इशरत जहां मामले में सीबीआई जांच का आदेश देने वाले जस्टिस जयंत पटेल के इस्तीफे के बाद वकील उनके समर्थन में उतरे
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कानून रिव्यू/गुजरात
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- गुजरात के इशरत जहां मुठभेड़ मामले में सीबीआई जांच का आदेश देने वाले जस्टिस जयंत पटेल के इस्तीफे के बाद वकील उनके समर्थन में उतर आए हैं। वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट कलीजियम सिस्टम की ट्रांसफर ऐंड प्रमोशन पॉलिसी के खिलाफ आवाज बुलंद की है। इस समय जस्टिस पटेल कर्नाटक हाई कोर्ट में अपनी सेवाएं दे रहे थे।जस्टिस पटेल के इस्तीफे के बाद गुजरात हाई कोर्ट ऐडवोकेट्स असोसिएशन (जीएचएए) ने एक बैठक की हड़ताल पर जाने का फैसला किया। इसके अलावा असोसिएशन ने कहा है कि कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के पद पर नियुक्ति से ठीक पहले जस्टिस पटेल के ट्रांसफर के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। गौरतलब है कि कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एस. के. मुखर्जी 9 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं और हाई कोर्ट में नंबर 2 पर होने के कारण जस्टिस पटेल को चीफ जस्टिस या ऐक्टिंग चीफ जस्टिस बनाए जाने की पूरी संभावना थी।कर्नाटक स्टेट बार काउंसिल (केएसबीसी) और ऐडवोकेट्स असोसिएशन ऑफ बेंगलुरु ने भी जस्टिस पटेल का ट्रांसफर किए जाने की निंदा की है। स्पेशल कमिटी ऑफ केएसबीसी, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के को-चेयरमैन वाई. आर. सदाशिव रेड्डी ने कहा, अगर कोई कर्नाटक की शीर्ष न्यायपालिका के जस्टिस डिलिवरी सिस्टम के मौजूदा स्वरूप को देखे तो यहां ईमानदारी के लिए कोई जगह नहीं है। जस्टिस पटेल के ट्रांसफर पर असहमति जताते हुए जीएचएए ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें कहा गया, सुप्रीम कोर्ट कलीजियम सिस्टम द्वारा जस्टिस जयंत पटेल का ट्रांसफर इलाहाबाद हाई कोर्ट करने से न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर बार के भरोसे को चोट पहुंची है। यह ऐसे समय हुआ जब पटेल वरिष्ठ होने के कारण चीफ जस्टिस बनने वाले थे। इस फैसले से न्यायपालिका और वकीलों का हौसला कमजोर पड़ा है। असोसिएशन सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय की निंदा करता है। जीएचएए ने गुजरात कोर्ट्स के बार असोसिएशंस और ट्राइब्यूनल से भी विरोध के तौर पर कामकाज रोकने का अनुरोध किया है। इसके बाद बार काउंसिल ऑफ गुजरात ने 25 कार्यकारी सदस्यों की विशेष बैठक बुलाई हैं। बार काउंसिल के एक सदस्य ने कहा कि इसके बाद कोई फैसला लिया जाएगा।
जस्टिस पटेल ने दिया इस्तीफा
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वैसे, जस्टिस पटेल ने चीफ जस्टिस को भेजे अपने इस्तीफे में कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया पर इतना जरूर कहा है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट में ट्रांसफर के बाद वह वरिष्ठता में 3 नंबर पर होंगे। इसके कारण उनको यह फैसला लेना पड़ रहा है। वह अगस्त 2018 में रिटायर होने वाले थे। गुजरात हाई कोर्ट बार असोसिएशन के फॉर्मर प्रेजिडेंट और सीनियर ऐडवोकेट यतीन ओझा ने कलीजियम के निर्णय पर हैरानी जताई और कहा कि जस्टिस पटेल एक ईमानदार जज हैं।
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