तमाम तरह की फिजूलखर्ची को रोकते हुए शिक्षा की ओर बढें :भैरो सिंह गुर्जर(IPS)
कानून रिव्यू /नई दिल्ली
नई दिल्ली स्थित एनडीएमसी सभागार में एडीश्नल पुलिस कमिश्नर भैरो सिंह गुर्जर का विदाई समारोह कसाना बिल्डर्स के संचालक केपीएस कसाना द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम का संचालन राजपाल कसाना और अध्यक्षता चौ0 केसरी सिंह गुर्जर ने की। भैरो सिंह गुर्जर दिल्ली में एडीश्नल पुलिस कमश्निर ट्रेफिक के पद से गत 31 जुलाई 2018 को रिटायर हुए थे। 2 जुलाई 1958 को राजस्थान के एक गांव में जन्मे भैरो सिंह के पिता बाबूलाल आर्मी में रहे थे। भैरो सिंह गुर्जर की शुरूआती शिक्षा सरकारी स्कूल में ही हुई। मेधावी छात्र होने के नाते राजस्थान यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन में गोल्ड मेडल हासिल किया। वर्ष 1980 से 1984 तक भैरो सिंह ने लेक्चरर के पद पर कार्य किया। आखिर 1987 में यूपीएससी एग्जाम क्लीयर करने के बाद राजौरी गार्डन दिल्ली में पहली पोस्टिंग एसीपी की मिली। वर्ष 1998 में ये भारत का प्रतिनिधत्व करने यूएनओ गए जहां पुरस्कृत किया गया। इसके बाद भैरो सिंह एसपी दमनदीव, डीसीपी दिल्ली, एसपी पांडिचेरी रहे और फिर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा सराहनीय कार्य के लिए सम्मानित किए गए।
रिटायर्ड एडीश्नल पुलिस कमिश्नर भैरो सिंह गुर्जर के इस विदाई समारोह में गुर्जर समाज ने कुरूतियों से उठ कर शिक्षा की ओर तेजी से कदम बढाने का प्रण लिया। विदाई समारोह को संबोधित करते हुए रिटायर्ड एडीश्नल पुलिस कमिश्नर भैरो सिंह गुर्जर ने कहा कि गुर्जर बिरादरी का इतिहास बडा गौरवशाली रहा है। पूर्व में भारत की राज व्यवस्था पर गुर्जर सम्राटों का ही कब्जा था। किंतु काल परिर्वतन के बाद इस बहादुर कौम ने विदेशी आंक्राताओं से लोहा लिया और फिर अंग्रेजों से लोहा लेते रहे। यही कारण है कि यह गुर्जर जाति लडते लडते पिछड गई और जिससे शैक्षिक विकास नही हो पाया। शिक्षा नही मिली तो कुरूतियों में जकडे समाज की कोई तरक्की नही हो पाई। किंतु आज लोकतंत्र है और सबको जीने का अधिकार है। शिक्षा ही शक्ति है, तमाम तरह की फिजूलखर्ची को रोकते हुए शिक्षा की ओर बढें तो यह समाज फिर अपने खोए हुए स्वाभिमान को प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि जिस दिन वो रिटायर हो रहे थे उसी दिन खबर आई कि गुर्जर समाज के युवा, विजय गुर्जर आईपीएस बन गए हैं, इससे उनकी खुशी का कोई ठिकाना नही रहा क्यूंकि उनको लगा की उनकी जगह कोई आ गया समाज की सेवा करने के लिए।
रिटायर्ड एडीश्नल सीपी भैरो सिंह की पत्नी व राजस्थान कर्मचारी चयन आयोग की सदस्य राजकुमारी गुर्जर ने महिलाओं की शिक्षा पर बल देते हुए कहा कि बेटियों को कुरूतियों से निकाल कर शिक्षा दिलानी होगी। एक बेटी ही शिक्षित होकर कई पीढियों के भविष्य को संवार सकती है।
आईपीएस विजय गुर्जर ने कहा कि भविष्य निमार्ण के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। गुर्जर समाज से पिछड रही प्रतिभाओं को तलाश कर सिर्फ दिशा देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राजस्थान एक ऐसा राज्य है जहां आर्थिक दृष्टि से गुर्जर समाज संघर्ष के दौर में हैं फिर भी वहां से निरंतर प्रतिभाएं निकल रही है। दिल्ली और एनसीआर में बसी गुर्जर बिरादरी का अहवान करते हुए उन्होंने कहा कि यदि बिरादरी के लोग पहल करें तो यहां पर प्रतिभाओं के लिए एक शैक्षिक संस्थान स्थापित किया जा सकता है। ऐसा होने पर गुर्जर समाज की युवा पीढी तेजी से आगे बढेगी और जिससे समाज का नाम रोशन होगा। रघुराज सिंह ने कहा कि समाज की नई पीढी को दिशा देने के लिए ग्रेटर नोएडा में स्थापित अखिल भारतीय गुर्जर संस्कृति शोध में भी इस तरह का कोई शिक्षा संस्थान शुरू किया जा सकता है। नैपाल सिंह कसाना ने कहा कि रिटायर्ड हुए एडीश्नल सीपी भैरो सिंह वाकई समाज के आईकॉन रहे हैं। समाज की नई पीढी को इस तरह के लोगों से प्रेरणा लेते हुए निरंतर आगे बढना चाहिए।
कार्यक्रम संयोजक केपीएस कसाना ने कहा कि भैरो सिंह गुर्जर ने पुलिस विभाग में इतने बडे पद पर रहते हुए गुर्जर समाज का जो मान बढाया, समाज का भी कर्तव्य बनता है कि इस तरह का कार्यक्रम आयोजित कर एक उदाहरण प्रस्तुत किया जाए। कार्यक्रम आयोजित करने का भी यही उद्देश्य था कि नई पीढी को भी प्रेरणा मिले कि समाज के बीच से निकल कर शिखर पर पहुंचने वाले व्यक्ति का किस तरह से समाज द्वारा सम्मान किया जाता है।
कार्यक्रम में एडीश्नल पुलिस कमश्निर ट्रेफिक ईश्वर सिंह, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के कार्यकारी निदेशक आदर्श कुमार, एसीपी राजकुमार खटाना, एसीपी हरचरण वर्मा, एसीपी अवनीश बटार , डा0 नवीन आदि वक्ताओं ने एडीश्नल सीपी भैरो सिंह के कार्यकाल की भूरि भूरि प्रशंसा की। इस मौके पर पारस ग्रुप के एमडी नरेंद्र नागर, राजकुमार भाटी, डा0 निशा, गजराज नागर, अजित सिंह दौला, सुभाष भाटी, इंस्पेक्टर शिव कुमार हूण, रिटायर्ड डीएसपी रमनपाल सिंह, जयवीर भाटी, बिजेंद्र सिंह आर्य, सतपाल विकल, वीरेद्र कसाना,वीरेंद्र छौंकर,आचार्य विक्रम सिंह, चंद्रशेखर कसाना, अजब सिंह आदि सैकडों की संख्या में गणमान्यजन उपस्थित रहे।