गौतमबुद्धनगर की कानून व्यवस्था को चाक चौबंद और बेहतर बनाने की कडी में ’कानून रिव्यू’ ने -’कानून व्यवस्था पर एक नजर’- विशेष कॉलम शुरू किया है। प्रत्येक व्यक्ति चाहे, जिस क्षेत्र से भी जुडा हो कानून व्यवस्था से उसका जरूर सरोकार होता है, इसलिए हर व्यक्ति से एक नया विचार निकल कर आ सकता है। इस हाईटेक शहर की कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए समाजसेवा के क्षेत्र में अग्रणी लोगों का भी योगदान रहा है। इनमें राष्ट्रीय लोकदल किसान प्रकोष्ठ के पूर्व उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी शौकत अली चेची हल्दौना- तुगलपुर, ग्रेटर नोएडा के मूलनिवासी हैं जिन्होंने ग्रेटर नोएडा की बसावट से लेकर अब तक न कितने ही उतार चढाव देखे हैं। ग्रेटर नोएडा शहर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेशक स्थापित हो गया हो मगर यहां बुनियादी सुविधाएं जिनमें कानून व्यवस्था का एक प्रमुख मुद्दा है, प्रत्येक व्यक्ति आज भी जुझ रहा है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित इस शहर में जैसी कानून व्यवस्था होनी चाहिए वैसी है नही। कानून व्यवस्था को चाक चौबंद और बेहतर बनाने के मुद्दे पर ’कानून रिव्यू’ ने राष्ट्रीय लोकदल किसान प्रकोष्ठ के पूर्व उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी शौकत अली चेची से खास बातचीत हैं आइए जानते हैं बातचीत के प्रमुख अंशः-
मौहम्मद इल्यास-’दनकौरी’/कानून रिव्यू
ग्रेटर नोएडा
—————————————————————————————————————–
राष्ट्रीय लोकदल किसान प्रकोष्ठ के पूर्व उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी शौकत अली चेची से ’कानून रिव्यू’ की खास बातचीत
जीवन परिचयः-
————————————————————————
नामः–चौधरी शौकत अली चेची
पिता का नामः– चौधरी बशीर अली चेची
जन्म तिथिः–05-12-1973
मूल स्थानः– गांव हल्दौना-तुगलपुर, परी चौक ग्रेटर नोएडा
शिक्षाः– हाईस्कूल सारोल, जिला- अलीगढ
पूर्व पद :– पूर्व उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष राष्ट्रीय लोकदल किसान प्रकोष्ठ
– पूर्व उत्तर उपाध्यक्ष गरीब राज पार्टी उत्तर प्रदेश
लोक गायकः– होली, रागनी, भजन कीर्तन आदि
मुख्य व्यवसायः– खेती किसानी
———————————————————————————————————————————————————————————————————————————
1ः- ग्रेटर नोएडा शहर अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर स्थापित है क्या मानते हैं यहां की कानून व्यवस्था चाक चौबंद है?
- ……… बिल्कुल नही, ग्रेटर नोएडा शहर यूपी का फेस मॉडल है दूसरी तरह कहें तो यह एक मिनी इंडिया की तरह है प्रत्येक प्रांत का व्यक्ति यहां पर रोजगार आदि की वजह से रह रहा है। किंतु यहां पर कब कौन लुट जाए या हत्या हो जाए कोई नही जानता है फिर कैसे कह सकते हैं यहां पर कानून व्यवस्था चाक चौबंद है।
2ः-प्लानिंग के हिसाब से कानून व्यवस्था के लिए क्या किया जाना चाहिए?
- …….. सरकार ने यहां की जमीन औद्योगिकरण के लिए ली है जहां औद्योगिक शहर बसता है वहां पर बिजली, पानी सडक, रोजगार की समस्याओं के साथ साथ कानून व्यवस्था बेहतर होनी चाहिए। किंतु यहां थाने, चौकी और पुलिस के संसधान उस हिसाब से नही हो पाए है जिससे कल्पना की जा सके कि वाकई एक यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर का शहर है। घटना हो जाए और पुलिस आती है कई घंटे बाद तब तक बदमाश दूर जा चुके होते हैं।
3ः- पुलिस के मौके पर देरी से आने की बात कह रहे हैं 100- नंबर डायल करने के बाद क्या पुलिस फौरन नही आती है?
- …… पुलिस-100-नंबर डायल करने की सुविधा कुछ समय पहले ही मिलनी शुरू हुई है जो बहुत पहले ही मिल जानी चाहिए थी।
4ः- जिले में पूर्व की सरकारों की अपेक्षा अपराधों का ग्राफ गिरा है क्या?
- ……..बिल्कुल नही, गौतमबुद्धनगर में आज भी बदमाशों की जमकर तूती बोल रही है और पुलिस का कोई खौफ नही है। उदारहण के लिए दनकौर में भाजपा प्रत्याशी के भाईयों ने युवक सागर शर्मा को मौत के घाट उतार दिया और वहीं बिसरख क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ता की सरेआम गोली मार कर हत्या कर डाली गई फिर कैसे कह सकते हैं अब अपराधों का ग्राफ गिर गया है।
5ः– उत्तर प्रदेश की महंत योगी आदित्यनाथ सरकार ने गुंडाराज के सफाए का वायदा किया था, एनकाउंटर हो रहे हैं बदमाश जेल के अंदर है या फिर मार जा रहे हैं।
- ………..एनकाउंटर तो योगी सरकार में लोचा है। एनकाउंटर का ढोल ज्यादा पीटा जा रहा है। एनकाउंटर हर सरकार में होते हैं। सुमित एनकाउंटर में यह पोल खुली भी चुकी है विपक्ष और सुमित के पीडित परिजनों ने सरकार से फर्जी एनकाउंटर की सीबीआई जांच की लाख कोशिशों तक मांग की मगर जनभावनाओं की कोई कद्र नही की गई यदि ऐसा नही होता तो सरकार सीबीआई जांच का आदेश जरूर देती।
6ः—- पुलिस भ्रष्टाचार पर क्या कहना चाहेगे?
- ………. पुलिस महकमें में भ्रष्टाचार कम होने की बजाय और अधिक बढा है इसका उदाहरण पुलिस महकमें से मिल जाएगा, पुलिस कप्तान ने एक वर्ष के दौरान कितने पुलिसकर्मियों पर रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के मामले में कार्यवाहियां की हैं यानी पुलिस में भ्रष्टाचार पहले की अपेक्षा काफी ज्यादा बढा है।
7ः– गौतमबुद्धनगर औद्योगिक जिला है यहां पर पिछले 10 वर्षो से कोई बडी कंपनी नही आई है इसका कारण कानून व्यवस्था को मानते है।
- ………..विदेशी निवेश सुरक्षा के माहौल को देख कर होता है यहां पर चौथ वसूली और माफिया राज कायम रहा है तो फिर कोई बडी कंपनी क्यों आएगी जो बडी कंपनी इस शहर की ओर रूख कर रही थीं यहां की लचर कानून व्यवस्था के कारण गुजरात, गुंडगांव और उत्तरांचल की ओर चली गईं।
8ः— आप किसान हित की राजनीति करते हैं और राष्ट्रीय लोकदल को किसान हितैषी माना जाता है ग्रेटर नोएडा में घोडी बछेडा और भट्ठा पारसौल जैसे किसान आंदोलनों को कुचला गया है आवाज उठाई है क्या?
- ……………. ग्रेटर नोएडा में भूमि अधिग्रहण, आबादी और मुआवजे की समस्या अनवरत चली आ रही है घोडी बछेडा और भट्टा पारसौल में किसान आंदोलन कर रहे थे कि पुलिस ने हिटलरशाही का परिचय देते हुए किसानों को गोलियों से भून डाला और जिसमें कई किसानों की मौके पर ही मौत हो गई थी। पूर्व सांसद व पार्टी नेता जयंत चौधरी उस समय यहां पर खुद आए थे और लोकसभा में भी यह मुद्दा उठाया था।
9ः- हरित प्रदेश के बन जाने से कानून व्यवस्था की समस्या खत्म हो जाएगा चुनावों के मौके पर ही आपकी पार्टी अलग राज्य के मुद्दे को उठाती है?
- ….. हरित प्रदेश का मुद्दा रालोद का मुख्य मुद्दा है और रहेगा और इस मुद्दे से पैर पीछे खिंचने का सवाल ही पैदा नही होता। यदि पश्चिम में हरित प्रदेश बन जाता है तो राजधानी, हाईकोर्ट बैंच यानी सब कुछ मिल जाएगा और पुलिस कैपिटल मिल गया तो कानून व्यवस्था वैसे ही बेहतर हो जाएगी।
10ः-गौतमबुद्धनगर की कानून व्यवस्था को दिल्ली की तर्ज पर किए जाने की अपेक्षा की जाती है क्या कहना चाहेंगे।
- …… राजधानी दिल्ली नजदीक और बिल्कुल सटी हुई है। यहां की कानून व्यवस्था दिल्ली जैसे ही नही बल्कि वहां से भी बेहतर होनी चाहिए और ऐसा तभी हो सकेगा जब पुलिस पूरी ईमानदारी से काम करें और पुलिस की कमी को पूरा कर पर्याप्त संसधान मुहैया करा दिए जाएं।