कानून रिव्यू/नई दिल्ली
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सुप्रीम कोर्ट ने जेपी एसोसिएट्स को तगडा झटका दे दिया है। कोर्ट ने जेपी एसोसिएट्स को आदेश दिया है कि वह 27 अक्टूबर 2017 तक 2000 करोड़ रुपए जमा करें। जेपी इन्फ्राटेक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दीवालिया प्रक्रिया में लगी रोक में संशोधन किया है। हालांकि दीवालिया प्रक्रिया जारी रहेगी लेकिन कोर्ट ने इस मामले में नए दिशानिर्देश जारी किए है। कोर्ट ने मामला इंसोल्वेंसी रिज्युलेशन प्रोफेशनल (आईआरपी) को सौंप दिया है जो जेपी से सारे रिकॉर्ड हासिल करके फ्लैट बायर्स के लिए योजना तैयार करके इस 45 दिनों की समयसीमा के भीतर सुप्रीम कोर्ट को सौंपेंगे। यही नहीं जेपी इंफ्रा और एसोसिएटस के प्रंबंध निदेशक या निदेशक सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना देश छोडकर नहीं जा सकेंगे और इसके साथ ही जेपी एसोसिएटस सुप्रीम कोर्ट में 2000 करोड रुपये जमा करेंगे।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले में खरीद्दारों को लेकर चिंतित हैं। खरीदार मध्यम वर्ग से हैं.ऐसे में हमारी चिंता उनके लिए हैं न कि कंपनियों के लिए. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि दिवाली प्रक्रिया पर रोक लगाने ने कंपनी को हो फायदा हुआ है. मामले की अगली सुनवाई 13 नवंबर को होगी।
जेपी समूह की बिल्डर कंपनी जेपी इन्फ्राटेक को लेकर आईडीबीआई बैंक की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। बैंक ने सुप्रीम कोर्ट में जेपी समूह की बिल्डर कंपनी जेपी इन्फ्राटेक को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के आदेश पर संशोधन की मांग की है. उसकी ओर से कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है, उससे फ्लैट खरीदारों को नही बल्कि जेपी इन्फ्रा को फायदा हुआ है।
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खास बातेंः-
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—कोर्ट ने दिवाला प्रकिया में लगी रोक में किया संशोधन
—जेपी इन्फ्राटेक मामला आईआरपी को सौंप दिया
—-यह फ्लैट बायर्स के लिए योजना तैयार कर कोर्ट को सौंपेगी
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