कानून रिव्यू/नई दिल्ली
——————————–सावधान हो जाइए यहां कभी भी कुछ भी हो सकता है, यानी सोशल मीडिया जितनी उपयोगी है वहीं घातक भी साबित हो रही है अर्थात देश साइबर क्राइम के निशाने पर चल रहा है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के बाद सुप्रीम कोर्ट के एक और जस्टिस के साथ साइबर क्राइम का मामला सामने आया है। दरअसल, एक अज्ञात व्यक्ति ऑनलाइन जस्टिस मदन बी लोकुर के नाम का उपयोग करके लोगों को प्रभावित कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट के कंप्यूटर सेल के डिप्टी रजिस्ट्रार अवधेश कुमार ने पुलिस कमिश्नर से अपनी शिकायत में कहा, ’कोई अज्ञात व्यक्ति इस ईमेल आईडी का इस्तेमाल कर रहा है.’ जोकि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मदन बी लोकुर को दर्शाती है. वह इस ईमेल के माध्यम से लोगों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट से मिली शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ईमेल आईडी का उपयोग करने वाले व्यक्ति को पकड़ने के लिए जांच शुरू कर दी है. जस्टिस मदन बी लोकुर ने बिहार बालिका गृह बलात्कार मामले सहित देश के कई प्रमुख मामलों की सुनवाई की है। डिप्टी रजिस्ट्रार अवधेश कुमार ने उस फर्जी ईमेल आईडी को शेयर किया जिससे कथित रूप से कुछ लोगों को ईमेल प्राप्त हुए हैं।. इस बारे में जानकारी मिलने के बाद कुमार ने जस्टिस को इसकी सूचना दी। जिसके बाद पुलिस में मामला दर्ज कराया गया और स्पेशल सेल मामले की जांच कर रही है। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 सी (पहचान चोरी) और 66 डी (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ’हमारे पास ईमेल के उपयोगकर्ता के बारे में कुछ जानकारी है,. लेकिन मामले की संवेदनशीलता के कारण इसे शेयर नहीं किया जा रहा है। हम जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार करेंगे.’ इंस्पेक्टर भानु प्रताप की देखरेख में स्पेशल सेल मामले की जांच पड़ताल कर रही है। एक अज्ञात व्यक्ति ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई का फेक ट्विटर अकाउंट बनाया और उसपर आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट की। हालांकि इस मामले का आरोपी अभी भी पुलिस की पहुंच से दूर है। कि जस्टिस मदन बी लोकुर और रंजन गोगोई उन न्यायाधीशों में से हैं जिन्होंने इस साल की शुरूआत में तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ ऐतिहासिक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था।