कानून रिव्यू/नई दिल्ली
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केंद्रीय कानून मंत्री ने ज्यूडीशएरी को ही नसीहत दे डाली है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए जूडिशीएरी को यह नसीहत दे डाली कि वह सरकार के कामकाज में दखल न दे. दरअसल कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद एक सेमिनार में बोल रहे थे। जहां उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पूर्व चीफ जस्टिस की मौजूदगी में, मैं यह बात कहना चाहता हूं कि कोर्ट को सिर्फ अपना काम करना चाहिए और गवर्नेंस चुने हुए प्रतिनिधियों पर छोड़ देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ज्यूडीशरी का काम कानून की व्याख्या करना है और अगर सरकार कोई गलत कानून बनाती है तो उसे रद्द करना है. लेकिन गवर्नेंस में दखल नहीं देना चाहिए क्योंकि सरकार को उसके लिए चुना जाता है और जिन लोगों को सरकार चलाने के लिए चुना गया है, उन्हें ही सरकार चलाने देना चाहिए।
इस मौके पर कानून मंत्री ने मोदी सरकार की उपलब्धियां भी गिनवाई और यह बताने की कोशिश की कि गवर्नेंस में उनका कोई सानी नहीं है. कानून मंत्री ने बताया कि कैसे आधार का इस्तेमाल कर उन्होंने बोगस बैंक अकाउंट्स को पकड़ा है और कैसे उनकी सरकार ने करोड़ों बोगस एलपीजी कनेक्शन का भी पता लगाया है।
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