आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित मंत्री पी0 चिदंबरम की मुश्किले शुरू
कानून रिव्यू/नई दिल्ली
आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित मंत्री पी0 चिदंबरम की मुश्किले बढनी शुरू हो गई है। दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के बाद पूर्व वित्त मंत्री पी0 चिदंबरम का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। वहीं मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने मामले की तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कहा है कि इसे बुधवार को वरिष्ठ जज के सामने मेंशन करें। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और उन्होंने रजिस्ट्रार से सीजेआई को अनुरोध करने के लिए कहा। सिब्बल ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट ने 15 महीनों तक इस केस में चिदंबरम को गिरफ्तारी से सरंक्षण दिया और फिर शाम 3.20 बजे ये आदेश सुना दिया गया। पीठ से अनुरोध किया गया कि वो सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए सरंक्षण दें लेकिन चार बजे उसे भी खारिज कर दिया गया। ये फैसला 25 जनवरी को सुरक्षित रखा गया था और पहले कोर्ट से फैसला सुनाने का अनुरोध किया गया था। सिब्बल ने कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट में गिरफ्तारी से सरंक्षण के लिए आए थे, क्योंकि अभी हाईकोर्ट के आदेश की प्रति भी नहीं मिली है। करीब डेढ़ घंटे बाद रजिस्ट्रार ने उन्हें जानकारी दी कि सीजेआई ने आज ही सुनवाई से इनकार कर दिया है और कहा है कि इस केस को बुधवार को वरिष्ठ जज के सामने मेंशन करें। सीजेआई गोगोई और वरिष्ठता में दूसरे नंबर के जज जस्टिस एस0 ए0 बोबडे अयोध्या मामले की सुनवाई कर रही संविधान पीठ में शामिल हैं तो ये मेंशनिंग जस्टिस एन0 वी0 रमना के सामने की जा सकती है। जस्टिस सुनील गौड़ की हाई कोर्ट की पीठ ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए चिदंबरम की याचिका खारिज कर दी और जिससे चिदंबरम को बड़ा झटका लगा है। चिदंबरम ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के मामलों में दो अग्रिम जमानत याचिकाएं दाखिल की थीं। हालांकि चिदंबरम की ओर से हाई कोर्ट से इस मामले में अपील करने के लिए तीन दिन का सरंक्षण देने का अनुरोध किया गया लेकिन पीठ ने इसे ठुकरा दिया। अपने फैसले में पीठ ने कहा कि आर्थिक अपराध को लोहे के हाथों से निपटा जाना चाहिए। याचिकाकर्ता अपने जवाबों में अस्पष्ट रहे हैं और उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया है। जांच एजेंसियों के हाथ इतने बड़े आर्थिक अपराध में बांधे नहीं जा सकते।