अपर जिलाधिकारी न्यायिक व उप संचालक चकबंदी गौतमबुद्धनगर तथा तहसीलदार सदर गौतमबुद्धनगर इस कदर भ्रष्टाचार के आंकठ में डूब गए हैं कि बगैर पैसे कोई कार्य अथवा आदेश नही किए जा रहे हैं। यहीं नही वादकारियों और अधिवक्ताओं के साथ दुर्व्यवहार अलग किया जा रहा है। इस सौदेबाजी में उप संचालक चकबदी न्यायालय का पेशकार हरिओम मिश्रा मुख्य भूमिका में रहता है। यही कारण है कि वादकारी प्राकृतिक न्याय से वंचित हो रहे हैं।
बैंच के बहिष्कार किए जाने का प्रस्ताव पारित
- कानून रिव्यू/ग्रेटर नोएडा
———————————-गौतमबुद्धनगर में बार और बैंच के बीच एक बार फिर तालमेल गडबडा गया है। बार एसोसिएशन और बैच के आमने सामने आ जाने से वादकारियों के लिए खासी परेशानी पैदा हो गई हैं। बैंच पर भ्रष्टाचार का खुला आरोप लगाते हुए बार एसोसिएशन ने प्रस्ताव पारित किया है। डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन की एक बैठक बार अध्यक्ष राजकुमार नागर की अध्यक्षता मे संपन्न हुई और जिसका संचालन बार सचिव मूलचंद शर्मा ने किया। बैठक में प्रस्ताव रखा गया है कि अपर जिलाधिकारी न्यायिक व उप संचालक चकबंदी गौतमबुद्धनगर तथा तहसीलदार सदर गौतमबुद्धनगर इस कदर भ्रष्टाचार के आंकठ में डूब गए हैं कि बगैर पैसे कोई कार्य अथवा आदेश नही किए जा रहे हैं। यहीं नही वादकारियों और अधिवक्ताओं के साथ दुर्व्यवहार अलग किया जा रहा है।
इस सौदेबाजी में उप संचालक चकबदी न्यायालय का पेशकार हरिओम मिश्रा मुख्य भूमिका में रहता है। यही कारण है कि वादकारी प्राकृतिक न्याय से वंचित हो रहे हैं। प्रस्ताव पारित कर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि दिनांक 14 नवंबर- 2017से डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के समस्त अधिवक्तागण इन दोनो न्यायालयों के न्यायिक कार्यो से विरत रह कर पूर्णतः बहिष्कार करेंगे। यह बहिष्कार तब तक जारी रहेगा जब तक यह दोनो अधिकारी अपनी कार्यप्रणाली में सुधार नही कर लेते हैं अथवा दोनो का स्थानातंरण नही हो जाता है, साथ ही पेशकार हरिओम मिश्रा को पद से हटा नही दिया जाता है। प्रस्ताव पत्र की प्रतियां संबंधित न्यायालयों के साथ ही जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर,आयुक्त मेरठ मंडल, सचिव व आयुक्त चकबंदी लखनउ, मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन लखनउ उत्तर प्रदेश को भी प्रेषित की गई हैं।