कानून रिव्यू/नई दिल्ली
कर्नाटक राजनीतिक संकट मामले में कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और उस आदेश को वापस लेने की गुहार लगाई जिसमें गुरुवार को ही शाम 6 बजे 10 बागी विधायकों से मिलने और रात 12 बजे तक फैसला देने को कहा गया है। हालांकि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की पीठ ने इस मामले में तुरंत सुनवाई करने से इनकार कर दिया। स्पीकर के वकील ए0 एम0 सिंघवी और देवदत्त कामत द्वारा कहा गया कि स्पीकर संवैधानिक रूप से पहले अयोग्यता कार्यवाही करने के लिए बाध्य है और उस पर विचार चल रहा है। उन्होंने कहा कि पीठ द्वारा ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया जा सकता और इस याचिका पर अभी सुनवाई होनी चाहिए। लेकिन पीठ ने कहा कि उसने सुबह ही इस मामले में आदेश पारित कर दिया है और अध्यक्ष को यह तय करना है कि उनकी कार्रवाई क्या होनी चाहिए? पीठ इस मामले की शुक्रवार को सुनवाई करेगी। विधायकों के इस्तीफे किसी दबाव में तो नहीं, ये जांचने में लगेगा वक़्त। कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष ने अपनी अर्जी में कहा है कि संवैधानिक कर्तव्य और विधानसभा नियमों के तहत वो ये सत्यापित करने के लिए बाध्य हैं कि विधायकों द्वारा दिए गए इस्तीफे स्वैच्छिक थे या दबाव मे दिए गए थे। इसलिए ये जांच आधी रात तक पूरी नहीं की जा सकती है। स्पीकर ने कहा है कि वह बागी विधायकों के खिलाफ शुरू की गई अयोग्यता कार्यवाही पर विचार कर रहे हैं और उसके लिए भी उन्हें समय चाहिए। अदालत के निर्णय के चलते इस्तीफे की स्वैच्छिक प्रकृति का फैसला करना मुश्किल हो गया जिसकी उचित जांच की आवश्यकता हो सकती है।