न्यायालय सत्र न्यायाधीश गौतमबुद्धनगर माननीय श्री विशेष शर्मा ने बहन की हत्यारोपित व दूसरी पत्नी को दोषमुक्त माना
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/गौतमबुद्धनगर
गौतमबुद्धनगर सत्र न्यायाधीश माननीय श्री विशेष शर्मा ने खुतेजा खातून हत्याकांड में बडी बहन व हत्यारोपित जोहरा खातून को दोष मुक्त करार दिया है। जिला सत्र न्यायालय ने माना कि अभियोजन पक्ष प्रस्तुत साक्षीगण के बयानों से युक्ति- युक्त संदेह से परे यह साबित करने में असफल रहा है कि अभियुक्ता के द्वारा दिनांक 06-10-2015 को मृतका खुतेजा खातून को तेजाब डालकर और डंडे से मारपीट कर उसकी हत्या कारित की गई, अतः अभियुक्ता, उस पर लगाए गए आरोप धारा-302 भा0द0स0 में दोष मुक्त होने योग्य हैं। न्यायालय सत्र न्यायाधीश, गौतमबुद्धनगर श्री विशेष शर्मा(एच0जे0एस0) सत्र परीक्षण संख्या-174 सन 2015 उत्तर प्रदेश सरकार बनाम अभियोजन पक्ष प्रति जोहरा खातून पत्नी रियाजुद्दीन उर्फ राजू अंसारी निवासी सी-346 सेक्टर-10 के सामने जे0जे0 कालौनी थाना सेक्टर-20 नोएडा, जिलाः- गौतमबुद्धनगर अभियुक्ता मु0अ0स0-1414 सन 2015 अ0धारा-302 भा0द0स0 थाना सेक्टर-20, जिलाः- गौतमबुद्धनगर में खुतेजा खातून की मौत हो गई। आरोप लगाया कि अभियुक्ता जोहरा खातून तो वादी की पहली पत्नी है पर दिनांक 06-10-2015 को समय 11.00 बजे दिन वादी की दूसरी पत्नी खुतेजा खातून जो कि गर्भवती थी के उपर तेजाब डाल कर मारपीट करते हुए हत्या की है। वादी रियाजुद्दीन उर्फ राजू अंसारी की शिकायत पर इस मामले की रिपोर्ट दिनांक 07-10-2015 को थाना सेक्टर-20 पुलिस ने दर्ज करते हुए मामले की पडताल शुरू कर दी। एफआईआर में खुलासा हुआ कि रियाजुद्दीन उर्फ राजू अंसारी की दो शादियां हुई हैं और दोनो पत्नियां सगी बहने हैं। पहली पत्नी जोहरा खातून अभियुक्ता से वादी की अनबन चल रही है और दूसरी पत्नी खुतेजा खातून उसके साथ रह रही थी। दिनांक 06-10-2015 को दिन में करीब 11.00 बजे वादी के काम पर चले जाने पर पहली पत्नी जोहरा खातून घर पर आई और खुतेजा खातून के उपर तेजाब डाल दिया और डंडा मार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। खुतेजा खातून गर्भवती थी जिसे उपचार के लिए सरकारी अस्पताल नोएडा ले जाया गया। स्थिति गंभीर होती देख उसे दिल्ली के लोकनायक अस्पताल ले गए और जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अभियुक्ता के विरूद्ध पहले अपर सत्र न्यायाधीश/त्वरित न्यायालय और फिर सत्र न्यायालय गौतमबुद्धनगर में आरोप विचारित किया गया। अभियुक्ता जोहरा खातून ने आरोप से इंकार कर परीक्षण की मांग की। अभियोजन पक्ष द्वारा विभिन्न साक्ष्य दिए और साथ ही वादी रियाजुद्दीन, डॉक्टर मोहित चौहान, एव ए0एस0आई सतेंद्र कुमार समेत मौके के साक्षीगण प्रस्तुत किए गए। इनमें वादी रियाजुद्दीन ने दावा किया कि जब वह घर पर नही था उसकी पहली पत्नी जोहरा खातून ने दूसरी पत्नी खुतेजा खातून की हत्या कर दी। मौके पर पहुंचे लोगों ने उसे घटना की सूचना दी। पुलिस जब घायल अवस्था में उसकी पत्नी खुतेजा खातून को नोएडा के सरकारी अस्पताल में ले गई। सरकारी अस्पताल से जब दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में ले जा रहे थे जब उसकी पत्नी खुतेजा खातून ने इशारों में यह बात उसे बताई थी कि उसकी बडी बहन जोहरा खातून ने उसकी यह हालत की है। इसी प्रकार अभियोजन पक्ष की ओर से साक्षीगण पार्वती और सावित्री ने भी अभियुक्ता जोहरा खातून द्वारा घटना कारित किए जाने की बात कही। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी द्वारा यह तर्क दिया गया कि वादी मुकदमों के दो पत्नियां थीं। अभियुक्ता वादी की पहली पत्नी है जिससे वर्ष 1992 में वादी द्वारा विवाह किया गया। मृतका अभियुक्ता की सगी बहन है जिससे वादी के द्वारा वर्ष 2011 में विवाह किया गया। अभियुक्ता के द्वारा घटना दिनांक को मृतका के उपर तेजाब डाल कर उपहति कारित की गई और सिर पर डंडे से प्रहार कर गंभीर उपहति कारित की। मृतका के पोस्टमार्टम रिपोर्ट को मद्देनजर रखते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी ने कहा कि डॉक्टर के बयानों में मृतका की मृत्यु सिर में आईं चोटों के कारण हुई है। साथ ही यह बात मृतका ने वादी को उस समय बताई थी जब उसे दिल्ली अस्पताल के लिए ले जा रहे थे। साथ ही घटना की चक्षुदर्शी साक्षी के रूप में पार्वती के बयानों के आधार पर जिला शासकीय अधिवक्ता ने तर्क देते हुए कहा कि पार्वती घटना की चक्षुदर्शी साक्षी है। जिसने अभियुक्ता को मृतक पर तेजाब फैंकते हुए और डंडे से वार कर उपहति करने का साक्ष्य दिया है। वहीं दूसरी ओर बचाव पक्ष की ओर से भी विभिन्न साक्ष्य प्रस्तुत किए गए और साथ ही साक्षीगणों के रूप में अभियुक्ता की पुत्रियां नूरसबां और साहिना अंसारी, वकील अहमद जो मौके पर मौजूद था और मुन्ना अंसारी मृतका का भाई को प्रस्तुत किया। बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता धर्मपाल सिंह ने दलील देते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष के साक्षी-1 और साक्षी-2 के विरोधभासी कथनों के दृष्टिगत घटना अभियुक्ता के द्वारा कारित की गई है, यह युक्ति-युक्त संदेह से परे साबित नही है। तद्नुसार यह भी तर्क दिया गया कि अभियुक्ता के विरूद्ध लगाए गए आरोप को अभियोजन पक्ष को युक्ति-युक्त संदेह से परे साबित करना है तथा यदि बचाव पक्ष के द्वारा ली गई प्रतिरक्षा प्रमाणित नही भी की गई है तो भी अभियोजन को उनके उत्तरदायित्व से उन्मुक्त नही किया जा सकता और इस संदर्भ में अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्षीगण के बयानों की सत्यता के आधार पर यह निष्कर्ष निकलता है कि क्या अभियोजन प्रस्तुत साक्षीगण के माध्यम से अभियुक्ता पर लगाए गए आरोपों को साबित करने में सफल रहा है। इस मामले में न्यायालय सत्र न्यायाधीश, गौतमबुद्धनगर श्री विशेष शर्मा ने उभय पक्षों के तर्को को सुना और सबूत तथा गवाहों के परीक्षण के बाद बडी बहन व हत्या अभियुक्त जोहरा खातून को दोष मुक्त करार दिया है।
बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता धर्मपाल सिंह