दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश जारी किया
कानून रिव्यू/दिल्ली
दिल्ली के अधिकृत लैब जो कोविड-19 संक्रमण की जांच करते हैं उन्हें जांच की रिपोर्ट 24 से 48 घंटे के भीतर अवश्य ही उपलब्ध करा देनी चाहिए। दिल्ली हाईकोर्ट ने यह निर्देश दिल्ली सरकार को जारी किया है। न्यायमूर्ति हिम कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमोनियम प्रसाद ने दिल्ली सरकार को अपने निर्देश में कहा कि वेबसाइट नियमित रूप से अपडेट हो, ताकि दिल्ली में हो रही जांच की सही संख्या का पता चलता रहे। इस पर पुष्ट और अपुष्ट मामलों की संख्या दी जाए और जांच के बाद जितनी जांच लंबित है, उसकी जानकारी भी दी जानी चाहिए। यह आदेश राकेश मल्होत्रा की याचिका पर दिया गया है। याचिकाकता की दलील थी कि संक्रमण के संदिग्ध लोगों की जांच की रिपोर्ट केंद्र और राज्य सरकारें 48 घंटे के अंदर या इससे पहले नहीं देती हैं। याचिकाकर्ता ने बताया कि इस देरी की वजह से शहर में आगे और संक्रमण जारी रहने का खतरा बढ़ जाता है। दिल्ली के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के ट्विटर हैंडल को उद्धृत करते हुए कहा कि 28-04-2020 तक 3295 परिणाम लंबित थे जो 30-04-2020 को बढ़कर 3793 हो गए। इस ट्विटर अकाउंट पर इसके बाद कोई अपडेट नहीं आया और इस बीच रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक माह में शहर में लंबित स्वाब सैंपल जिनकी जांच होनी है और जो 1 अप्रैल को 470 था, सात गुना बढ़कर 29 अप्रैल 2020 को 3295 हो गया। दिल्ली सरकार के वकील सत्यकाम ने कहा कि 29 अप्रैल को दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने एक आदेश जारी किया था कि 3 मई 2020 तक कोई भी सैंपल एनआईबीए नोएडा नहीं भेजी जाए क्योंकि रिपोर्ट भेजने में 15 दिन से ज्यादा की देरी हो रही है। इस आदेश में आगे कहा गया कि सैंपल अन्य सरकारी और निजी लैब में भेजे जांए ताकि इनकी रिपोर्ट एक दिन के भीतर मिल जाए। इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि यह आदेश सिर्फ 3 मई तक की बात करता है और उसके बाद की तिथि की नहीं। सत्यकाम ने अदालत को बताया कि यह आदेश अगले दो सप्ताह तक और लागू रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली के 23 लैब में कोविड-19 की जांच हो रही है जिनमें 10 सरकारी हैं और 13 निजी हैं। इन लैब्स की क्षमता 3000.3500 जांच प्रति दिन की है। सत्यकाम ने कहा कि लैब में सैंपल के पहुंचने के 1.2 दिन में अब जांच की रिपोर्ट आ जाएगी। दिल्ली सरकार ने अदालत यह भी बताया कि 3 मई 2020 तक 3790 जांच की रिपोर्ट लंबित थी जो कल तक आ जाएगी। अदालत ने दलील सुनने के बाद दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर संतोष जताया।