गौतमबुद्धनगर उत्तर प्रदेश का एक ऐसा जिला है जहां से पूरे राज्य को भारी राजस्व की प्राप्ति होती है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना नए शहर बसाए जा रहे हैं प्रोपर्टी की खरीद फरोख्त यहां अव्वल है जिससे सरकार को भारी राजस्व मिलता है। प्रोपर्टी की रजिस्ट्री के लिए दादरी, नोएडा,जेवर और ग्रेटर नोएडा में सब रजिस्ट्रार कार्यालय हैं। बैनामा लेखक, अधिवक्ता और स्टांप विक्रेता प्रोपर्टी की खरीद फरोख्त की लिखा पढी करते हैं। प्रोपर्टी की खरीद फरोख्त की रजिस्ट्री के अलावा यहां मैरिज, लीज, एग्रीमेंट और ट्रांसफर आदि कार्य होते हैं। आंकडो पर गौर करें तो पता चलता है कि यहां पर प्रतिदिन 2 से 3 करोड तक का स्टांप प्रयोग में आ जाता है और 5 से 70 लाख तक रजिस्ट्रेशन की फीस में सरकार को आय हो जाती है। सब रजिस्ट्रार कार्यालय में एक दिन में 200 से 225 तक की रजिस्ट्री हो जाती हैं। इतना सब कुछ होने के बाद ग्रेटर नोएडा सब रजिस्ट्रार कार्यालय का न तो अपना स्वयं का भवन है और न ही अधिवक्ताओं तथा बैनामा लेखकों के बैठने तक के लिए चैंबर हैं न ही बुनियादी सुविधाएं। उपर से ऑन लाइन रजिस्ट्री का सिस्टम शुरू हो जाने के कारण कई तरह की दिक्कतों का सामना अलग से करना पड रहा हैं। अधिवक्ता एवं दस्तावेज लेखक वैलफेयर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलदीप भाटी हैं। बार अध्यक्ष कुलदीप भाटी से ’कानून रिव्यू’ ने बुनियादी सुविधाओं और हो रही दिक्कतों के मुद्दे पर खास बातचीत की हैं। आइए जानते है बातचीत के प्रमुख अंशः-
—मौहम्मद इल्यास-’दनकौरी’/कानून रिव्यू
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अधिवक्ता एवं दस्तावेज लेखक वैलफेयर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलदीप भाटी से ’कानून रिव्यू’ की खास बातचीत
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जीवन परिचयः-
नामः–कुलदीप भाटी
जन्म तिथिः–11-12-1983
मूल स्थानः– गांव साकीपुर- ग्रेटर नोएडा, जिला- गौतमबुद्धनगर
उत्तर प्रदेश।
वर्तमान पताः– पैरामाउंट सोसायटी, सेक्टर जीटा-1, ग्रेटर नोएडा।
शिक्षाः– एम0ए0, एल0एल0बी0 हरलाल इंस्टीट्यूट ग्रेटर नोएडा।
पदः– अध्यक्ष अधिवक्ता एवं दस्तावेज लेखक वैलफेयर बार एसोसिएशन ग्रेटर नोएडा, गौतमबुद्धनगर।
पूर्व तैनातीः– वर्ष 2007 से लेकर 2010 तक ग्रेटर नोएडा छात्र संघ के अध्यक्ष पद को सुशोभित किया।
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…..बार अध्यक्ष पद पर कब चुने गए और फिलहाल कितने सदस्य हैं?
- —बार अध्यक्ष पद का चुनाव गत 14 जुलाई 2017 को हुआ था और फिलहाल अधिवक्ता एवं दस्तावेज वैलफेयर बार एसोसिएशन में 236 सदस्य हैं।
.……. सब रजिस्ट्रार कार्यालय अस्थायी भवन में चल रहा है चैंबरों की बडी समस्या है?
- — बिल्कुल सही कहा,ग्रेटर नोएडा शहर राजस्व और औद्योगिक महत्व के लिहाज से राज्य में प्रथम स्थान पर है मगर यहां पर सब रजिस्ट्रार कार्यालय ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के भवन में चल रहा है, परिसर भी बहुत छोटा है बैठने तक के लिए जगह नही है चैंबरों की तो बात ही छोडिएं।
…………शासन प्रशासन के समक्ष बार एसोसिएशन की ओर से यह मुद्दा उठाया गया है?
- — जी, बहुत पहले यह सुनाई दिया था कि सब रजिस्ट्रार कार्यालय सूरजपुर डीएम ऑफिस परिसर में बनेगा मगर आज तक नही बन पाया। प्रोपर्टी की खरीद फरोख्त का काम ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय से संबंधित होता है और प्राधिकरण का कार्यालय दूर चला गया है। ग्रेटर नोएडा के सीईओ देवाशीष पंडा जी से एक प्रतिनिधिमंडल से मिला था उन्होंने सब रजिस्ट्रार कार्यालय को नई बिल्डिंग में स्थानातंरित किए जाने का आश्वासन दिया है।
………… चैंबर भी नही है आंगुतकों के उठने बैठने की क्या व्यवस्था है?
- —- चैंबर न होने से अधिवक्ता और दस्तावेज लेखकों को टीन शैड के नीचे बैठना पड रहा है। रजिस्ट्री के लिए आगुंतक आते हैं उठने बैठने के लिए कोई व्यवस्था नही है। शौचालय और पेयजल की समस्या है, बार एसोसिएशन की ओर से शुद्ध पेयजल की व्यवस्था कराई गई है।
………………पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर क्या कहेंगे?
- —- पुलिस की यहां पर कोई भी सुरक्षा व्यवस्था नही है जिस हिसाब से यहां पर रजिस्ट्री होती हैं और खरीद फरोख्त करने वाले आते हैं नकदी भी होती है कई बार लूट की घटनाएं हो चुकी हैं। इसके अलावा अधिवक्ताओं और दस्तावेज लेखकों की 4 कार और 21 बाइक चोरी हो चुकी हैं।
………………… ऑन लाइन रजिस्ट्री का सिस्टम का शुरू हो चुका है कैसा महसूस कर रहे हैं?
- —– सरकार ने यहां पर ऑन लाइन रजिस्ट्री बगैर किसी तैयारी के शुरू कर दी है जिसके लिए न तो विभाग के कर्मचारी ही प्रशिक्षित हैं और न ही अधिवक्ता और बैनामा लेखक। इसके लिए हाल में ही आंदोलन भी किया गया था। ऑन लाइन डाटा फीड कर, फिर प्रिंट लेने के लिए दूर कंप्यूट्र की दुकान पर जाना पडता और तब कहीं जाकर प्रिंट को जमा कर रजिस्ट्री की रसीद मिल पाती है।
……………कंप्यूट्रर का जमाना है अधिवक्ता और दस्तावेत लेखकों को भी हाईटेक होना चाहिए?
- —– बात तो बिल्कुल ठीक है, सब रजिस्ट्रार कार्यालय के वाई-फाई को कनेक्ट कर उसकी रेंज बढा दी जाए तो लैपटॉप से काम शुरू कर देंगे किंतु अभी तक ऐसा किया नही किया है।
…………………मैनुअली स्टांप का चलन कम हुआ है और ई- स्टांप का जमाना है, कुछ दिक्कतें हैं?
- —– हां, ई-स्टांप में क्लेरिकली मिस्टेक होने से कभी कभी कई तरह की दिक्कतें आ जाती हैं।
…………………. मैरिज रजिस्ट्रेशन का क्या रैशियों है?
- —- कहने तो यह हाईटेक सिटी है मगर मैरिज रजिस्ट्रेशन में यहां खास दिलचस्पी नही है, दिन में 2 या 3 मैरिज रजिस्ट्रेशन हो पाते हैं खास कर ऐसे लोग जिन्हें विदेश आना जाना पडता है।
……………..चैरिटी के लिए एसोसिएशन की प्रमुख गतिविधिया क्या होती हैं?
- —- चैरिटी के लिए बार एसोसिएशन बहुत का काम कर रही है, दिव्यांगों के लिए व्हील चैयर उपलब्ध कराई गई है। बैनामा लेखक सत्यप्रकाश और हैमचंद के दुखद निधन होने जाने पर आश्रित परिवार को साढे 3 लाख और डेढ लाख की आर्थिक मद्द प्रदान की गई है। साथ ही बच्चों को एजुकेशन में मद्द और सत्यप्रकाश की पत्नी के नाम डीड राईटर का लाइसेंस बनवा कर दिया गया है ताकि परिवार को चलाने में मद्द मिल सकें।
……………….. जीएसटी और कैशलेस सिस्टम से खरीद फरोख्त रजिस्ट्रेशन पर प्रभाव पडा है?
- —- जी हां, पहले नकदी के द्वारा सारा लेन देन होता है मगर अब नकदी सिर्फ 20 हजार रूपये तक ही दी और ली जा सकती है बाकी सारा भुगतान बैंक डीडी अथवा चैक आदि माध्यमों से होता है इससे प्रोपर्टी की खरीद फरोख्त काफी कम हुई है।