पुलिस ने फरार चल रहे बिल्डरों की गिरफ्तारी के लिए पसीना बहाना शुरू किया
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ग्रेटर नोएडा
शाहबेरी मामले में अग्रिम जमानत की मांग कर रहे 16 बिल्डरों की याचिकाएं जिला अदालत द्वारा खारिज कर दिए जाने से सीधे गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। पुलिस ने फरार चल रहे बिल्डरों की गिरफ्तारी के लिए दबिश तेज कर दी है। वहीं पुलिस अधिकारियों ने प्रशासन ने बिल्डरों की गिरफ्तारी के लिए पीएसी के जवानों की मांग की है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी धर्मेंद्र जैन्त ने बताया कि शाहबेरी केस में 16 आरोपी बिल्डरों की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। पुलिस ने मजबूती से अपना पक्ष रखा। एसआईटी प्रभारी प्रदीप कुमार त्रिपाठी ने कहा कि शाहबेरी प्रकरण की जांच अभी जारी है। ऐसे में आरोपियों से अभिरक्षा में पूछताछ किया जाना जरूरी है। अधिवक्ताओं ने भी आरोपियों के खिलाफ दलील देकर याचिका का विरोध किया और कोर्ट से जमानत नहीं देने की अपील की। वहीं आरोपी बिल्डरों के अधिवक्ताओं ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि तय शुल्क अदा कर मालिक ने संपत्ति को खरीदा है। वहां बिजली कनेक्शन दिए गए और सड़क भी बनाई गई है। ऐसे में संपत्ति अवैध कैसे हो गई। दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद अदालत ने कहा कि अपराध की गंभीरता और प्रकृति को देखते हुए जमानत याचिकाएं खारिज की जाती हैं। इनमें द्वितीय अपर सत्र न्यायधीश गौतमबुद्धनगर इंद्रप्रीत सिंह जोश ने रोहित शर्मा पुत्र जगदीश शर्मा की आग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। जिला अदालत ने इस मामले में दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने के लिए भी कहा है। इससे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी भी हरकत में आ गए हैं। शाहबेरी में अवैध इमारतों को तोड़ने के लिए अधिकारियों द्वारा रणनीति भी तैयार की जा चुकी है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सर्वे कर 1025 मकान व 428 दुकानें चिह्नित कर ली गई हैं। प्रशासन से लेकर शासन स्तर पर इसकी तैयारी और स्वीकृति मिल चुकी है। पहले यहां घरों में रहने वालों से खाली कराया जाएगा। फिर उसे ढहाया जाएगा। वहीं जिला अदालत द्वारा जमानत याचिकाएं खारिज कर दिए जाने से शाहबेरी में अवैध निर्माण करने वाले बिल्डरों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने मशक्कत तेज कर दी है। पुलिस बिल्डरों की गिरफ्तारी के लिए पीएसी का सहयोग लेने से भी गुरेज नही करेगी। एसपी देहात ने पीएसी बल मुहैया कराने के लिए सीनियर अधिकारियों को पत्र भी भेज दिया है।
क्या है, शाहबेरी की दास्तान
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बिसरख कोतवाली क्षेत्र के ग्रेनो वेस्ट स्थित शाहबेरी में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से नक्शा पास कराए बिना बड़ी संख्या में अवैध भवन बनाए गए। 17 जुलाई 2018 को इनमें से दो इमारतें ढह गईं। इस हादसे में नौ लोगों की दर्दननाक मौत हो गई थी। मामला शासन तक पहुंचा और सीएम के आदेश पर स्थानीय अफसरों ने कार्रवाई तेज की। मामले में एक आरोपी बिल्डर शाहबुद्दीन पर जिला प्रशासन रासुका लगा चुका है। जबकि 5 पर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की गई है। अब तक अवैध निर्माण को लेकर 84 केस दर्ज हैं। जांच की आंच अवैध निर्माण के दौरान तैनात रहे प्राधिकरण व पुलिस अफसरों पर भी है। हालांकि अभी तक उन पर कार्रवाई नहीं की गई है। वहीं, मामले में कई आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है और कई अभी फरार हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के 50 लाख का भुगतान करने के बाद आईआईटी दिल्ली की टीम अवैध भवनों का ऑडिट कर रही है।