मोदी कैबिनेट ने इस बिल में 9 अगस्त को तीन संशोधन किए थे, जिसमें जमानत देने का अधिकार मजिस्ट्रेट के पास होगा और कोर्ट की इजाजत से समझौते का प्रावधन भी होगा।
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/कानून रिव्यू
नई दिल्ली
———————————————–तीन तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत की प्रथा पर रोक लगाने के मकसद से लाए गए ट्रिपल तलाक विधेयक को आज फिर लोकसभा में पेश किया गया और इसके बाद इसे पास भी कर दिया गया। वोटिंग के समय हालांकि कांग्रेस और एआईएडीएम ने लोकसभा से वॉकआउट कर दिया। कांग्रेस की मांग थी कि इस बिलसे को लेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए। सदन में विपक्षी पार्टियां जहां इस बिल का विरोध कर रही थीं,वहीं सरकार का कहना था कि नारी गरिमा के हक में सभी पार्टियां साथ आएं। लोकसभा में तीन तलाक बिल को पास कराने के लिए बीजेपी ने पहले ही अपने सांसदों को व्हीप जारी कर सदन में उपस्थित होने को कहा था। दरअसलए पिछले सप्ताह सदन में इस पर सहमति बनी थी कि 27 दिसंबर को विधेयक पर चर्चा होगी। इससे पहले कांग्रेस ने इस पर सहमति जताई थी कि वह मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक.2018 पर होने वाली चर्चा में भाग लेगी। दरअसल लोकसभा में पिछले हफ्ते जब मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक. 2018 चर्चा के लिए लाया गया तो सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सुझाव दिया कि इस पर अगले हफ्ते चर्चा कराई जाए। इस पर संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विपक्ष से आश्वासन मांगा कि उस दिन बिना किसी बाधा के चर्चा होने दी जाएगी। इस पर खड़गे ने कहा मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इस विधेयक पर 27 दिसंबर को चर्चा कराइए। हम सभी इसमें हिस्सा लेंगे। हमारी पार्टी और अन्य पार्टियां भी चर्चा के लिए तैयार हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि इस देश ने वह मंजर भी देखा जब दहेज लेने का कुछ लोगों ने समर्थन किया,लेकिन सदन ने इसे अपराध माना। सती प्रथा को भी खत्म किया गया। शिवसेना सांसद अरविंद गणपत सावंत ने लोकसभा में ट्रिपल तलाक बिल का समर्थन किया। साथ ही केंद्र सरकार से यूनिफॉर्म सिविल कोड, धारा-370 और राम मंदिर के लिए भी कानून लाने की मांग की।् उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण राजनीतिक मुद्दा नहीं जनभावना है। काफी समय से यह मामला फंसा हुआ,यह संविधान का अपमान है। मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इस्लामिक देशों ने दशकों पहले 3 तलाक की कुरीति को खत्म किया। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह इस्लाम धर्म से संबंधित मामला नहीं, यह एक सामाजिक कुरीति है। इसी तरह से सती प्रथा और बाल विवाह को भी खत्म किया गया था।. भाजपा सांसद मिनाक्षी लेखी ने लोकसभा में कहा कि महिलाओं के लिए सरकार ने की काम किए हैं, बिल को राजनीतिक रूप न दिया जाए। .मोदी कैबिनेट ने इस बिल में 9 अगस्त को तीन संशोधन किए थे, जिसमें जमानत देने का अधिकार मजिस्ट्रेट के पास होगा और कोर्ट की इजाजत से समझौते का प्रावधन भी होगा।
क्या नया है, तीन तलाक का संशोधित बिल
पहला संशोधनः- इसमें पहले का प्रावधान था कि इस मामले में पहले कोई भी केस दर्ज करा सकता था। इतना ही नहीं पुलिस खुद की संज्ञान लेकर मामला दर्ज कर सकती थी, लेकिन अब नया संशोधन ये कहता है कि अब पीड़िता, सगा रिश्तेदार ही केस दर्ज करा सकेगा।
दूसरा संशोधनः–इसमें पहले का प्रावधान था कि पहले गैर जमानती अपराध और संज्ञेय अपराध था। पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती थी। लेकिन अब नया संशोधन यह कहता है कि मजिस्ट्रेट को जमानत देने का अधिकार होगा।
तीसरा संशोधनः–इसमें पहले का प्रावधान था कि पहले समझौते का कोई प्रावधान नहीं था। लेकिन अब नया संशोधन ये कहता है कि मजिस्ट्रेट के सामने पति.पत्नी में समझौते का विकल्प भी खुला रहेगा।
तलाक़ देने के मामले 40 फीसदी बढ़े
पीएम मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में कहा था कि तीन तलाक प्रथा मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय हैण् तीन तलाक ने बहुत सी महिलाओं का जीवन बर्बाद कर दिया है और बहुत सी महिलाएं अभी भी डर में जी रही हैं। 2011 की जनगणना के मुताबिकए देश में 8.4 करोड़ मुस्लिम महिलाएं हैं और हर एक तलाकशुदा मर्द के मुकाबले 4 तलाक़शुदा औरतें हैं। 13.5 प्रतिशत लड़कियों की शादी 15 साल की उम्र से पहले हो जाती है और 49 प्रतिशत मुस्लिम लड़कियों की शादी 14 से 29 की उम्र में होती है। वहीं 2001.2011 तक मुस्लिम औरतों को तलाक़ देने के मामले 40 फीसदी बढ़े है।