स्वामी विवेकानंद विद्यापीठ स्कूल दनकौर के प्रबंधक दीनेश्वर दयाल गोविल से ’कानून रिव्यू’ की खास बातचीत
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मौहम्मद इल्यास-’दनकौरी’/कानून रिव्यू
——————————————गौतमबुद्धनगर उत्तर प्रदेश का एक हाईटेक और औद्योगिक जिला है। यहां की कानून व्यवस्था की सीधी गूंज लखनउ सत्ता के गलियारों तक पहुंचती है। राजधानी दिल्ली से सटा होने के नाते शहरवासी दिल्ली की तर्ज पर कानून व्यवस्था चाक चौबंद होने की उम्मीद करते हैं। कानून व्यवस्था को जब बदमाश चुनौती देते हैं तो जिला क्राइम सिटी बन कर रह जाता है। पिछले एक दशक से यहां बदमाशों का जादू सिर चढ कर बोलता रहा है। कानून व्यवस्था से प्रत्येक व्यक्ति, चाहे जिस क्षेत्र से भी जुडा हो, उसका जरूर सरोकार होता है। इसलिए हर व्यक्ति से एक नया विचार निकल कर आ सकता है। इस हाईटेक शहर की कानून व्यवस्था को चाक चौबंद और बेहतर बनाने के लिए समाज,कला संगीत, विज्ञान, शिक्षा,खेल और राजनीति आदि क्षेत्रों से जुडे लोगों से विचार जानेंगे। इस कडी में ’कानून रिव्यू’ ने -’कानून व्यवस्था पर एक नजर’- विशेष कॉलम शुरू किया है। इस बार शिक्षा जगत से स्वामी विवेकानंद विद्यापीठ स्कूल दनकौर के प्रबंधक दीनेश्वर दयाल गोविल से कानून रिव्यू ने खास बातचीत की हैं आइए जानते हैं बातचीत के प्रमुख अंशः-
जीवन परिचयः-
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नामः–दीनेश्वर दयाल गोविल
पिता का नामः– स्व0 श्री जगदीश प्रसाद गोविल
जन्म तिथिः– 23-12-1971
मूल स्थानः–कसबा दनकौर, जिला- गौतमबुद्धनगर
शिक्षाः- बी0एस0सी0, एम0एम0एच0 डिग्री कॉलेज गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश
पदः- प्रबंधक– स्वामी विवेकानंद विद्यापीठ स्कूल दनकौर, जिला गौतमबुद्धनगर
पूर्व पदः– जिला महामंत्री भाजपा गौतमबुद्धनगर
उल्लेखित कार्यः-
1ः–समाज सेवा के क्षेत्र में अग्रणी स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन कराना
2ः- मेधावी छात्रों को प्रोत्साहित कर लक्ष्य तक पहुंचाना
3ः-कला संगीत और खेल के क्षेत्र में अग्रणी प्रतिभाओं को प्रोत्साहित कर लक्ष्य तक पहुंचाना
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- ……… जिले की कानून व्यवस्था को चाक चौबंद और बेहतर बनाने के लिए क्या किया जाना चाहिए?
—सर्वप्रथम पुलिस तंत्र को मजबूत किया जाना चाहिए, यदि पुलिस संसाधन चुस्त दुरस्त होंगे तो निश्चित ही अपराधों पर काबू पाया जा सकता है। दूसरी ओर न्यायपालिका को भी चुस्त दुरस्त होना होगा, न्यायपालिका में यदि मुकदमों की सुनवाई जल्द होने लगें तो निणर्य भी जल्द ही आ जाएंगे। ऐसा होने पर मुलजिमों को सजा और पीडितांं को न्याय भी जल्द मिल जाएगा। पुलिस भी न्यायपालिका का एक अंग है, पुलिस अपराधियों को न्यायालय तक लाती है और जब मुकदमों में जल्द ही न्याय आने लगेगा तो कानून का डर पैदा होगा जिससे कानून व्यवस्था दुरस्त हो जाएगी।
- …………गौतमबुद्धनगर उत्तर प्रदेश का एक हाईटेक शहर है क्या यहां की पुलिस हाईटेक बन चुकी है?
— जिले की पुलिस हाईटेक तो हुई है, मगर पुलिस प्रशासन को जिस तेजी से कार्य करना चाहिए उतनी जल्दी से कर नही पा रहा है। इसका मुख्य कारण पूर्ववर्ती सरकारों की खराब नीतियां रहीं है।
- ……….कानून व्यवस्था को हाईटेक बनाने के लिए कोई आइडिया है?
—पुलिस जल्द कार्यवाही सुनिश्चित करें और अपराधियों को जल्द ही पकडे यानी पीडित को टरकाना छोड दे तो कानून व्यवस्था वैसे ही हाईटेक बन जाएगी। यह सुधार पूरे प्रदेश के पुलिस ढांचे में होना चाहिए। अमूमन देखा यह जाता है पीडित जब पुलिस के पास जाता है पुलिस का रवैया टरकाउ ज्यादा होता है, जिसका फायदा अपराधी को होता है, जो अपने ठिकाने को चंपत हो जाता है।
- ……..ऑन लाइन एफआईआर की सुविधा लोगों को मिल पा रही है?
— हां ऑन लाइन एफआईआर की सुविधा लोगों को मिलनी शुरू हो गई है मगर इस सिस्टम में भी कई तरह के सुधार की आवश्यकता है। मानों एफआईआर ऑन लाइन हो भी गई, यदि पुलिस की मंशा ही मामले को लटकाने की है, तो केस जल्द कैसे पटरी पर आ पाएगा?
- ………पुलिस सरकारी संसाधनों का रोना रोकर पल्ला झाड देती है?
— बिल्कुल गलत है,सरकार पुलिस प्रशासन पर जितना बजट का हिस्सा खर्च करती है, उतना दूसरे विभागों में नही होता है तो फिर सरकारी संसाधनों का रोना कैसा? पुलिस अपने कार्य से बचने के लिए ही ऐसे सब हत्थकंडे अपनाती रहती है।
- ………ट्रेफिक सिस्टम से कहां तक संतुष्ट हैं?
— समूचे उत्तर प्रदेश में ही ट्रेफिक सिस्टम बेहद लचर है और इसका दोष हम सीधे सरकार को देते हैं, जो गलत है। जब कि इसके लिए हम दोषी खुद हैं,क्योंकि कानून का पालन हम खुद नही करते हैं और दोष दूसरों को देते हैं। यदि गलत दिशा में हम पहले गाडी चलाएंगे तो दुर्घटना होनी तय नही है, क्या? ट्रेफिक रूल का पालन करना यदि हमारे स्वभाव में आ जाए तो ट्रेफिक सिस्टम खुद बखुद ठीक हो जाएगा।
- ……….पुलिस भ्रष्ट्राचार से कानून व्यवस्था की मजबूती पर विपरीत प्रभाव पडता है?
— कानून व्यवस्था की मजबूती पर पुलिस भ्रष्टाचार का बिल्कुल प्रभाव पडता है। यदि कानून के रखवाले ही चंद पैसों की खातिर बिक जाएंगे तो कानून नाम की चीज ही कहां रह जाएगी?
- ……….पुलिसकर्मियों का तनाव में रहना भी कानून व्यवस्था के लिए दुखदायी कारण है?
— जी बिल्कुल, मै इस बात से पूरी तरह सहमत हूं। यदि आम व्यक्ति लगातार 18 से 20 घंटे काम करता है तो भला उसकी हालत कैसी हो जाती है? फिर यह तो वह पुलिस है जिसके कंधों पर 24 घंटे जनता की सुरक्षा का भार रहता है। पुलिस अपना काम बगैर तनाव के कर ही नही पाएगी।
- …….. गौतमबुद्धनगर में दिल्ली की तर्ज पर कमिश्नरी प्रणाली लागू किए जाने की बात कई बार चली थी यहां पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू की जानी चाहिए?
— इस हाईटेक शहर में पुलिस कमिश्नरी प्रणाली की ज्यादा जरूरत है ऐसा होने पर पुलिस पहले से ज्यादा मजबूत होगी और कई तरह के फैसले लिए जाने के अधिकार भी मिल जाएगें। दिल्ली की तर्ज पर पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू हो जाने पर कानून व्यवस्था बेहद मजबूत और बेहतर हो जाएगी।
- ………… योगी सरकार में एनकाउंटर से गुंड और माफिया हवा हो चुके हैं?
—–सूबे में जब जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार आसित्व में आई है,तब तब गुंडे और माफियाओं की भी शामत आई है। राज्य की महंत योगी आदित्यनाथ सरकार कानून व्यवस्था पर बढिया काम कर रही है। एनकाउंटर शुरू हो जाने से गुंडे और माफिया तो राज्य छोड कर जा चुके हैं या फिर जेलों मेंं अपनी जान बचाए हुए पडे हुए हैं। राज्य की जनता को भयमुक्त शासन का अब पूरी तरह से आभास होने लगा है।
- …………. यूपीकोका-2017 कानून बन जाने से गुंडे और माफियाओं की कमर टूट जाएगी?
——- जी, यूपीकोका-2017 बिल्कुल सटीक कानून है और इससे गुंडे और माफियाओं का बचना मुश्किल हो जाएगा। यूपीकोका-2017 गुंडे और माफियाओं के लिए आखिरी कील यानी रामबाण साबित होगा।