एनओसी के एवज में अवैध वसूली के लिए सात अलग.अलग संगठित गिरोह का खुलासा
कानून रिव्यू/गौतमबुद्धनगर
गौतमबुद्धनगर के पुलिस कप्तान वैभव कृष्ण ने एक बार फिर भ्रष्टाचार पर कडा प्रहार किया है। एसएससपी ने इस बार फायर एनओसी के काम के लिए रिश्वत मांगने वाले एफएसओ और एक फायर वैंडर को ही गिरफ्तार करा दिया है। इससे पहले भी एसएसपी सेक्टर 20 नोएडा के प्रभारी मनोत पंत को भी रिश्वत के मामले में जल भिजवा चुके हैं। साथ ही तीन कथित पत्रकार भी इस मामले में गिरफ्तार कर लिए गए थे। हाल में घंघोला पुलिस चौकी पर दरोगा और सिपाहियों को भी निलंबित कर दिया गया था। एसएसपी की इस कार्यवाही से गौतमबुद्धनगर पुलिस महकमें में हडकपं की स्थिति है। एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि सोशल मीडिया पर दो व्यक्तियों के बीच एनओसी के लिए पैसे के लेनदेन की बात हो रही थी। इस बाबत मुख्य अग्रिशमन अधिकारी अरुण कुमार ने उन्हें पत्र भेजकर संभावना जताई थी कि ऑडियो में एफएसओ कुलदीप कुमार और फायर वेंडर अरविंद गुप्ता की है। सीएफओ के अनुरोध पर इस मामले की जांच सीओ प्रथम श्वेताभ पांडेय से कराई गई। 21 सितंबर को अपनी जांच रिपोर्ट में सीओ प्रथम ने कहा कि पूछताछ में एफएसओ कुलदीप कुमार और अरविंद गुप्ता ने स्वीकार किया कि ऑडियो में उनकी ही आवाज है। उसमें पैसे के लेनदेन की जो बातचीत हो रही है, वह मई माह की है।
पूछताछ में अरविंद गुप्ता ने बताया कि ऑडियो क्लिप में सेक्टर.48 स्थित मदरहुड हास्पिटल की बिल्डिंग के फायर सेफ्टी एनओसी देने के लिए एफएसओ को 80 हजार रुपये देने की बात हो रही है। यह भी कहा गया कि कुलदीप कुमार ने मदरहुड हॉस्पिटल का भ्रमण किया था और उसमें कुछ कमियां पाई थी। उसी के एवज में उन्होंने पैसे की मांग की थी। यह हॉस्पिटल आरएचईए हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित है।
एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि जांच के दौरान मुख्य अग्निशमन अधिकारी अरुण कुमार ने जानकारी दी कि मदरहुड हॉस्पिटल की बिल्डिंग की एनओसी आरएचईए हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेडए मदरहुड हॉस्पिटल यूनिट ऑफ संवेदना हेल्थ सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के लिए की गई थी। जबकि बिल्डिंग ओनर डिटेल में आवेदक का नाम आरएचईए हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड दर्ज किया गया है। लेकिनए ईमेल आईडी फायर वेंडर अरविंद गुप्ता और मोबाइल नंबर उसके कार्यालय में नियुक्त अभिषेक नाम के कर्मचारी का है। यह इसलिए किया गया कि एनओसी से संबंधित जो भी प्रगति या एनओसी उसकी ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर पर मिले। एसएसपी ने बताया कि जांच में कुलदीप कुमार और अरविंद गुप्ता पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप प्रथमदृष्टया सही पाए गए। सीओ थर्ड विमल कुमार ने एफएसओ कुलदीप कुमार और फायर वेंडर अरविंद गुप्ता के खिलाफ थाना सेक्टर.20 में एफआईआर दर्ज कराई। उसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में कुलदीप कुमार और अरविंद गुप्ता ने बताया कि एनओसी के लिए विभाग के पोर्टल में बिल्डिंग ओनर डिटेल पेज पर बिल्डिंग ओनर का नाम खुद या अपने किसी सहयोगी का दर्ज करते थे और ईमेल आई व मोबाइल नंबर अपना या अपने किसी सहयोगी का अंकित करते थे। जबकि पता उसी बिल्डिंग का दर्ज करते थे, जिसकी एनओसी लेनी होती है। ऐसा वास्तविक ओनर को भ्रमित कर उससे अधिक पैसे वसूलने के लिए किया जाता है। एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि सीएफओ अरुण कुमार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पिछले डेढ़ साल से एनओसी के एवज में अवैध वसूली के लिए सात अलग.अलग संगठित गिरोह काम कर रहे हैं। गिरोह ने अपने और अपने सहयोगियों के नाम पर विभिन्न भवनों, विद्यालयो,ए अस्पतालो,ए उद्योगों के फायर डिपार्टमेंट से धोखाधड़ी कर 450 से अधिक एनओसी प्राप्त की गई है। इस बाबत थाना सेक्टर.20 में सात एफआईआर दर्ज कराई गई है। इनमें अनिल शर्मा, मनिराम डांडरियाल, देविका, देविका देसाई, जितेंद्र मोनी, जितेंद्र कुमार गौड,ए एमएसपीएल, अरविंद कुमार गुप्ता, अरविंद गुप्ता, विशाल ढिंगरा, मुकेश गुप्ता, इंद्र कुमार मनी और गुरप्रीत शामिल हैं।