आईआईएमटी कॉलेज ऑफ लॉ में विधिक सहायता केंद्र का उद्घाटन
- कानून रिव्यू/ग्रेटर नोएडा
—————————आईआईएमटी कॉलिज ऑफ लॉ ग्रेटर नोएडा में सभी वर्गो को समान रूप से विधिक सहायता प्रदान करने के लिए विधिक सहायता केंद्र का उद्घाटन गौतमबुद्धनगर के जिला एवं सत्र न्यायधीश प्रदीप कुमार श्रीवास्त्व के कर.कमलों द्वारा किया गया और जिन्होंने विधि के विधार्थियों द्वारा विभिन्न विधिक विषयों पर आयोजित विधिक चित्रावली का भी अवलोकन किया। इस अवसर पर विधि विधार्थियों के लिए आयोजित अतिथि व्याख्यान का उद्घाटन मुख्य अतिथि जिला एवं सत्र न्यायधीश प्रदीप कुमार श्रीवास्तव,सिविल जज मनीष कुमार,आईआईएमटी कालेज समूह के प्रबंध निदेशक मंयक अग्रवाल, विधि महाविद्यालय के निदेशक डॉ आरके सिन्हा एवं अन्य विशिष्टि गणमान्य् अतिथि द्वारा किया गया।
जिला एवं सत्र न्यायधीश प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने विधार्थियों से सकारत्माक दृष्टिकोण अपनाते हुए गुणवत्ता शिक्षा प्राप्त करने का आहृवान किया। जिससे समाज के न्यूनतम स्तर पर उपलब्धि सामाजिक वर्ग की सेवा सच्चे मन से की जा सके। उन्होंने जोर देकर कहा कि विधि महाविद्यालयों की सफलता उनके द्वारा गुणवत्ता से परिपूर्ण योग्य् विधि विशेषज्ञों के निर्माण पर निर्भर करती है। केवल कुशल अधिवक्ता ही समाज में जागृति लाकर कानून एवं समाज दोनों की सेवा कर सकता है। आईआईएमटी कालेज समूह के प्रबंध निदेशक मंयक अग्रवाल ने कहा कि न्यायालय को छोड़कर कहीं भी न्याय की उम्मीद हम छोड़ चुके है। हम चाहे पुलिस के पास जाए या प्रशासन के पास हमे पूर्ण न्याय नही मिलता। इसीलिए हम न्यायपालिका की तरफ उम्मीद की निगाह से देखते है। सिविल जज मनीष कुमार ने भी अपने उद्बोधन में छात्र.छात्राओं को गहनता पूर्वक अध्यन्न करते हुए मानवीय मूल्यों के विकास करने पर जोर दिया। डॉ आर के सिन्हा ने विधिक सहायता विषय का परिचय देते हुए कहा कि भारतीय संविधान द्वारा प्रत्येक नागरिक को न्याय दिलाने हेतु विभिन्न विषयों पर कानूनी सलाह देने के लिए १९८७ में विधिक सहायता एक्ट का वर्णन किया। इनके अतिरिक्त वरिष्ठ अधिवक्ताता रामशरन नागर, नरेशचंद गुप्ता, राजेन्द्र सिंह राणा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।