पाली गांव की रूचि भाटी ने किया पीसीएस-जे 2018 क्वालिफाई
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ गौतमबुद्धनगर
ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के पाली गांव की माटी में पली बढी रूचि भाटी ने पीसीएस- जे 2018 में क्वालिफाई कर क्षेत्र और समाज नाम रोशन किया है। रूचि भाटी के दादा पहलेराम प्रधान गांव में बिजली लेकर आए थे। उससे पहले पाली गांव में बिजली नही थी। रूचि के पिता महीपाल भाटी भी गांव में पहले वकील बने। इससे पहले गांव से कोई वकील नही बना था। आज इनकी बिटिया रूचि पीसीएस जे क्वालिफाई कर जज बन गई हैं। यदि रूचि के अतीत पर गौर करें तो पता चलता है कि प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद रूचि ने आगे की पढाई गाजियाबाद से की। बी0एस0सी0 और एल0एल0बी0 की पढाई गाजियाबाद के एमएमच कॉलेज से की और फिर एल0एल0एम0 नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी यमुना सिटी यानी यीडा से की। पारिवारिक पृष्ठभूमि पर गौर करें तो रूचि की मां श्रीमती राजबाला एक गृहणी है। रूचि का विवाह अमरोहा लोकसभा क्षेत्र के मतनौरा गांव निवासी डा0 कपिल कुमार के साथ संपन्न हुआ था। रूचि भाटी और डा0 कपिल कुमार का 6 वर्षीय बेटा शुभ चौधरी भी है। पाली गांव की मिट्टी में पली बढी लाडली बिटिया रूचि भाटी का स्वागत समारोह कर लोगों ने पलकों पर बिठाया। गांव आने पर रूचि भाटी ने सर्वप्रथम मंदिर पर पूर्जा अर्चना की। गांव की चौपाल पर लोगों ने उन्हें फूलमालाओं से लाद दिया और ढोल नगाडों की थाप पर झूमने लगे। इस मौके पर जतन घरबरा, बालकिशन प्रधान, गुरूदेव भाटी, महीपाल भाटी एडवोकेट आदि वक्ताओं ने कहा कि जिस प्रकार रूचि भाटी ने पीसीएस-जे 2018 क्वालिफाई कर क्षेत्र और समाज का नाम रोशन किया है, उससे यह क्षेत्र और समाज गौरवान्वित हो उठा है। रूचि भाटी से प्रेरणा लेते हुए इसी तरह समाज से युवक युवतियां अन्य क्षेत्रों में भी सफलता अर्जित करती रहें। रूचि भाटी ने कहा कि कठिन परिश्रम के बल पर सफलता प्राप्त की जा सकती है। रूचि भाटी ने ’’कानून रिव्यू’’ से बातचीत में बताया कि आखिर किस प्रकार चुनौतियां आईं और परिवार में माता पिता तथा पति ने किस प्रकार से उन्हें आगे बढने के लिए प्रेरित किया और आज उसकी का परिणाम है कि यह सफलता प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि इस सफलता के पीछे उनके पिता जो एक वकील हैं और साथ ही पति का बहुत बडा योगदान रहा है क्योंकि इन लोगों ने उन्हें बराबर मोटीवेट किया। सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र से प्रतिभाएं निकल रही है बस जरूरत इस बात की है कि जिस क्षेत्र में भी रूचि हो उस क्षेत्र में ही आगे बढने के लिए प्रेरित करते रहना चाहिए। ऐसा होने पर जरूर वह प्रतिभा सफलता प्राप्त करती है।