राज्यों को पुलिस प्रमुख के सेवानिवृत्त होने से कम से कम तीन महीने पहले नए पुलिस प्रमुख की नियुक्ति के लिए संघ लोक सेवा आयोग ’’यूपीएससी’’ को वरिष्ठ अधिकारियों की लिस्ट भेजनी होगी। इसके बाद इस लिस्ट से नामों की छंटनी करके यूपीएससी संशोधित लिस्ट राज्यों को भेजेगा। राज्य संशोधित सूची में से किसी अधिकारी को पुलिस प्रमुख नियुक्त कर सकेंगे।
कानून रिव्यू/नई दिल्ली
डीजीपी की नियुक्ति में यूपीएससी की भूमिका बनी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों के पुलिस मुखिया की नियुक्ति के संबंध में अपने पिछले साल के आदेश में बदलाव की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने पंजाब, केरल, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और बिहार सरकार की याचिकाओं को खारिज कर दिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि डीजीपी की नियुक्तियों के संबंध में पिछले निर्देश पुलिस अधिकारियों को राजनीतिक हस्तक्षेप से बचाने के लिए जनहित में जारी किए गए थे। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 12 दिसंबर को पंजाब और हरियाणा के पुलिस महानिदेशकों का कार्यकाल 31 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया था। साथ ही पुलिस प्रमुख के चयन और नियुक्ति को लेकर राज्यों के अपने कानून लागू करने के अनुरोध पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने सहमति दे दी थी। पंजाब के पुलिस महानिदेशक सुरेश अरोड़ा और हरियाणा के पुलिस प्रमुख बीएस संधू को पिछले साल 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होना था परंतु अब वे शीर्ष अदालत के आदेश के अनुसार 31 जनवरी को सेवानिवृत्त होंगे। कई राज्य चाहते हैं कि पुलिस प्रमुखों के नामों की सूची तैयार करने में संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी की मद्द लेने की अनिवार्यता संबंधी सुप्रीम कोर्ट के आदेश में सुधार किया जाए। कोर्ट ने पिछले साल 3 जुलाई को देश में पुलिस सुधार के बारे में अनेक निर्देश दिए थे और नियमित पुलिस प्रमुखों की नियुक्ति के लिए उठाए जाने वाले कदमों को क्रमबद्ध किया था। कोर्ट ने कहा था कि राज्यों को पुलिस प्रमुख के सेवानिवृत्त होने से कम से कम तीन महीने पहले नए पुलिस प्रमुख की नियुक्ति के लिए संघ लोक सेवा आयोग ’’यूपीएससी’’ को वरिष्ठ अधिकारियों की लिस्ट भेजनी होगी। इसके बाद इस लिस्ट से नामों की छंटनी करके यूपीएससी संशोधित लिस्ट राज्यों को भेजेगा। राज्य संशोधित सूची में से किसी अधिकारी को पुलिस प्रमुख नियुक्त कर सकेंगे। पंजाब, हरियाणा, बिहार, केरल और पश्चिम बंगाल सरकार का कहना है कि उन्होंने शीर्ष अदालत के 2006 के फैसले के अनुरूप पुलिस प्रमुख की नियुक्ति की प्रक्रिया के बारे में पहले ही विस्तृत कानून तैयार कर लिया है। इसलिए उन्हें अपने कानून पर अमल करने की अनुमति दी जाए। शीर्ष अदालत ने पुलिस सुधार के बारे में 2006 में पूर्व पुलिस महानिदेशक प्रकाश सिंह और एन के सिंह की जनहित याचिका पर केन्द्र और राज्यों को विस्तार से निर्देश दिए थे।