––एसपी देहात ’सुनीति’ से ट्रेफिक मैनेजमेंट और रोड सैफ्टी के मुद्दे पर ’कानून रिव्यू’ की खास बातचीत–
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मौहम्मद इल्यास-’दनकौरी’/कानून रिव्यू
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- गौतमबुद्धनगर में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना शहर ऐसे हैं जो विकास की ओर अग्रसर है। नोएडा तो प्रायः बस चुका है जब कि ग्रेटर नोएडा और यमुना शहर अभी बस रहे हैं। ग्रेटर नोएडा ट्रेफिक के मायने में बिल्कुल खास है। यहां जाम की कोई समस्या नही है खुली और साफ सडकें तथा किनारे पर चलतें हुए फव्वारे और रंग बिरंगे फूल इठलाते इतराते रहते हैं। यमुना शहर भी इस प्रकार का है। जब से यमुना एक्सप्रेस-वे, ग्रेटर नोएडा शहर से जुडा है अब ट्रेफिक का दवाब बढने लगा है। जल्द ही यमुना शहर, ईस्टर्न पेरीफेल एक्सप्रसे-वे से जुडने जा रहा है साथ ही ग्रेटर नोएडा मेट्रो से सेवा भी जल्द जुड जाएगा। गौतमबुद्धनगर से आगरा, कानपुर, लखनउ, सोनीपत, पलवल सीधी कनक्टेविटी जुड जाने पर ट्रेफिक का दवाब देखने को मिलेगा। मास्टर प्लान को देखते हुए ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण की ओर से ट्रेफिक मैनेजमेंट की तैयारी की जा रही है। पुलिस की ओर भी से ट्रेफिक मैनेजमेंट और रोड सैफ्टी पर काम किया जा रहा है। आईपीएस सुनीति गौतमबुद्धनगर में एसपी देहात के पद पर तैनात हैं। जिले के ग्रामीण क्षेत्र में यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए नई योजना तैयार की जा रही है। ’कानून रिव्यू’ ने एसपी देहात सुनीति से ट्रेफिक मैनेजमेंट और रोड सैफ्टी के मुद्दे पर बातचीत कीं, आइए जानते हैं बातचीत के प्रमुख अंशः-
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—— हाईटेक शहर ग्रेटर नोएडा में बढता ट्रेफिक का दवाब पुलिस के लिए चुनौती बनता जा रहा है?
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………….. ऐसा नही है शहर में ट्रेफिक को व्यवस्थित ढंग से चलाने के लिए पुलिस अपना कार्य निरंतर कर रही है।
—- यमुना एक्सप्रेस-वे की जब से कनेक्टेविटी हुई है परी चौक पर जाम जैसी स्थिति बनने लगी है?
- ………… परी चौक ग्रेटर नोएडा शहर का सेंट्रल प्वाइंट बन गया है। यमुना एक्सप्रेस-वे जब से शुरू हुआ है दिल्ली और आगरा तक का ट्रेफिक यहां से होकर गुजरता है। अक्सर शाम के वक्त जब दफ्तरां की छुट्टी होती है परी चौक पर ट्रेफिक का दवाब बढ जाता है। ऐसे वक्त पुलिस फोर्स ट्रेफिक को व्यवस्थित करती है ताकि जाम न लगने पाए।
—–परी चौक पर मेट्रो स्टेशन है, मेट्रो सेवा जल्द ही शुरू होने वाली है तब क्या बढते ट्रेफिक के दवाब से पुलिस के लिए चुनौतिया पैदा नही होंगी?
- ……………… ऐसा बिल्कुल नही है, परी चौक पर पहले ही पर्याप्त रूप से पुलिस फोर्स तैनात है। यहां एक ओर परी चौक पुलिस चौकी बनी हुई है जब दूसरी ओर थाना नॉलेज पार्क की अंसल प्लाजा पुलिस चौकी है। इसके अलावा ट्रेफिक पुलिस की टीम भी मुस्तैद रहती है।
—— जिले को गरूड और शक्ति पुलिस लैपर्ड मिली है इनमें ग्रेटर नोएडा को कितनी आई हैं और ट्रेफिक मैनेजमेंट में क्या भूमिका है?
- ……………..पुलिस लैपर्ड जिन्हें गरूड नाम दिया है गरूड का अर्थ एक पक्षी की तरह फर्राटे से काम करना है। शहर के प्रमुख चौराहों से होते हुए यह गरूड कलस्टर के रूप में चलेंगी। ये गरूड लैपर्ड ट्रेफिक नियम तोडने वालों पर पैनी निगाह रखेंगी और उडन दस्ते की तरह ट्रेफिक नियम तोड कर भाग रहे व्यक्ति तक पहुंच कर चालान थमा देंगे। गरूड लैपर्ड पर अलग अलग महिला और पुरूष पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। ग्रेटर नोएडा शहर को 8 गरूड और शक्ति लैपर्ड मिली है और जिन्होंने अपना काम करना शुरू कर दिया है।
–—–ग्रेटर नोएडा शहर में मुख्यतः दो चौराहे सूरजपुर घंटा चौक और होंडा सिएल चौक जहां लाल बत्ती तो लगी हुई है मगर वहां पर कोई ट्रेफिक पुलिसकर्मी तैनात नही है और यही कारण है लोग रेड लाइट जंप करते है जिससे आए दिन दुघर्टनाएं प्रकाश में आती रहती हैं ?
- …………………..शहर के इन दोनो चौराहों की लाल बत्तियां खराब पडी हुई हैं जिन्हेंं ठीक कराने के लिए ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण को पत्र लिखा गया है। गरूड लैपर्ड इस तरह के सभी चौराहों पर जाकर ट्रेफिक नियम तोडने वालों का चालान करेंगी।
—— शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की योजना पूर्व में तैयार की गई थी जिनमे परी चौक समेत कुछ ही चौराहों पर कैमरे लगाए गए थे। इनमें परी चौक से सीसीटीवी कैमरे उस समय चोरी तक कर लिए गए थे?
- ……………….सीसीटीवी कैमरे सीएसआर की मद्द से लगवाए जा रहे हैं। इनमें थाना ग्रेटर नोएडा और थाना इकोटेक थर्ड के 2-2 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए जा चुके हैं।
—– दनकौर में यमुना एक्सप्रेस-वे रैंप के सामने 60 मीटर इंटरसिटी रोड पर सेंट्रल व्रज पर कट बंद कर दिया है। यमुना एक्सप्रेस-वे रैंप से उतर कर दनकौर की ओर जाने वाले लोग रांड साइड जाते हैं और जिससे विपरीत दिशा से वाहन आपस में टकराते रहते हैं?
- ………………यदि ऐसा है तो वहां पर वैकल्पिक व्यवस्था कराई जाएगी ताकि दुघर्टनाओं से बचा जा सकें।
—– ट्रेफिक मैनेजमेंट में जनता की क्या भूमिका होनी चाहिए?
- …………… यदि जनता ट्रेफिक रूल्स के प्रति जागरूक होगी तो कई तरह की दिक्कते स्वतः ही दूर हो जाएगीं क्योंकि जनता ही तो वास्तव में पुलिस की मित्र होती है। जनता के बीच से वाल्यंटेरों को ट्रेफिक मैनेजमेंट में लगाया जा रहा है और 40 वाल्यंटेरों को शहर की यातायात व्यवस्था का जिम्मा दिया जा रहा है।
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