया जाना दूर की कौड़ी नहीं रह जाएगा। कानून आयोग और चुनाव आयोग के अधिकारी 16 मई को इस संबंध में बैठक करेंगे। इस बैठक में फैसले से जुड़े संवैधानिक, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक पहलुओं की चर्चा की जाएगी। कानून आयोग की ओर से चुनाव आयोग को भेजे गए सवाल दो हिस्सों में बांटे गए हैं। इसमें पहले हिस्से में संवैधानिक मुद्दे और दूसरे में कानूनी, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक मुद्दे शामिल हैं। संवैधानिक मुद्दे पर कानून आयोग ने यह जानने की इच्छा जाहिर की है कि एक साथ चुनाव के क्या फायदे होंगे। जिसे निस्संदेह रूप से संविधान के मूल ढांचे में बदलाव से जोड़कर देखा जा रहा हैए जिसके चलते कुछ संशोधन लाने होंगे। इसके बाद पैनल ने पूछा है कि अगर कुछ विधानसभाओं को भंग कर वहां राष्ट्रपति शासन लगे तो उसका लोकतांत्रिक व्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा? कुछ हफ्ते पहले कानून आयोग ने लोकसभा और राज्य के विधानसभा चुनाव एक साथ कराने संबंधी अपने प्रस्ताव के लिए जनता से राय मांगी थी। कानून आयोग ने एक साथ चुनाव कराने के लिए सभी सदस्यों की मीटिंग की थी। जिसमें अध्यक्ष जस्टिस बीएस भूषण ने सिफारिशों की सूची और आयोग की ओर से तैयार किया गया एक ड्राफ्ट 17 अप्रैल को जारी किया था। आयोग की ओर से सवालों के नए सेट में अनुच्छेद और संशोधनों का जिक्र किया गया है जो एक साथ चुनाव कराने में मददगार होंगे।