आरोपियों के परिजनों ने कोर्ट में अर्जी दे लगाई पुलिस के खिलाफ गुहार
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कानून रिव्यू/गौतमबुद्धनगर
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जेवर गैंग रेप के मामले में आरोपियों के परिजनो ने कोर्ट में अर्जी देकर पुलिस के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने की गुहार लगाई थी। कोर्ट ने पुलिस के खिलाफ अर्जी को खारिज कर दिया है।
गौतमबुद्धनगर पुलिस ने जेवर गैंग रेप खुलासा कर तो दिया, मगर पुलिस के लिए यह मामला उस समय गले की हड्डी बनने लगा , जब आरोपियों के परिजनों ने सूरजपुर कोर्ट में अर्जी देकर गुहार लगाई गई कि फर्जी तरीके से परिवार के लोगों के खिलाफ कार्यवाही की गई है और संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाए।
एसएसपी लव कुमार ने गत 23 जुलाई 2017 को सूरजपुर पुलिस मुख्यालय में गैंग रेप का खुलासा किया कि एसटीएफ, एंटी एक्सटॉर्सन सेल और जेवर पुलिस की संयुक्त कार्यवाही से सही बदमाश दबोच लिए गए हैं। पुलिस कप्तान ने बताया था कि चूंकि मामले के सही मुलजिमों को पकडा गया है इसलिए पूरे दो महीनों का समय लग गया है। वहीं दूसरे ही दिन आरोपियों के परिजन सूरजपुर कोर्ट पहुंचे और पुलिस पर फर्जी रूप से फंसाने के आरोप लगाए गए। इंद्रा कालौनी, एमआई थाना, अलवर राजस्थान निवासी कंपूरा देवी पत्नी राजवीर ने एक पत्र गौतमबुद्धनगर के डीएम को गत दिनांक 06-07-2017 को दिया। उक्त पत्र में डीएम को अवगत कराया गया कि राजवीर तथा राकेश व दीपक को अलवर राजस्थान से दिनांक 30-05-2017 को उठाया और फिर दिनांक 14-06-2017 को सेक्टर 57 नोएडा सी ब्लाक पार्क से चोरी और लूट के मामले में चालान कर दिया। शिकायतकर्ता कंपूरा देवी ने पत्र में डीएम को अवगत कराया था कि इन तीनों की जमानत 29-06-2017 को हो गई और फिर पुलिस ने जेल के पास से ही इनकों को उठा लिया तथा थाना इकोटेक थर्ड में रख दिया। थाना इकोटेक थर्ड के परिजनों ने चक्कर काटे मगर बदले उन्हें पुलिस से सिर्फ भद्दी गालियां ही मिली।
इसी प्रकार अशोक उर्फ राजू की गर्भवती पत्नी कुसुम भी अपने बच्चों के साथ सूरजपुर कोर्ट में आई। कुसुम पत्नी अशोक उर्फ राजू निवासी 10, ईस्ट कृष्ण विहार, गोपाल नगर, नजफगढ, दक्षिण पश्चिमी दिल्ली ने एसएसपी गौतमबुद्धनगर को एक पत्र डाक से प्रेषित किया और पत्र में एसएसपी को अवगत कराया कि गत दिनांक 30-05-2017 को उसके पति अशोक उर्फ राजू, देवर महेंद्र, नंदोई राजवीर, भांजे मोनू तथा तीन अन्य रिश्तेदारों को राजस्थान एक फैमिली प्रोग्राम से उठाया था और नोएडा के कई थानों में रखा। पुलिस ने इन लोगों की जमकर पिटाई और जब कोई सफलता हाथ नही लगी तो पुलिस ने गत दिनांक 14-06-2017 को नोएडा के सेक्टर थाना 58 से अपराध संख्या 389 सन 2017 अं0 धारा 399,402 आईपीसी एक झूठे मुकदमें में गिरफ्तार कर लिया। इस गिरफ्तारी को लेकर एसपी अलवर राजस्थान, राष्ट्ीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली और थानाध्यक्ष बानसुर को तार और डाक के माध्यम से सूचित किया। शिकायर्ता कुसुम ने पत्र में अवगत कराया कि तत्पश्चात पति की रिहाई का परवाना लेकर जब वह लुहकसर पहुंची तो वहां पर रिहाई होने से पहले ही एक स्कार्पियो सफेद रंग की कार जिसका नंबर यूपी-16एडब्ल्यूए-2700 था सीधे जेल के अंदर चली गई और पति अशोक को बैठा ले गए। आरोपी परिजनों के अधिवक्ता डीएस भडाना एडवोकेट ने धारा 156..3 के तहत पुलिस के खिलाफ वाद दायर किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर गैंग रेप के आरोपियों से ही एक राकेश की मां संतोष की अधिवक्ता बलराज भाटी ने कोर्ट में धारा 156- 3 सीआरपीसी के अंतर्गत अर्जी दाखिल की थी। संतोष पत्नी गजराज निवासी बेरी गेट थाना व जिला झज्जर हरियाणा ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि गत दिनांक 31-05-2017 को समय करीब 3 बजे रात्रि में कुछ लोग सदी वर्दी में आए और उसके लडके राकेश तथा भतीजे दीपक पुत्र प्रकाश को उठा कर ले गए। इस प्रकरण की शिकायत तत्काल ही दूसरे दिन दिनांक 01-06-2017 इंस्पेक्टर जनरल ऑफ रोहतक, डीजी रोहतक और एसएसपी गौतमबुद्धनगर भी की किंतु कोई कार्यवाही नही हुई। दिनांक 14-06-2017 को उनके पास गौतमबुद्धनगर से किसी व्यक्ति को फोन आया कि तुम्हारा बेटा राकेश और भतीजा दीपक जेल जा रहे हैं आकर जमानत करा लो। जमानत होने के बाद ज बवह लुहकसर रिहाई के लिए पहुंचे तो वहां कई थानों की पुलिस मौजूद थी और उनका रास्ता रोक लिया। पुलिस, रिहाई होने से पहले ही जबरदस्ती अपनी गाडी में डाल ले गई। तत्पश्चात 24 जुलाई 2017 को समाचार पत्रों के माध्यम से उन्हें जानकारी हुई कि उसके बेटे और भतीजे को जेवर गैंग रेप में गिरफ्तार कर लिया गया है। उस समय कोर्ट ने अगली सुनवाई 4 अगस्त 2017 तय की तत्पश्चात कोर्ट ने फिर सुनवाई की अततः आज कोर्ट ने गौतमबुद्धनगर पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के मुकदमें को खारिज कर दिया है जिससे गौतमबुद्धनगर पुलिस ने राहत की सांस ली है।
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