मुरादाबाद सीजेएम कोर्ट में बयान होते ही पूरा मामला पलट गया
कानून रिव्यू/मुरादाबाद
लव जिहाद को लेकर यूपी सियासत तेजी होने लगी है। ऐसा एक मामला मुरादाबाद में प्रकाश मेंं आया है। स्वयं युवती ने ही कथित लव जिहाद के मामले का भंडाफोड कर डाला। पीड़िता का सीजेएम कोर्ट में बयान होते ही पूरा मामला पलट गया। मुरादाबाद के कांठ थाने में लव जिहाद कानून के तहत दर्ज हुए पहले मामले हकीकत कुछ इस प्रकार सामने आई। युवती ने कहा कि उसने अपनी मर्जी से दूसरे धर्म के युवक के साथ शादी की है। शादी किए हुए भी 6 माह बीत चुके हैं। कोर्ट में बयान दर्ज होने के बाद अस्पताल से देर रात उसे छुट्टी दे दी गई। इसके बाद वह अपने माता.पिता के घर जाने की जगह कांठ तहसील स्थित अपनी ससुराल चली गई। एक रिपोर्ट के मुताबिक युवती को 6 दिसंबर को बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ताओं ने रास्ते से पकड़ कांठ थाने की पुलिस के हवाले कर दिया। इसके बाद पुलिस ने उनको नारी निकेतन भेज दिया था और उसके पति और जेठ को ज़बरन धर्मांतरण के आरोप में हिरासत में ले लिया। उस समय युवती ने अपनी उम्र 22 साल बताई थी और 6 महीने पहले अपनी मर्ज़ी से लव मैरिज करना बताया था। युवती ने आरोप लगाया कि बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ताओं के दबाव के चलते पुलिस ने उसकी मां से तहरीर लेकर मुकदमा दर्ज कर लिया है। तब से महिला नारी निकेतन में थी और पति राशिद व जेठ जेल में हैं। युवती ने आरोप लगाया है कि नारी निकेतन में उसे गलत इंजेक्शन दिया गया जिसके चलते उसका गर्भपात हो गया। युवती ने बताया कि मैं 5 दिसंबर को नारी निकेतन गई थी। मुझे वहां बहुत टॉर्चर किया गया। तीन दिन से मेरे पेट में अचानक दर्द उठा। मुझे इंजेक्शन लगाए गए जिससे ब्लीडिंग बहुत ज्यादा होने लगी। उसके बाद फिर तबीयत खराब हुई जिसके बाद इंजेक्शन लगाए गए। मेरा मिस्कैरेज हो चुका है। पहले तो सही था लेकिन इंजेक्शन के बाद मिस्कैरेज हो चुका है। युवती ने कहा कि मैंने अपनी मर्जी से शादी की थी। वैसे तो कानून ने मेरी मद्द की है लेकिन मैं चाहती हूं कि मेरा पति और जेठ को घर वापस भेज दिया जाए। मैंने अपनी मर्जी से 24 जुलाई को देहरादून में शादी की थी। मैं चाहती हूं कि मेरा पति और जेठ को घर पर भेज दिए जाएं। नारी.निकेतन में तबीयत खराब होने के बाद युवती को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था। कांठ थाना पुलिस के मुताबिक कांठ पुलिस की सुरक्षा में युवती को सीजेएम कोर्ट में धारा.164 के तहत बयान दर्ज कराने के लिए पेश किया गया। वहीं बयान दर्ज होने के बाद उसे वापस जिला अस्पताल भेज दिया गया। युवती के अस्पताल पहुंचने के बाद ससुराल के लोगों ने नारी निकेतन की अधीक्षक विनोद बाला श्रीवास्तव से संपर्क किया था। बयान लड़के के पक्ष में देने के बाद युवक के परिजन युवती को अपने साथ घर लेकर चले गए।