यह अधिसूचित आपदा् है, इसलिए स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड के तहत कोविड-.19 के पीड़ितों और उनके परिजनों को पर्याप्त राहत उपलब्ध कराना सरकार का न केवल कानूनी दायित्व है, बल्कि आपदा पीड़ितों और उनके परिजनों का ख्याल रखना सरकार का संवैधानिक दायित्व भी है।
कानून रिव्यू/नई दिल्ली
कोविड-19 के कारण मृत व्यक्तियों के परिजनों को 4 लाख रुपये का आर्थिक मुआवजा दिए जाने का मामला कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट कोविड-19 महामारी के कारण जान गंवाने वाले व्यक्तियों के परिजनों को 4 लाख रुपये या आर्थिक मुआवजे के तौर पर एक निर्धारित अनुग्रह राशि दिए जाने की मांग संबंधी याचिका दायर की गई है। हरीश एस. आर.एडवोकेट द्वारा दायर याचिका में आगे कहा गया है कि परिवार के सदस्यों को किसी भी आधिकारिक दस्तावेज पर अपने परिजन की मौत का वास्तविक कारण जानने का अधिकार है। इसीलिए उन्होंने मौत के कारण का जिक्र करने वाला मृत्यु प्रमाण पत्र या कोई पत्र संबंधित म़ृतकों के परिजनों को सौंपने का निर्देश राज्य सरकारों को देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस दलील की प्रासंगिकता याचिका में इस बात से स्पष्ट की गई है कि चिकित्सा अधिकारियों/ अस्पातलों द्वारा कोविड-19 महामारी के कारण मर रहे व्यक्तियों का पोस्टमार्टम तक नहीं किया जा रहा है, जबकि आर्थिक सहयोग प्राप्त करने के लिए ऐसे प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी। अंत में याचिका में यह कहा गया है कि चूंकि यह अधिसूचित आपदा् है, इसलिए स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड के तहत कोविड-.19 के पीड़ितों और उनके परिजनों को पर्याप्त राहत उपलब्ध कराना सरकार का न केवल कानूनी दायित्व है, बल्कि आपदा पीड़ितों और उनके परिजनों का ख्याल रखना सरकार का संवैधानिक दायित्व भी है।