विधिक सेवा प्राधिकरण की योजनाएं लोक अदालत के माध्यम से शीघ्र व सुलभ न्याय उपलब्ध कराना, मध्यस्ता केंद्र के माध्यम से दो परिवारों के बीच सुलह समझौता करा कर परिवारों को टूटने से बचाना, कानून की जानकारी एवं निर्धनता के अभाव में कोई जनसामान्य कानूनी मद्द पाने से वंचित ना रहे यह प्रयास विधिक सेवा प्राधिकरणद्वारा किया जा रहा है
विधिक सेवा दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष व जिला न्यायाधीश ने किया
- कानून रिव्यू/गौतमबुद्धनगर
—————————- उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशों के अनुपालन में विधिक सेवा दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष व जिला न्यायाधीश प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने न्यायालय परिसर स्थित सभागार में किया। उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला न्यायाधीश श्री प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित योजनाएं निशुल्क हैं और विधिक सहायता उपलब्ध कराना विधिक सेवा प्राधिकरण का लक्ष्य है। विधिक सेवा प्राधिकरण की योजनाएं लोक अदालत के माध्यम से शीघ्र व सुलभ न्याय उपलब्ध कराना, मध्यस्ता केंद्र के माध्यम से दो परिवारों के बीच सुलह समझौता करा कर परिवारों को टूटने से बचाना, कानून की जानकारी एवं निर्धनता के अभाव में कोई जनसामान्य कानूनी मद्द पाने से वंचित ना रहे यह प्रयास विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है। जन सामान्य को जागरुक करने एवं इसका लाभ उठाए जाने के संबंध में अधिक से अधिक प्रचार प्रसार किया जाए इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्राप्त निर्देशानुसार दिनांक 9 नवंबर 2017 दिनांक 18 नवंबर 2017 तक विधिक सेवा सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैनल अधिवक्ता एवं पराविधिक स्वयं सेवकों द्वारा विभिन्न विभिन्न स्थानों पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा जिससे विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ आम जनता जनता तक पहुंच सके।
सिविल जज सीनियर डिविजन व विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती नीलू मैनवाल ने कहा कि आज 9 नवंबर-2017 को विधिक साक्षरता दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष व जिला जज माननीय श्री प्रदीप कुमार श्रीवास्तव के द्वारा किया गया है।यह विधिक साक्षरता दिवस इस बार विधिक सेवा दिवस के रूप में भी मनाया जा रहा है। इस वर्ष विधि सेवा दिवस कार्यक्रम 9 नवंबर से शुरू होकर 18 नवंबर-2017 तक मनाया जाएगा । उन्होंने कहा कि विधिक सेवा दिवस का मुख्य उद्देश्य गरीब, कमजोर और दूरस्थ लोगों को कानूनी मद्द की जानकारी देकर कानून की मद्द उपलब्ध कराना ताकि कोई गरीब और बेसहारा व्यक्ति कानूनी मद्द पाने से वंचित न रह पाए। कार्यक्रम में इस मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैनल अधिवक्ता रामशरण नागर, किशन लाल पाराशर, नरेश चंद गुप्ता, श्रीमती वंदना शर्मा के अतिरिक्त पराविधिक स्वयं सेवक उपस्थित रहे।
कानून चला जनता के द्वार ’विधिक सेवा दिवस’ दस दिवसीय होगा
सिविल जज सीनियर डिविजन व विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती नीलू मैनवाल ने दी ’कानून रिव्यू’ को जानकारी
- मौहम्मद इल्यास-’दनकौरी’/कानून रिव्यू
——————————————-संविधान में प्रत्येक भारतीय नागरिक को न्याय पाने का अधिकार है। साथ ही न्याय पाने के रास्ते में गरीबी बिल्कुल भी आडे नही आ सकती है। सरकार कानूनी मद्द दिए जाने के लिए भरसक प्रयास करती है। कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसे न्याय चाहिए, ऐसा व्यक्ति पीडित भी हो सकता है और आरोपी भी, न्याय की दरकार दोनो लोगों को होती है। न्यायपालिका कानूनी मद्द मुहैया कराने के लिए और वह भी निशुल्क रूप से कार्यक्रम चलाती रहती है। जिसके लिए राज्यों में राज्य स्तर और जिलों में जिला स्तर पर विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन पहले ही किया जा चुका है। गौतमबुद्धनगर में भी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण लोक अदालतों के माध्यम से, मधस्थता केंद्रों के माध्यम और साथ ही कई अन्य कार्यक्रमों के द्वारा गरीब और बेसहरा लोगो को कानूनी मद्द मुहैया कराने की दिशा में कार्य कर रही है। इसी कडी में जिला न्यायालय परिसर के सभागार में 09 नवंबर-2017 को विधिक सेवा दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष व जिला न्यायाधीश के द्वारा किया जा चुका है। विधिक साक्षरता दिवस को विधिक सेवा दिवस कार्यक्रम के रूप मनाने की ’कानून रिव्यू’ को जानकारी देते हुए सिविल जज सीनियर डिविजन व विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती नीलू मैनवाल ने बताया कि कानून चला जनता के द्वार अभियान जनपद में तेजी से शुरू हो गया है। इस बार विधिक साक्षरता दिवस को विधिक सेवा दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। जिसका शुभारंभ न्यायालय परिसर में जिला जज द्वारा कर दिया गया है। यह विधिक सेवा दिवस कार्यक्रम 9 नवंबर से शुरू होकर 18 नवंबर-2017 तक संपन्न होगा। उन्होंने बताया कि अमूमन देखा जाता है कि संपन्न व्यक्ति तो न्याय पाने में सक्षम हो जाता है किंतु वहीं गरीब और बेसहारा लोगों को न्याय पाने के लिए दिक्कतों का सामना करना पडता है। गरीब और बेसहारा लोगों के पास वकील को अच्छी खासी फीस देने के लिए पैसे नही होते हैं। जब कि न्याय पालिका का मुख्य उद्देश्य होता है कि प्रत्येक व्यक्ति को न्याय मिले चाहे उसके पास पैसे हैं या नही। इसलिए विधिक सेवा प्राधिकरण जनपद स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाता रहता है ताकि जरूरतमंदों को कानूनी जानकारी और कानूनी मद्द दी जा सके। सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि विधिक सेवा दिवस में कमजोर, सीमांत तथा गरीब व्यक्तियो को विधिक सेवा संस्थाओ मुफ्त विधिक सेवा,लीगल ऐड क्लीनिक की उपयोगिता,फ्रंट ऑफिस विधिक सेवा हेल्पलाइन नंबर से जानकारी दी जाएगी। साथ ही इस अभियान में ऐसे व्यक्तियों को चिन्हित किया जाएगा जिन्हें विधिक सहायता की आवश्यकता है। इस अभियान में अन्य कार्यक्रमों के अतिरिक्त डोर टू डोर अभियान के अंतर्गत घर तक जानकारी दी जाएगी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा नियुक्त पेराविधिक स्वंय सेवा की टीम गठित की जाएगी। जब कि टीमो की अध्य्क्षता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैनल अधिवक्ता करेंगे। दूरस्थ ग़ांव के आर्थिक,शैक्षणिक व सामाजिक रूप से पिछड़े व्यक्तियों,झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले मजदूरो को अभियान के तहत लाभ पहुंचाया जाएगा। इस अभियान के अंतर्गत विधि विद्यालयों व महाविद्यालयो में निबंध प्रतियोगिता इत्यादि का आयोजन भी किया जाएगा।