— पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट 28 अगस्त 2017 को सजा का फैसला सुनाएगी
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कानून रिव्यू/पंचकूला
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डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दो महिलाओं से बलात्कार के आरोप में आज शुक्रवार को पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने दोषी करार दिया है।. सजा पर फैसला 28 अगस्त को होगा। कोर्ट के भीतर से ही राम रहीम को हिरासत में ले लिया गया है। गुरमीत सिंह राम रहीम आज सुबह पंचकूला कोर्ट के लिए करीब 400 गाड़ियों के काफिले के साथ निकले थे उस समय कोर्ट एक किले के रूप में तब्दील था, किंतु 2 गाड़ियों को ही कोर्ट परिसर के भीतर जाने की अनुमति मिली। सिरसा और पंचकूला में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. पंचकूला में फैसले से पहले ही सेना को तैनात कर दिया गया था।
गुरमीत सिंह राम रहीम कोर्ट रूप में हाथ जोड़े खड़े रहे। जब कि कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया है। गुरमीत सिंह राम रहीम को सड़क के रास्ते अंबाला जेल ले जाया जा रहा है। फैसले को देखते हुए सिरसा स्थित डेरा सौदा मुख्यालय में बड़ी संख्या में डेरा प्रमुख के समर्थक जुटे हुए थे और बड़ी ही तादाद में लोग पंचकूला में डटे हैं. सुरक्षा बल उन्हें खदेड़ने की कोशिश में लगे हैं. आंसू गैस के गोले छोड़ने की बात भी सामने आ रही है.। समर्थकों ने न्यूज चौनलों की ओबी वैन पर भी हमला किया। डेरा प्रमुख के समर्थकों ने पंचकुला में सैकड़ों गाड़ियों को आग लगा दी।. हिंसा में कई लोगों के घायल होने की खबरें है. बताया जा रहा है कि हिंसा में महिलाओं को बच्चों को सबसे ज्यादा चोटें आई हैं. पांच लोगों के मरने की भी खबरें आ रही हैं. घायलों में डेरा समर्थक ही सबसे ज्यादा बताए जा रहे हैं।. हालांकि डेरा प्रमुख ने एक वीडियो संदेश जारी कर लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने और अपने अनुयायियों से घर लौटने की भी अपील की थी. लेकिन समर्थक नहीं लौटे. पंचकूला की सड़कों पर लोगों का हंगामा जारी रहा।.राम रहीम के कुछ भक्त भावुक होकर सड़क पर रोते हुए दिखाई दिए। सिरसा का दलबीर सिंह स्टेडियम भी अस्थायी जेल में तब्दील किया गया है पंचकूला के आसपास हेलीकॉप्टर और ड्रोन से निगरानी रखी जा रही है।
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सेना भी मौजूदः-
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उधर सजा सुनाए जाने से पहले ही सेना की टुकड़ियां आज पंचकूला पहुंच गईं थीं. गौरतलब है कि पंथ के अनुयायियों के शहर में पहुंचने के बाद किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए यहां सुरक्षा ज्यादा कड़ी कर दी गई है.
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सिरसा में हुआ फ्लैग मार्चः-
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सिरसा के पुलिस अधीक्षक अश्विन शेन्वी ने कहा कि सिरसा में पंथ मुख्यालय पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने फ्लैग मार्च किया ताकि रात करीब 10 बजे से अनिश्चितकाल के लिए घोषित किए कर्फ्यू को लागू किया जा सके.। धारा 144 के तहत शहर में निषेधाज्ञा लगे होने के बावजूद पिछले तीन दिनों में बड़ी संख्या में डेरा अनुयायी पंचकूला में जमा हुए है।.
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जानें क्या हैं आरोपः-
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गुरमीत राम रहीम सिंह द्वारा दो साध्वियों का यौन उत्पीड़न किए जाने संबंधी अज्ञात चिट्ठी मिलने के बाद पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने 2002 में डेरा प्रमुख के खिलाफ मामला दर्ज किया था. डेरा प्रमुख ने हालांकि इन आरोपों से इनकार किया।. डेरा सच्चा सौदा प्रमुख संत गुरमीत राम रहीम के खिलाफ कई और आरोप भी लग चुके हैं.
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खास बातेंः-
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- कई आपराधिक आरोप हैं बाबा राम रहीम पर
- एक मामले में सीबीआई जांच भी
- पत्रकार की हत्या में भी लगा है आरोप
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1- सिरसा के पत्रकार राम चंद्र छत्रपति की हत्या में भी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख पर आरोप लगा है. राम चंद्र एक लोकल न्यूज पेपर से जुड़े थे और वह डेरा के अंदर हो रही तमाम गतिविधियों पर लगातार लिख रहे थे. साल 2001 में उनको गोली मारी गई थी और एक महीने बाद उनकी मौत हो गई.
2- साल 2002 में डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर रंजीत सिंह की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में आखिरी फैसला आने से पहले ही बीते साल बाबा राम रहीम को हाईकोर्ट से स्टे मिल गया।.
3- साल 2007 में राम रहीम ने सिखों के 10 वें गुरु गोविंद सिंह की तरह कपड़े पहन लिए थे। जिससे उनके खिलाफ सिख समुदाय बेहद नाराज हो गया था, कई जगहों से झड़प की घटनाएं सामने आईं और तीन लोगों की मौत हो गई थी.
4- साल 2014 में डेरा सच्चा सौदा पर करीब 400 लोग जो कि उन्हीं से ताल्लुक रखते है। आरोप लगाया था कि उनको नपुंसक बना दिया गया है। यह मामला सीबीआई तक पहुंच गया था और जांच में कुछ सबूत भी पाए गए थे।
5- साल 2014 में ही डेरा सच्चा सौदा आश्रम पर आरोप लगा था कि वहां पर अनुनायियों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। इस मामले की जांच के आदेश पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने दिए थे।
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जेल की सलाखों के पीछे हैं कई बाबा
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—हमारे देश में बाबगीरी से बड़ा और फायदेमंद कोई दूसरा बिजनेस नहीं है। इस बिजनेस में आपको ज्यादा निवेश भी नहीं करना पड़ता और मुनाफा भी भरपूर होता है। लोगों की जो अंध श्रद्धा मिलती है वो अलग है. तभी तो इन बाबाओं को हमेशा यही लगता है कि उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। लेकिन फिर जब कानून का शिकंजा इन पर पड़ता है तो सारी की सारी बाबागीरी धरी की धरी रह जाती है। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम से पहले भी ऐसे कई बाबा हुए हैं जिन पर यौन शोषण और धोखाधड़ी के आरोप लग चुके हैं।
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संत रामपाल :-
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खुद को संत मानने वाले संत रामपाल भी जेल में है। रामपाल के ऊपर भी कई आरोप हैं। 20 नवंबर 2014 को हत्या के आरोप में गिरफ्तार रामपाल पर देशद्रोह का आरोप भी है। रामपाल की गिरफ्तारी के बाद उसके समर्थकों ने पूरे इलाके को युद्ध का मैदान बना दिया था। रामपाल खुद को संत कबीर का उत्तराधिकारी मानता है। समर्थक तो यहां तक मानते है कि संत रामपाल के रूप में कबीर ने दूसरी बार जन्म लिया है। संत रामपाल ने अपने समर्थकों के दिमाग में ये बात बैठा दी है कि गुरु की कभी आलोचाना नहीं की जाती है।
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आसाराम बापूः-
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जेल में बंद आसाराम के ऊपर 16 साल की लड़की का रेप करने का आरोप लगा है। उसके ऊपर आश्रम में रह रहे दो लड़कों की रहस्यमत मौत में शामिल होने का आरोप भी है।
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स्वामी नित्यानंदः-
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महिला समर्थकों से बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार स्वामी नित्यानंद के आश्रम की ओर से दावा किया जाता रहा है कि वो समर्थकों को हवा में उछाल देते हैं। यहां तक कि वो प्राण प्रतिष्ठा भी कर सकते हैं. नित्यानंद के ऊपर तमिल अभिनेत्री रंजीता के साथ यौन गतिविधियों में शामिल होने का आरोप भी है।
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चंद्रा स्वामीः-
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विवादित तांत्रिक चंद्रा स्वामी को पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के आध्यात्मिक सलाहकार के रूप में ज्यादा जाना जाता है। स्वामी का पूरा जीवन विवादों से घिरा रहा और नेताओं से लेकर अभिनेताओं तक पर उनका जादू चला। स्वामी पर ईडी ने फेमा के उल्लंघन के मामले में 9 करोड़ रुपए की पेनल्टी लगाई थी। लंदन के एक व्यापारी के साथ धोखाधड़ी के मामले में 1996 में चंद्रास्वामी को गिरफ्तार किया गया था। स्वामी दिमाग पढ़ने और सटीक भविष्यवाणी का दावा करते थे।
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स्वामी सदाचारीः-
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तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी समेत कई बड़े राजनेताओं के आध्यात्मिक गुरु रहे स्वामी सदाचारी को वेश्यालय चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
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स्वामी प्रेमानंदः-
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स्वामी प्रेमानंद का चेहरा काफी कुछ सत्य साईं बाबा से मिलता था और उसकी प्रसिद्धि की ये भी एक बड़ी वजह थी. प्रेमानंद को 13 लड़कियों से बलात्कार करने का दोषी पाया गया था। साईं बाबा की तरह विभूति निकालने के अलावा वह अपने पेट से शिवलिंग भी निकालता था।
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संत स्वामी भीमानंद
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इच्छाधारी संत स्वामी भीमानंद को महाराज चित्रकूट वालेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। उसे अपने आश्रम में सेक्स रैकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।