करप्शन के खात्मे के लिए सशक्त जनलोकपाल और साथ ही जनता का जागरूक होना भी जरूरी
———— मंहगाई, आतंकवाद और भ्रष्टाचार से समूची दुनिया जूझ रही है और भारत में लोकतंत्र को ये तीनों ही खोखला करते जा रहे हैं। इनमें भ्रष्टाचार यानी करप्शन तो एक ऐसी समस्या है जिससे प्रत्येक व्यक्ति जूझता रहा है। बात चाहे विधायिका की हो या फिर कार्यपालिका अथवा न्यायपालिका की, करप्शन व्यवस्था को घुन की तरह चाट रहा है। सरकार में फाइलें बगैर पैसे के नही चलती हैं और सरकारी काम भी सरक-सरक कर होते हैं। पिछले एक दशक के दौरान जितने घोटाले प्रकाश में आए हैं विधायिका का असली चेहरा सबके सामने हैं।
चारा घोटाला, कॉमनवैल्थ, कोयला, टू स्पेक्ट्रम आदि- आदि घोटाले जिनमें जनता की गाढी कमाई का ज्यादातर पैसा नेताओं की जेब में चला गया है। इससे आम व्यक्ति के मन में करप्शन के खिलाफ सीधा आक्रोश है। यही कारण है कि वर्ष 2011 में जब प्रसिद्ध समाज सेवी अन्ना हजारे ने करप्शन के अचूक अस्त्र जनलोकपाल कानून को पारित कराने के लिए दिल्ली के रामलीला मैदान में आंदोलन किया था, क्या युवा, क्या महिलाएं और क्या बच्चे सभी का जनसैलाब उमड पडा था। इस बार फिर मार्च 2018 में अन्ना हजारे का आंदोलन, जनलोकपाल, किसान हित और चुनाव सुधारों के मुद्दे पर होना तय है। करप्शन एक कानूनी मुद्दा है। करप्शन के क्षेत्र में कई सामाजिक और स्वंयसेवी संगठन काम कर रहे हैं। इनमें एक नाम आता है करप्शन फ्री इंडिया संगठन का। करप्शन फ्री इंडिया ऑरगनाईजेशन के फांउडरों में चौधरी प्रवीन भारतीय, राकेश पवार, जतन भाटी, कृष्णपाल यादव, आलोक नागर और योगेश भाटी शामिल रहे हैं। इनमें चौधरी प्रवीन भारतीय करप्शन को लेकर चल रही अन्ना हजारे की मुहिम में शामिल हुए हैं और जिन्हें हाल में ही बुलंदशहर के औरंगाबाद कसबे में गत 13 दिसंबर 2017 को संपन्न हुई जनसभा में एक धुरी के रूप में देखा गया था। अन्ना हजारे की 11 लोगों की टीम में चौधरी प्रवीन भारतीय का खासा स्थान है। ’कानून रिव्यू’ ने करप्शन फ्री इंडिया संगठन के फांउडर चौधरी प्रवीन भारतीय से करप्शन के मुद्दे पर खास बातचीत है आइए जानते हैं बातचीत के प्रमुख अंशः-
मौहम्मद इल्यास-’दनकौरी’/कानून रिव्यू
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जीवन परिचयः-
नामः–चौधरी प्रवीन भारतीय
पिता का नामः–श्री सतपाल सिंह
जन्म तिथिः– 13-10-1992
मूल स्थानः– ग्राम मूढीं बकापुर, कसबा औरंगाबाद, जिला- बुलंदशहर
( उत्तर प्रदेश)
शिक्षाः– इंटरमीडिएट अमीचंद इंटर कॉलेज कासना, ग्रेटर नोएडा, जिला गौतमबुद्धनगर
वर्तमान पताः-ओमीक्रॉन-थर्ड ग्रेटर नोएडा जिला- गौतमबुद्धनगर
पदः-फांउडर (संस्थापक)- करप्शन फ्री इंडिया संगठन
पूर्व पदः– राष्ट्रीय अध्यक्ष क्राइम फ्री इंडिया फोर्स संगठन
-पत्रकारिता-5 वर्ष ग्रेटर नोएडा, गौतमबुद्धनगर
कोर कमेटी मैंबर करप्शन फ्री इंडियाः-
1 डा0 शीतला प्रसाद पूर्व महानिदेशक भारत सरकार
2ः- कर्नल महकार सिंह नागर
3ः- मेजर युद्धवीर सिंह शिशौदिया
-………करप्शन फ्री इंडिया संगठन की स्थापना कब हुई और इसका मूल उद्देश्य क्या है?
- —करप्शन फ्री इंडिया संगठन की स्थापना 23 दिसंबर 2013 को हुई थी और इसका मुख्य उद्देश्य है भ्रष्टाचार यानी करप्शन के खिलाफ जंग। वर्ष 2014 में नोएडा अथॉरिटी के चीफ इंजिनियर यादव सिंह का घोटाला मीडिया की सुर्खिया बना तो करप्शन फ्री संगठन के कार्यकर्ताओं ने गौतमबुद्धनगर जिला मुख्यालय सूरजपुर पहुंच कर अर्धनग्न होकर प्रदर्शन करते हुए सरकार से सीबीआई जांच करा कर कार्यवाही किए जाने की मांग की थी। परिणामस्वरूप घोटालेबाज यादव सिंह आज जेल की सलाखों के पीछे पडा हुआ है।
…………… करप्शन मिटाने के लिए क्या खास मुहिम रही है?
- —- करप्शन का सीधा सा अर्थ है कि शॉर्ट रास्ता अपनाना यानी काम व्यवस्थित तरीके के बजाय चंद समय में हो जाए। दूसरी ओर गलत काम जो कानूनन हो, ही नही सकता है लालच पैदा कर करवाना या करना दोनो ही करप्शन की उत्पत्ति के कारण हैं। करप्शन के खात्मे के लिए सशक्त जनलोकपाल का लागू होना और साथ ही जनता का जागरूक होना भी जरूरी है। करप्शन को लेकर जनता को जागरूक करने के लिए 23 मार्च 2017 शहीद-ए- आजम सरदार भगत सिंह के बलिदान दिवस पर उन्होंने स्वयं और अपने साथी कृष्णपाल यादव के साथ एक साईकिल यात्रा की थी। करप्शन जागरूक यात्रा बुंलदशहर में शहीद स्तंभ यानी काला आम से शुरू हुई थी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पूरे 19 जिलों से गुजरती हुई 15 अप्रैल 2017 को गौतमबुद्धनगर में वापस आकर समाप्त हुई थी।
…………..करप्शन के खात्मे के लिए संगठन द्वारा कोई विशेष कार्य अथवा उपलब्धि रही है?
- —बिल्कुल, बुंलदशहर के गुलावठी क्षेत्र में सरकारी टीचर कभी स्कूल आता ही नही था और सारी सैलरी उसके खाते में पहुंच जाती थी। करप्शन फ्री इंडिया ने उस मामले को जोर शोर से उठाया और टीचर सस्पेंड हुआ। शहांजहांपुर जिले में एक सरकारी चिकित्सक को प्रैक्टिस करते हुए रंगे हाथों पकडा और सस्पेंड कराने का काम किया। गौतमबुद्धनगर के रबूपुरा क्षेत्र में मौहम्मदाबाद खेडा गांव हैं जंहा एक गरीब मजदूर कन्हैया बिजली लाइन करंट से झुलस गया था बिजली विभाग वायदे से मुकर गया था और सरकारी स्तर से भी कोई मद्द न मिलने पर परिवार भूखों मरने की स्थिति में पहुंच गया था। करप्शन फी्र इंडिया संगठन ने कन्हैया के परिवार को 21000 रूपये की नकद धनराशि प्रदान की थी और साथ ही राशन सामग्री दी थी। एक लंबी लडाई के बाद कन्हैया के परिवार को सरकार से आर्थिक मद्द के रूप में 4 लाख रूपये दिलाने का काम किया था।
……….नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी में आप मानते हैं करप्शन है संगठन की ओर से कोई विशेष पहल की गई है?
- — नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी गौतमबुद्धनगर में सपनों के तीन नए शहरों को डेवलप कर रही है जिनके कारण गौतमबुद्धनगर का नाम यूपी में नही बल्कि दुनिया के मानचित्र पर भी छाया हुआ है। मगर वहीं इन विकास प्राधिकरणों में किसानों और आम लोगों का कोई काम बगैर पैसे के नही हो पाता है और यह तीनों प्राधिकरण करप्शन के अड्डे बने हुए हैं। सीएम योगी ने सीएजी से ऑडिट कराने का फैसला लिया है जिससे दूध का दूध और पानी का पानी अलग हो जाएगा। वहीं दूसरी ओर भ्रष्ट अफसर वर्षो से जमे हुए हैं जिनका तबादला दूसरे प्राधिकरणों में किया जाना चाहिए। इस संबंध में मेरठ कमिश्नर व यमुना अथॉरिटी के चेयरमैन डा0 प्रभात कुमार तबादलों के लिए जरूरी दिशा निर्देश जारी कर चुके हैं। वहीं राज्य सरकार भी तबादला नीति को अंतिम रूप दे चुकी है। इस मुद्दे पर आरटीआई के जरिए संगठन ने काम शुरू कर दिया है और किसी भी कीमत पर इन अथॉरिटी में करप्शन को रहने नही दिया जाएगा।
…………….. अन्ना हजारे को करप्शन को लेकर मुहिम चला रहे हैं किस तरह संपर्क में आए?
- —– प्रसिद्ध समाजेसवी अन्ना हजारे 2011 में जनलोकपाल को लेकर दिल्ली में आंदोलन कर रहे थे। एक भारतीय होने के नाते पत्रारिकता के कुछ साथियों के साथ रामलीला मैदान में पहुंच गए और अन्ना आंदोलन को समर्थन दिया। अन्ना आंदोलन ने देश के प्रति ऐसी भावना पैदा की कि फिर पीछे मुड कर नही देखा और अन्ना जी के हर आंदोलन में भाग लेना शुरू कर दिया। वर्ष 2013 में अन्ना जी ने किसान और जवानों को लेकर आंदोलन किया और फिर वे मार्च 2015 को अन्ना जी के गांव रालेगण सिद्धि पहुंच गए। रालेगण सिद्धि गांव के विकास को देख कर एक संकल्प लिया कि जीवन भर अन्ना जी के बताए हुए मार्गदर्शन में कार्य करना है। बीते 7 अक्टूबर 2017 को अन्ना जी ने पूरे देश से 55 कार्यकर्ताओं को बुलाया जिनमें एक नाम उनका भी था।
…………. बुलंदशहर के औरंगाबाद कसबे में अन्ना हजारे की सफल जनसभा से क्या मानते हैं कि. एनसीआर क्षेत्र में अन्ना आंदोलन की धुरी बन चुके है?
- —- अन्ना हजारे सशक्त जनलोकपाल, किसान हित और चुनाव सुधारों को लेकर मार्च 2018 में फिर आंदोलन करने वाले हैं। इस आंदोलन की हुंकार उत्तर प्रदेश से ही हुई है। आगरा में अन्ना हजारे की जनसभा गत 12 दिसंबर 2017 में संपन्न हुई और उनके कसबे औरंगाबाद जिला बुंलदशहर में अन्ना जी की जनसभा 13 दिसंबर 2017 को हुई तथा संभल में 24 को, इस प्रकार अन्ना जी की यह तीनो जनसभाएं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हुई हैं। अन्ना जी ने गत 8 नवंबर 2017 को उन्हें बुला कर औरंगाबाद बुंलदशहर में जनसभा के लिए निर्देशित किया था और संगठन के सभी कार्यकर्ताओं के सहयोग से अन्ना जी की यह जनसभा सफल भी हुई। बुलंदशहर एक ऐसा स्थल हैं जिसे शहीदों की शहादत के लिए याद किया जाता है यहां पर स्थित शहीद स्तभं पर न कितने ही आजादी के मतवालों को अंग्रेजों ने फांसी पर चढा दिया था। ऐसे क्षेत्र से जब अन्ना जी के आंदोलन का बिगुल बजा है तो तय मानिए कि मार्च 2018 में होने वाला अन्ना आंदोलन जरूर एक क्रांति लेकर आएगा।
……………… अन्ना हजारे का आंदोलन किन खास मुद्दों पर होना है?
- —– अन्ना हजारे का मार्च 2018 में आंदोलन होगा जिसमें मुख्यतः सशक्त जनलोकपाल, किसान हित और चुनावा सुधारों के कार्यक्रम होंगे। अन्ना हजारे के जनलोकपाल में एक चपरासी से लेकर डीएम तक और ग्राम पंचायत मैंबर से लेकर प्रधानमंत्री तक की जवाबदेही तय की गई थी। साथ ही इन लोगों के ब्लड रिलेशन मैंबरों का ऑडिट कराना जाना तय किया था। किंतु वर्तमान केंद्र सरकार ने लोकपाल संशोधन कानून 2016 लाकर जनलोकपाल को इतना भोथरा कर दिया कि ये सारे प्रावधान जनलोकपाल से हवा हो गए और 27 जुलाई को बिना चर्चा के मात्र दो दिन में लोकसभा और राज्यसभा में पारित करा राष्ट्रपति तक से हस्ताक्षर कर लिए गए। सरकार की नीयत में खोट होने पर ही यह अन्ना जी का आंदोलन होगा।
………………….चुनाव सुधारों की श्रंखला क्या खास बदलाव होने की जरूरत है?
- —-चुनाव सुधार न होना भी करप्शन का एक दूसरा कारण है। चुनाव सिंबल पर होते हैं जो खुला करप्शन है। चुनाव चिन्ह समाप्त कर प्रत्याशी के चेहरे पर चुनाव होना चाहिए। एक बेचारा आम आदमी चुनाव में आने ही हिम्मत जुटाता है चुनाव आयोग मतदान से चंद दिन पहले ही चुनाव चिन्ह आवांटित करता है और दूसरी ओर चुनाव आयोग से पंजीकृत सिंबल होते हैं जिन्हें टिकट के तौर पर खरीदा और बेचा जाता है। यदि चुनाव प्रत्याशी के चेहरे पर होंगे तो यह सारी दिक्कतें स्वयं ही दूर हो जाएंगी। ईवीएम में चुनाव चिन्हों की जगह पर प्रत्याशियों के फोटो लगाई जानी चाहिए ताकि जनता फेस वैल्यु के बेस पर प्रत्याशी का चुनाव कर सके। इसके अलावा राइट-टू रिकॉल और राइट-टू रिजेक्ट पूरे देश में लागू किए जाने चाहिए ताकि जनता नकारा और करप्ट जनप्रतिधियों को सबक सीखने का काम कर सके।
……………..करप्शन फ्री संगठन की भावी योजना क्या है?
- —– करप्शन फ्री इंडिया अन्ना जी के आंदोलन से पहले ही एक साईकिल यात्रा निकलेगा जो गौतमबुद्धनगर से शुरू होगी और लखनउ से होती हुई दिल्ली में अन्ना जी के आंदोलन स्थल पर आकर समाप्त होगी। यह 11 सदस्य साईकिल यात्रा करप्शन के प्रति लोगों को जागरूक करती हुई लखनउ जाएंगी और फिर वहां पर महामहिम राज्यपाल को एक ज्ञापन दिया जाएगा तत्पश्चात दिल्ली के लिए कूच करेगी और अन्ना जी के साथ दिल्ली में सत्याग्रह किया जाएगा।