मायावती ने कहा कि सूबे में है जंगलराज कायम
- कानून रिव्यू/उत्तर प्रदेश
—————————- यूपी के राज्यपाल राम नाईक ने एक फिर योगी सरकार को लताड लगाई है। इस बार महामहिम राज्यपाल ने कासगंज की घटना पर अपनी ही राज्य सरकार पर सख्त टिप्पणी की हैं और उन्होंने इस हिंसा को सूबे के लिए कलंक बताया है। कासगंज हिंसा को शर्मनाक बताते हुए उन्होंने राज्य सरकार से कहा कि प्रशासनिक मशीनरी को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए जिससे ऐसी घटनाएं फिर से ना हो। महाराणा प्रताप के परिनिर्वाण दिवस के मौके पर राज्यपाल ने कहा कि कासगंज की घटना किसी के लिए भी शोभादायक नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि कहा कि जो कासगंज में हुआ वो किसी को भी शोभा दायक नहीं है। वहां जो घटना हुई है यूपी के लिए कलंक के रूप में हुई है। सरकार उसकी जांच करा रही है सरकार ऐसे कदम उठाए कि फिर से ऐसा ना हो।
गणतंत्र दिवस पर उत्तर प्रदेश के कासगंज में दो समुदायों के बीच हिंसा के बाद इलाके में तनाव बना हुआ है। इसी बीच जिला प्रशासन मृतक चंदन के घर 20 लाख का चेक देने पहुंचा तो घरवालों की स्थिति काफी नाजुक थी उनका काफी बुरा हाल था। उन्होंने चेक लेने से तुरंत इंकार कर दिया। चंदन के माता.पिता ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि जब यहां घटना हो रही थी तब वो एटा में बैठकर नुमाइश देख रहे थे।
वहीं पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि हिंसा में शामिल लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की तामील की जाएगी। घर.घर में तलाशी ली जा रही है। कुछ जगहों पर विस्फोटक तत्व बरामद हो रहे हैं। इस बीच हालात के मद्देनजर कासगंज में शांति समिति की बैठक आयोजित की गई।
विपक्ष की ओर से सपा और बसपा ने इस पूरी हिंसा के लिए योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उनके मुताबिक योगी सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह असफल रही है। पुलिस ने इस मामले में अब तक 112 लोगों को गिरफ्तार किया है।
हिंसा भड़कने के तीसरे दिन यानी रविवार को अराजक तत्वों ने एक दुकान में आग लगा दी थी। हालांकि स्थिति पर जल्द ही काबू पा लिया गया। पुलिस का दावा है कि स्थिति धीरे.धीरे सामान्य हो रही है लिहाजा अब कर्फ्यू लागू नहीं किया गया है। इलाके पर ड्रोन कैमरों की मदद से नजर रखी जा रही है। पुलिस द्वारा जारी बयान के मुताबिक कासगंज हिंसा मामले में अब तक कुल 112 लोग गिरफ्तार किए गए हैं इनमें से 31 अभियुक्त हैं जबकि 81 अन्य को एहतियातन गिरफ्तार किया गया है। हिंसा के मामले में अब तक पांच मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इनमें से तीन कासगंज के कोतवाल की तहरीर पर पंजीकृत हुए हैं।
पुलिस महानिरीक्षक अलीगढ़ जोन संजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि शहर के नदरई गेट इलाके के बाकनेर पुल के पास एक गुमटी में आग लगा दी गयी। हालांकि पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए हालात को जल्दी काबू कर लिया। नामजद आरोपियों के घरों पर दबिश दी जा रही है। इस दौरान कुछ हथियार बरामद किए गए हैं।
आगरा जोन के अपर पुलिस महानिदेशक अजय आनन्द ने बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि शहर में डर का माहौल नहीं है। पुलिस ने वारदात पर रोक लगाई है और घटनाओं में शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शा जाएगा। ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है। जब तक ऐसा आखिरी व्यक्ति नहीं पकड़ लिया जाता। तब तक हमारा अभियान जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि शांति समिति की बैठक में शहर के गणमान्य लोग शामिल थे और बैठक में तय किया गया कि सभी दुकानदार अपनी.अपनी दुकानें खोलेंगे। बैठक में हिस्सा लेने वाले आगरा के मण्डलायुक्त सुभाष चंद्र शर्मा ने कहा कि बैठक के दौरान सभी पक्षों ने अपना.अपना नजरिया पेश किया और मौजूदा हालात को लेकर अपनी चिंता जाहिर की। प्रशासन ने उनकी हर सम्भव मदद का आश्वासन दिया है। बैठक में शामिल लोगों से अपने.अपने इलाकों में निगरानी रखने को कहा गया है।
शर्मा ने कहा कि दुकानदारों से कहा गया है कि वे अपने.अपने प्रतिष्ठान खोलें। प्रशासन सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। दुकानें खुलेंगी तो हालात धीरे.धीरे सामान्य हो जाएंगे। जिला प्रशासन वीडियो फुटेज के आधार पर उपद्रवियों को चिह्नित कर रहा है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
इस बीच प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कासगंज में हुई घटना को दुखद बताते हुए इसकी निन्दा की। उन्होंने कहा कि जो लोग भी इसके लिये दोषी हैं उनमें से एक भी व्यक्ति नहीं बख्शा जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद हालात की समीक्षा की है। अपराधी चाहे जितना बड़ा या प्रभावशाली हो, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अब हमारे पास कड़े कानून आ गए हैं। यह गड़बड़ी करने वालों के लिए चेतावनी भी है। कुछ लोग लूटपाट कराने और आपसी मतभेद कराने कोशिश कर रहे हैं। दंगे करने वालों के साथ.साथ फसाद की साजिश करने वाले भी दण्डित होंगे।
इस बीच बसपा अध्यक्ष मायावती ने कासगंज में हुए उपद्रव का जिक्र करते हुए कहा कि सूबे में जंगलराज है। इसका ताजा उदाहरण कासगंज की घटना है जहां हिंसा की आग अब भी शांत नहीं हुई है। बसपा इसकी कड़ी निन्दा के साथ.साथ दोषियों को सख्त सजा देने की मांग करती है।
उन्होंने कहा कि खासकर भाजपा शासित राज्यों उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान तथा महाराष्ट्र आदि में अपराध.नियन्त्रण और कानून.व्यवस्था के साथ.साथ जनहित तथा विकास का बुरा हाल है। इससे यह साबित होता है कि भाजपा एण्ड कम्पनी का हर स्तर पर घोर अपराधीकरण हो गया है। सपा उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने कासगंज की घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि हमेशा चुनाव के पहले दंगा होता है। मुजफ्फरनगर में भी लोकसभा चुनाव से पहले दंगा हुआ था। कासगंज में भी दंगा हुआ। चुनाव से पहले ही क्यों दंगा होता है। इसकी निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए।
मालूम हो कि गणतंत्र दिवस पर विश्व हिन्दू परिषद, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, बजरंग दल समेत विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं द्वारा कासगंज के बड्डूनगर में मोटरसाइकिल रैली निकाले जाने के दौरान दोनों पक्षों के बीच पथराव और गोलीबारी हुई थीए जिसमें एक युवक की मौत हो गयी थी तथा एक अन्य जख्मी हो गया था।
वारदात के दूसरे दिन भी शहर में हिंसा जारी रही। उपद्रवियों ने तीन दुकानों, दो निजी बसों और एक कार को आग के हवाले कर दिया था। प्रशासन ने इंटरनेट सेवाएं तक बंद कर थीं ताकि सोशल मीडिया के जरिए फैलने वाली अफवाहों को रोका जा सके। रैपिड एक्शन फोर्स और पीएसी के जवान लगातार चौकसी कर रहे हैं। जिले की सीमाएं सील कर दी गयी हैं ताकि शांति भंग करने का प्रयास करने वालों को शहर में प्रवेश से रोका जा सके। आगरा जोन के अपर पुलिस महानिदेशक, अलीगढ के मंडलायुक्त, अलीगढ रेंज के पुलिस महानिरीक्षक लगातार मामले पर नजर बनाए हुए हैं।