कानून रिव्यू/ग्रेटर नोएडा
मानवाधिकार आयोग उत्तर प्रदेश ने सीनियर मैनजर अरविंद जेटली के अपहरण कांड में बरामदगी के आदेश दिए हैं। गौतमबुद्धनगर पुलिस अभी तक सीनियर मैनेजर को बरामद नही कर पाई है। पीडित परिजनों ने राज्य मानवाधिकार आयोग को पत्र लिख कर अपहृत सीनियर मैनेजर अरविंद जेटली को बरामद किए कराए जाने की मांग की थी। राज्य मानवाधिकार आयोग के इस आदेश से अब परिजनों को आस बंधी है कि पुलिस अपहृत अरविंद जेटली का पता लगा पाएगी।
गौरतलब है कि अरविंद जेटली दिल्ली के कृष्ण नगर इलाके में नवरंग इलेक्ट्रोनिक्स कंपनी में बतौर सीनियर मैनेजर नौकरी करते थे। सीनियर मैनेजर अरविंद जेटली का दिल्ली ऑफिस से नोएडा के अगाहपुर स्थित घर के लिए कार से ही आना जाना होता था। किंतु गत 24 अक्टूर 2016 को ऐसा नही हुआ और अरविंद जेटली नोएडा अगाहपुर घर नही पहुंच पाए। देर रात तक जब अरविंद घर नही पहुंच पाए तो परिजनों ने तलाश शुरू की और मामले की सूचना नोएडा के थाना 39 कोतवाली पुलिस को दी। पुलिस ने खुलासा किया कि सीनियर मैनेजर अरविंद जेटली रोज भांति 24 अक्टूबर 2016 को अपनी सेंट्रो कार से नोएडा के लिए चले थे और साथ ही ऑफिस में काम करने वाले दो कर्मचारी लिफ्ट लेकर बैठ गए। खोडा तक ये दोनो कर्मचारी आए और वहीं उतर गए। पुलिस ने घटना के बाद 26 अक्टूबर 2016 को नोएडा से ही अरविंद जेटली की सेंट्रो कार भी बरामद कर ली जिसमें एक बैग और कुछ सामान भी था। पीडित परिजनों ने कंपनी मालिकों पर अपहरण का शक जाहिर किया। पुलिस ने अपहरण कांड में प्रकाश में आए लोगों से पूछताछ की मगर लापता हुए अरविंद जेटली का कोई पता नही लगा पाई। अरविंद जेटली की बहन किट्टी ने मामले को पुलिस के आला अधिकारियों के समक्ष उठाया और भाई की सकुशल बरामदगी की मांग रखी। इस मामले में एक पत्र उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग को भी लिखा गया। राज्य मानवाधिकार आयोग ने पुलिस से रिपोर्ट तलब की तो पाया कि घटना को एक वर्ष होने जा रहा है और पुलिस अभी तक यह पता नही लगा पाई है कि सीनियर मैनेजर अरविंद जेटली कहां है ? और सकुशल है भी या नही। राज्य मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन एस रफाउत आलम ने गौतमबुद्धनगर पुलिस को आदेश दिया है कि सीनियर मैनेजर अरविंद जेटली की जल्द सकुशल बरामदगी की जाए।