इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश गन्ना किसानों को ब्याज सहित मिले बकाया
उ0 प्र0 के गन्ना किसान बकाया भुगतान के लिए संबंधित जिले के गन्ना अधिकारी को एक पत्र लिखेंः चौधरी शौकत अली चेची
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/गौतमबुद्धनगर
गन्ना किसानों को ब्याज सहित बकाया भुगतान दिलाए जाने की मांग ने जोर पकड लिया है। भारतीय किसान यूनियन (बलराज) राष्ट्रीय अध्यक्ष बलराज भाटी ने इस मुद्दे पर हाईकोर्ट इलाहबाद का रूख किया था। भारतीय किसान यूनियन (बलराज) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बलराज भाटी और किसान नेता वी.एम. सिंह की याचिका पर माननीय उच्च न्यायालय ने वी एम सिंह की दलील को सही मानते हुए कहा कि जब किसान गन्ना लगाने के लिए बैंको,गन्ना समीतियों आदि से लिए गए ऋण पर ब्याज और पेनाल्टी देता है,तो किसी भी कारण से चीनी मिलों पर देय विलंब भुगतान पर ब्याज माफ नहीं किया जा सकता है। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा गन्ना पेराई सत्र 2011-12, 2012-13,2013-14, 2014-15 के विलम्बित गन्ना मूल्य भुगतान पर ब्याज दिलाने का आदेश गन्ना आयुक्त को किया गया था। परंतु तत्कालीन मन्त्रीमण्डल ने शासनादेश जारी कर गन्ना पेराई सत्रों 2012-13, 2013-14, 2014-15 का चीनी मिलों पर देय ब्याज माफ कर दिया था। इसी क्रम में भारतीय किसान यूनियन (बलराज) राष्ट्रीय अध्यक्ष बलराज भाटी और किसान नेता वी.एम सिंह इस मुद्दे पर हाईकोर्ट इलाहबाद चले गए। माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने राष्ट्रीय अध्यक्ष बलराज भाटी और किसान नेता वी.एम सिंह की याचिका की सुनवाई के दौरान दलीलों को सही मानते हुए कहा कि जब किसान गन्ना लगाने के लिए बैंको,गन्ना समीतियों आदि से लिए गए ऋण पर ब्याज और पेनाल्टी देता है,तो किसी भी कारण से चीनी मिलों पर देय विलम्ब भुगतान पर ब्याज माफ नहीं किया जा सकता। तदोपरान्त माननीय उच्च न्यायालय ने 9 मार्च 2017 को सरकार के शासानादेश 22-.5-.2015 एवं 7.-.10-.2016 को निरस्त कर दिया तथा चीनी मिल मालिकों की ब्याज माफ करने की अर्जी पर गन्ना आयुक्त से 4 माह में पुर्नविचार करने को कहा,जब दो वर्ष तक गन्ना आयुक्त ने माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन नही किया,तब वी. एम सिंह ने गन्ना आयुक्त के खिलाफ अवमानना याचिका डाली,जिसमें फरवरी 2019 मे गन्ना आयुक्त स्वयं कोर्ट मे प्रस्तुत हुए और हाई कोर्ट के आदेशानसार अप्रैल 2019 में अपना शपथ पत्र प्रस्तुत किया। जिसमें अपना 25-.3-.2019 का आदेश शपथ पत्र के साथ संलग्न किया। गन्ना आयुक्त ने प्रत्येक सोसायटी को आदेश दिया, गन्ना सत्र 2012.-13, 2013-.14, 2014-.15 का 15 प्रतिशत ब्याज के बजाय, घाटे में आने वाली चीनी मिलों से 7 प्रतिशत व लाभ वाली चीनी मिलों से 12 प्रतिशत ब्याज दिया जाए।
गन्ना किसानों को ब्याज सहित बकाया भुगतान दिलाए जाने के इस मुद्दे पर भारतीय किसान यूनियन (बलराज) राष्ट्रीय अध्यक्ष बलराज भाटी और किसान नेता वी¬.एम सिंह ने प्रभावित गन्ना किसानों ने अपील की है कि गन्ना समीति से ब्याज का एक भी पैसा जिन जिन गन्ना किसानों को नहीं मिला है, बिल्कुल घबराएं नही और संबंधित जिले के गन्ना अधिकारियों से गन्ना सत्र 2011-.2012 से 2020..2021 का चौदह दिन से अधिक विलम्बित गन्ना मूल्य भुगतान पर ब्याज विवरण सहित उपलब्ध कराने के संबंध में पत्र लिखें। उ0 प्र0 के गन्ना किसानों के बारे में भारतीय किसान यूनियन (बलराज) के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष चौधरी शौकत अली चेची ने ’’कानून रिव्यू’’ डिजिटल मीडिया को बताया कि उ0 प्र0 के गन्ना किसान बकाया भुगतान के लिए संबंधित जिले के गन्ना अधिकारी को एक पत्र लिखें और जिसमें विषय-गन्ना सत्र 2011..2012 से 2020..2021 का चौदह दिन से अधिक विलम्बित गन्ना मूल्य भुगतान पर ब्याज विवरण सहित उपलब्ध कराने के संबंध में, होना चाहिए। तत्पश्चात पत्र का प्रारूप इस प्रकार होगा महोदय, आपको अवगत कराना है कि प्रार्थी कृषक … …. .. गन्ना समीति का सदस्य है,उक्त समीति के माध्यम से निरन्तर गत कई वर्षों से ……….चीनी मिल ………. को अपना गन्ना आपूर्ति करता चला आ रहा हूं। परन्तु उक्त चीनी मिल ने कभी भी नियमानुसार चौदह दिन के भीतर मेरा गन्ना मूल्य भुगतान नहीं किया है। अतः आपसे अनुरोध है कि गन्ना पेराई सत्रों 2012-13,2013-14 एव 2014..15 का ब्याज गन्ना आयुक्त द्वारा निर्धारित दरों एवं शेष गन्ना सत्रों का 15 प्रतिशत की दर के ब्याज के विवरण की प्रति वर्ष के आधार पर सूची दिलाई जाए,जिससे मुझे ज्ञात हो सके कि मुझे कितना ब्याज मिलना है?मुझे मेरा ब्याज सहित भुगतान दिलाने की कृपा करें। उन्होंने बताया कि संबंधित गन्ना किसान पत्र के अंत में नाम कृषक . ., कृषक कोड .., गन्ना समीति .., ग्राम .., जनपद …. और मो० न० …… पूरा विवरण लिखना न भूलें।