विदेशी कैदी जेल में स्थानीय कश्मीरी युवाओं के दिमाग को कट्टरपंथी बनाने हेतु उनका ब्रेनवॉश कर रहे हैं। जम्मू.कश्मीर राज्य में स्थानीय जेलों में समान पृष्ठभूमि वाले और आतंकवादी संगठनों से संबंध रखने वाले कैदियों की बहुलता है। इस तरह की कट्टरता का प्रभाव यह है कि इन कैदियों के साथ जेल में बंद कैदियों का ब्रेनवॉश करने से स्थानीय युवक आतंकवाद का खतरा फैला सकते हैं।
कानून रिव्यू/नई दिल्ली
——————————-पाकिस्तानी कैदियों को तिहाड़ जेल ट्रांसफर करने की याचिका को लेकर जम्मू कश्मीर सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। याचिका में जम्मू व अन्य जेलों में बंद 7 पाकिस्तानी कैदियों को दिल्ली की तिहाड़ जेल या अन्य राज्य की जेल में ट्रांसफर करने की मांग की है। जम्मू कश्मीर ने कहा है कि ये पाकिस्तानी कैदी स्थानीय कैदियों को आतंकवादी गतिविधियों का सहारा लेने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस एम् आर शाह की पीठ ने राज्य सरकार के वकील को 7 कैदियों को याचिका की प्रति देने को कहा है ताकि वे भी अपनी प्रतिक्रिया दे सकें। जम्मू कश्मीर राज्य शासन चाहता है कि जाहिद फारूक और 6 अन्य पाकिस्तानी विचाराधीन कैदियों को तिहाड़ जेल या नजदीकी राज्य में स्थानांतरित कर दिया जाए। राज्य ने कहा कि उसे खुफिया जानकारी मिली है जिससे पता चला है कि इन कैदियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा किया है और भारत में नागरिकों के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना बनाने और डिजाइन करने में उनकी भागीदारी से इनकार नहीं किया जा सकता। इस तरह की नापाक योजनाओं को अंजाम देने के लिए यह समझा जाता है कि ये कैदी अन्य कैदियों के दिमाग और मानस को प्रभावित करके जेल परिसर के भीतर समर्थन जुटा रहे हैं। यह भी मज़बूती से कहा गया है कि कैदियों को काफी स्थानीय समर्थन प्राप्त है और इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि उन्हें आतंकवादी संबंधित गतिविधियों को अंजाम देने के लिए सूचनाए संसाधन और अन्य मदद मिल सकती है। इसमें कहा गया है कि विदेशी कैदी जेल में स्थानीय कश्मीरी युवाओं के दिमाग को कट्टरपंथी बनाने हेतु उनका ब्रेनवॉश कर रहे हैं। जम्मू.कश्मीर राज्य में स्थानीय जेलों में समान पृष्ठभूमि वाले और आतंकवादी संगठनों से संबंध रखने वाले कैदियों की बहुलता है। इस तरह की कट्टरता का प्रभाव यह है कि इन कैदियों के साथ जेल में बंद कैदियों का ब्रेनवॉश करने से स्थानीय युवक आतंकवाद का खतरा फैला सकते हैं। याचिका में कहा गया है कि राज्य के खिलाफ उन्हें लामबंद करने और उनके उद्देश्यों के प्रति सहानुभूति पैदा करने की भी कोशिश की जा रही है। राज्य ने कहा है कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि राज्य में व्याप्त अजीबोगरीब राजनैतिक हालात, उग्रवाद और घुसपैठ की स्थिति के कारण, जम्मू और कश्मीर राज्य में स्थानीय लोग, विशेष रूप से जेलों में बंद कैदी ब्रेनवॉश और निर्वहनीय होने के लिए अतिसंवेदनशील हैं और वो हथियार उठा सकते हैं। राज्य को खुफिया जानकारी मिली है कि जैश.ए.मुहम्मद और लश्कर.ए.तैयबा जैसे आतंकी संगठनों से संबंधित कुछ कैदी हैं जिन्होंने राज्य के नागरिक और जेल में बंद अन्य कैदियों का ब्रेनवॉश करने के लिए विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया है। राज्य ने कहा है कि ये गतिविधियां देश की अखंडता व संप्रुभता के लिए खतरा हैं,इसलिए यह बेहतर होगा कि 7 कैदियों को राज्य से बाहर ट्रांसफर किया जाए।