कलकत्ता हाईकोर्ट ने मीडिया से अपनी रिपोर्ट सत्यापित करने को कहा
कानून रिव्यू/ कलकत्ता
कोविड-19 महामारी के खतरे से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों से संबंधित एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने मीडिया को चेताया है कि वह अपने आपको गैर.जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग से दूर रखे। यह टिप्पणी मुख्य न्यायाधीश थोटाथिल बी0 राधाकृष्णन के नेतृत्व वाली दो सदस्यीय खंडपीठ ने की है। पीठ ने कहा कि उनके सारे आदेश सार्वजनिक अधिकार क्षेत्र में उपलब्ध थे इसलिए मीडिया से उम्मीद की जाती है कि वह जिम्मेदारी से रिपोर्टिंग करे। पीठ ने आगाह किया कि हाईकोर्ट की वेबसाइट पर सभी आदेशों को अपलोड किया जा रहा है, इसलिए मीडिया सहित किसी को भी अगर किसी तरह की जानकारी की आवश्यकता है तो वह न्यायालय के आदेशों की सामग्री के साथ उसे सत्यापित कर सकता है। ताकि किसी व्यक्ति का समर्थन में आदेशों को प्रसारित या प्रचारित करने से वह स्वयं को दूर रख सकें। इस पीठ में न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी भी शामिल थे। पीठ ने कहा कि. यह भी ध्यान रखें कि हाईकोर्ट द्वारा जारी किए गए सभी आदेश आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किए जा रहे हैं। इसका मतलब यह है कि किसी भी आदेश का वास्तविक विवरण कलकत्ता हाईकोर्ट की वेबसाइट से लिए जा सकता है। हमें यकीन है कि जिम्मेदार पत्रकारिता में से गैर.जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग को बाहर करने की आवश्यकता है,चाहे वह प्रिंट मीडिया हो या ऑडियो विजुअल मीडिया। इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि इस न्यायालय के आदेशों की सामग्री या तथ्यों के बारे में अगर किसी को भी जानकारी लेने की आवश्यकता है तो वह हाईकोर्ट की वेबसाइट का उपयोग करेगा और किसी व्यक्ति का समर्थन करने के लिए आदेशों को प्रसारित या प्रचारित करने से खुद को दूर रखेंगा। विरोधात्मक परीक्षण या ट्रायल नहीं पिछले सप्ताह पहली बार राज्य सरकार ने यह मुद्दा उठाया था कि यह याचिका राजनीति से प्रेरित है। उस समय पीठ ने यह कहते हुए इस मुद्दे को टाल दिया था कि यह प्रश्न उठाया गया है और हो सकता है कि यह रिकॉर्ड पर आई सामग्रियों के आधार पर उत्पन्न हुआ हो। जो अब राज्य सरकार की तरफ से पेश की गई सामग्रियों पर गहराई से विचार करने के लिए हमारी अंतरात्मा या विवेक को भी उकसा रहा है। पीठ ने कहा कि. हमें याद है कि हमने अपने पहले के आदेश में दर्ज किया था कि इस मामले को आगे बढ़ाया जाएगा, जो प्रकृति में प्रतिकूल नहीं है। हमने यह भी रिकॉर्ड किया था कि इस मामले को अंत में सामूहिक अर्थों में जनहित के लिए और व्यक्तिगत अर्थों में एक नागरिक के लिए आगे बढ़ाया जाएगा और किसी भी तरह से इसको प्रचार के लिए एक मंच बनाने का इरादा नहीं है।