
कानून रिव्यू/नई दिल्ली
कोरोना महामारी की सुनामी में ऑक्सीजन पर भी सियासत की जा रही है। देश की राजधानी दिल्ली में दिल दहलाने वाले मामले प्रकाश में आ रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच नूरा कुश्ती का खेल जारी है। कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार, जीवन बचाने के लिए दी जा रही है ऑक्सीजन की खेप बांटने पर भी सौतले व्यवहार कर रही है। उधर शिवसेना ने कोरोना संकट को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। इसके साथ ही शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट पर भी हमला बोलते हुए उस पर अब तक मूकदर्शक बने रहने का आरोप लगाया है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र में लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है कि नरेंद्र मोदी की लीडरशिप वाली केंद्र सरकार कोरोना संकट से निपटने में असफल रही है।
महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश को मांग से ज्यादा और दिल्ली को मांग से कम ऑक्सीजन का आवंटन क्यों?दिल्ली हाईकोर्ट


राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन की किल्लत पर दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को कड़ी नाराजगी जाहिर की। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से यह बताने के लिए कहा कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश को मांग से ज्यादा और दिल्ली को मांग से कम ऑक्सीजन का आवंटन क्यों किया गया? जस्टिस विपिन सांघी और रेखा पल्ली की बेंच ने केंद्र से यह सवाल किया है। बेंच ने सरकार से कहा कि या तो आप इसके लिए उचित और तार्किक कारण बताएं या हालात को देखते हुए ऑक्सीजन आवंटन के अपने आदेश को संशोधित करें। केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बेंच को बताया कि वह बेंच को इसका तार्किक जवाब देंगे। मेहता ने कहा कि सरकार मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र को मांग से अधिक ऑक्सीजन देने के लिए उचित व तार्किक कारण बताएगी। मेहता ने बेंच को बताया कि कई ऐसे राज्य हैं जिन्हें मांग से कम ऑक्सीजन आवंटित किया गया है। उन्होंने कहा कि हमने तर्कसंगत निर्णय किया है। दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने बेंच को बताया कि कई राज्यों द्वारा ऑक्सीजन की मांग और उन्हें किए गए आवंटन की एक सूची पेश की है। मेहरा ने आरोप लगाया कि सिर्फ दिल्ली को मांग के अनुरूप ऑक्सीजन नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने बेंच को बताया कि कई राज्यों को केंद्र सरकार मांग से ज्यादा आक्सीजन दे रही है। दिल्ली सरकार ने कोरोना महामारी और बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन केंद्र से मांगी थी। केंद्र सरकार ने दिल्ली को सिर्फ 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन कोटा आवंटित किया। मेहरा ने बेंच को बताया कि दिल्ली को जितना आवंटन किया गया है, उसकी भी पूरी सप्लाई नहीं की गई।
कोरोना संकट को लेकर शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट को मूकदर्शक बताया


शिवसेना ने कोरोना संकट को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। इसके साथ ही शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट पर भी हमला बोलते हुए उस पर अब तक मूकदर्शक बने रहने का आरोप लगाया है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र में लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है कि नरेंद्र मोदी की लीडरशिप वाली केंद्र सरकार कोरोना संकट से निपटने में असफल रही है। शिवसेना ने कहा कि देश में स्वास्थ्य का ढांचा ध्वस्त हो चुका है और देश में मेडिकल ऑक्सीजन, बेड और वैक्सीन की कमी चिंता का विषय बनी हुई है। शिवसेना ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से बंगाल चुनाव और उत्तराखंड में कुंभ के आयोजन को लेकर भी चुप्पी साधे रखी गई थी। देश इस गहरे संकट से जूझ रहा है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट अब तक चुप्पी साधे बैठा था। पश्चिम बंगाल में सत्ता का संघर्ष, हरिद्वार में कुंभ और सुप्रीम कोर्ट के मूकदर्शक बनकर बैठने की वजह से कोरोना संकट बढ़ा है। इसके साथ ही शिवसेना ने बंगाल में रैलियों को संबोधित करने के दौरान मॉस्क न पहनने पर गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधा है। पार्टी ने कहा कि बंगाल में रैलियों और कुंभ के दौरान बड़ी संख्या में लोग बिना मॉस्क के नजर आए थे। शिवसेना ने कहा कि एक तरफ कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं हो रहा था तो दूसरी तरफ पुलिस, चुनाव आयोग और अदालतें मूक दर्शक बनकर बैठी रहीं।