परी चौक ग्रेटर नोएडा शहर का सेंट्रल प्वाइंट बन गया है। यमुना एक्सप्रेस-वे जब से शुरू हुआ है दिल्ली और आगरा तक का ट्रेफिक यहां से होकर गुजरता है। अक्सर शाम के वक्त जब दफ्तरो की छुट्टी होती है परी चौक पर ट्रेफिक का दवाब बढ जाता है। ऐसे वक्त पुलिस फोर्स ट्रेफिक को व्यवस्थित करती है ताकि जाम न लगने पाए। यहां पर पुलिस की दो चौकियां स्थापित हैं। जिनमे परी चौक नाम की पुलिस चौकी जो थाना कासना कोतवाली के तहत आती है परी चौक गोल चक्कर समेत नोएडा की ओर जाने वाले- वे ट्रेफिक मैनेजमेंट और रोड सैफ्टी पर काम करती है। जब कि नोएडा से ग्रेटर नोएडा यानी परी चौक आने वाले- वे और अंसल प्लाजा समेत तुगलपुर क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था का भार दूसरी पुलिस चौकी अंसल प्लाजा नॉलेज पार्क के जिम्मे होता है। अंसल प्लाजा पुलिस चौकी थाना नॉलेज पार्क कोतवाली का एक हिस्सा है। अंसल प्लाजा चौकी के प्रभारी कमल शंकर त्रिवेदी हैं। कानून रिव्यू ने चौकी प्रभारी कमल शंकर त्रिवेदी से ट्रेफिक मैनेजमेंट और रोड सैफ्टी के मुद्दे पर बातचीत की हैं, आइए जानते हैं बातचीत के प्रमुख अंशः-
मौहम्मद इल्यास-’दनकौरी’/कानून रिव्यू
ग्रेटर नोएडा
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असंल प्लाजा नॉलेज पार्क, चौकी प्रभारी कमल शंकर त्रिवेदी से ट्रेफिक मैनेजमेंट और रोड सैफ्टी के मुद्दे पर कानून रिव्यू ने की खास बातचीत
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- —— हाईटेक शहर ग्रेटर नोएडा में बढता ट्रेफिक का दवाब पुलिस के लिए चुनौती बनता जा रहा है?
………….. ऐसा नही है शहर में ट्रेफिक को व्यवस्थित ढंग से चलाने के लिए पुलिस अपना कार्य निरंतर कर रही है।
- —- यमुना एक्सप्रेस-वे की जब से कनेक्टेविटी हुई है परी चौक पर जाम जैसी स्थिति बनने लगी है?
………… परी चौक ग्रेटर नोएडा शहर का सेंट्रल प्वाइंट बन गया है। यमुना एक्सप्रेस-वे जब से शुरू हुआ है दिल्ली और आगरा तक का ट्रेफिक यहां से होकर गुजरता है। अक्सर शाम के वक्त जब दफ्तरो की छुट्टी होती है परी चौक पर ट्रेफिक का दवाब बढ जाता है। ऐसे वक्त पुलिस फोर्स ट्रेफिक को व्यवस्थित करती है ताकि जाम न लगने पाए।
- —–परी चौक पर मेट्रो स्टेशन है, मेट्रो सेवा जल्द ही शुरू होने वाली है तब क्या बढते ट्रेफिक के दवाब से पुलिस के लिए चुनौतिया पैदा नही होंगी?
……………… ऐसा बिल्कुल नही है, परी चौक पर पहले ही पर्याप्त रूप से पुलिस फोर्स तैनात है। यहां एक ओर परी चौक पुलिस चौकी बनी हुई है जब दूसरी ओर थाना नॉलेज पार्क की अंसल प्लाजा पुलिस चौकी है। इसके अलावा ट्रेफिक पुलिस की टीम भी मुस्तैद रहती है।
- —— नोएडा की ओर से बसें आती हैं और सवारियों का रैला उतर पडता है मैन रोड पर जाम की स्थिति पैदा हो जाती है?
…………….. नोएडा में मेट्रो है किंतु ग्रेटर नोएडा आने के लिए बसें ही एक मात्र विकल्प हैं अक्सर शाम के समय जब नोएडा और दिल्ली से नौकरी पेशा लोगों के आने समय होता है लोड बढ जाता है। ऐसे में पुलिस की टीम अंसल कट पर मुस्तैद होती है जो ट्रेफिक को व्यवस्थित करने का काम करती है।
- —- ऑटो चालक पीक आवर में बसों के सहारे ऑटों को लगा देते हैं ऐसे में नोएडा से ग्रेटर नोएडा- वे पर जाम की स्थिति पैदा हो जाती है?
…………अक्सर शाम के समय ट्रेफिक का लोड ज्यादा होता है ऑटो सवारी बैठाने के चक्कर में रोड की ओर दौड पडते हैं किंतु पुलिस की टीम उस समय वहा पर होती है और किसी भी ऑटो चालक को रोड की ओर नही आने दिया जाता क्योंकि ऑटो चालकों के लिए मेट्रो लाइन के नीचे स्टैंड तय किया गया है।
- —- ऑटो चालक तय किए गए स्टैंड पर ही रहते हैं?
…………. हां ज्यादातर ऑटो चालक ऐसे हैं जो स्टैंड पर रह कर सवारियों का इंतजार करते हैं। दनकौर, अल्फा, जगत फार्म, रामपुर सीएम मार्किट, गामा, डेल्टा और ऐच्छर पाई आदि स्थानों के लिए चलने वाले ऑटो चालक तय स्थान पर ही ठहर कर सवारियां भरते हैं।
- —–व्हीकल चालकों और आम लोगों को क्या संदेश देना चाहते है जिससे ट्रेफिक मैनेजमेंट और रोड सैफ्टी बनी रहे?
………. वाहन चालकों और पैदल चलने वाले लोगों को यही संदेश देना चाहेंगे कि ट्रेफिक रूल रोड सैफ्टी के लिए हैं और जिनका सभी लोगों को पालन करना चाहिए, गलत दिशा में और ओवर स्पीड तथा शराब पीकर वाहन न चलाएं और दूसरे का ख्याल रखें क्योंकि जीवन बहुत अनमोल है दुबारा नही मिलेगा। सुरक्षा दें और खुद भी सुरक्षित रहें।