केंद्र ने कहा कि निकट भविष्य में कुछ अस्थाई अस्पतालों यानी टेंपररी हॉस्पिटल का निर्माण करना होगा
कानून रिव्यू/नई दिल्ली
कोविड-.19 मरीजों की संख्या में तेज रफ्तार से वृद्धि के कारण मौजूदा अस्पतालों की सुविधाएं कम पड सकती हैं। इसलिए निकट भविष्य में कुछ अस्थाई अस्पतालों यानी टेंपररी हॉस्पिटल का निर्माण करना होगा। यह जानकारी केंद्र सरकार ने कोरोना से निपटने की तैयारियों के सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट को दी है। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के उस फैसले पर सवाल उठाया गया जिसमें कोरोना महामारी से लड़ाई के लिए अग्रिम मोर्चे पर तैनात डॉक्टरों के 14 दिन के क्वारंटीन की अनिवार्यता को खत्म किया गया है। इस मामले में एक डॉक्टर की ओर से दाखिल हलफनामे पर केंद्र सरकार से जवाब तलब किया गया था। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि आखिरकार डॉक्टरों की ही जिम्मेदारी है कि वो खुद को कोविड से प्रॉटेक्ट करें। केंद्र सरकार ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जिससे ये पता चलता हो कि पीपीई किट पहनने वाले डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को कोरोना का संक्रमण हो रहा हो। याचिकाकर्ता ने सिर्फ अनुमान लगाया है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट में डॉक्टर की ओर से दाखिल अर्जी में कहा गया है कि कोविड से लड़ने वाले डॉक्टरों के लिए अस्पताल के पास रहने की सुविधा होनी चाहिए अन्यथा कोरोना वॉरियर ही लड़ाई हार जाएंगे। डॉक्टरों के रहने के बारे में एक एसओपी की जरूरत है। इसके बाद एक और अर्जी दाखिल कर केंद्र सरकार के 14 दिन के क्वांरटीन की अनिवार्यता खत्म करने को चुनौती दी गई थी। अब केंद्र सरकार ने कहा है कि हेल्थ केयर से जुड़े स्टाफ खुद सेफगार्ड कर रहे हैं और वह आम आदमी से ज्यादा रिस्क में नहीं है। जहां तक बहुत ज्यादा एक्सपोजर में काम करने वालों की है तो उनके लिए 14 दिन की क्वारंटीन की अनिवार्यता अभी भी रूल बुक में है। सरकार ने बताया कि गाइडलाइंस में 14 दिन के बदले 7 दिन के क्वारंटीन की अनिवार्यता अंतरराष्ट्रीय मानक के मुताबिक है। सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल अटलांटा, अमेरिका के गाइडलाइंस का अनुपालन हो रहा है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कोविड केस बढ़ते जा रहे हैं और मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसे देखते हुए माना जा रहा है कि ज्यादा मेडिकल फेसिलिटी की व्यवस्था करनी होगी। मौजूदा अस्पताल के अलावा अलग से सुविधाएं बढ़ानी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में याचिकाकर्ता डॉक्टर के हलफनामे को रेकॉर्ड पर लिया था और सॉलिसिटर जनरल से कहा था कि वह इस पर अगले हफ्ते जवाब दाखिल करें। डॉक्टर ने वकील के जरिये एफिडेविट दाखिल कर कहा था कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 15 मई को कोविड और नॉन.कोविड इलाके में काम करने वाले मेडिकल स्टाफ के मैनेजमेंट के लिए अडवाइजरी जारी किया है जिसमें कोविड के इलाज में तैनात मेडिकल स्टाफ के लिए 14 दिन का क्वारंटीन की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने 15 मई को केंद्र सरकार से कहा था कि वह बताएं कि क्या डॉक्टरों को अस्पताल के नजदीक रहने का इंतजाम हो सकता है।