कानून रिव्यू/उत्तर प्रदेश
तीन तलाक बिल के राज्यसभा में पास होते ही मुस्लिम समाज में इसका खौफ नजर आने लगा है। तीन साल की जेल की सजा के डर से सहारनपुर की रहने वाली नसीमा का घर एक बार फिर बस गया है। समझौते में साफ तौर पर लिखा गया है कि ट्रिपल तलाक विरोधी कानून लागू होने के कारण सभी आरोपित तीन साल की सजा से बचने के लिए समझौता कर अपनी बहू नसीमा को अपने साथ ले जा रहे हैं। गौरतलब है कि थाना कुतुबशेर अंतर्गत खुंगर कालोनी में हसीन मस्जिद के निकट रहने वाली नसीमा की शादी 22 अप्रैल 2015 को उत्तराखंड के हरबर्टपुर विकासनगर निवासी मोहम्मद अली पुत्र अब्दुल सलाम के साथ हुई थी। शादी के बाद उसे जुड़वा बच्चे हुए थे, लेकिन दहेज की मांग को लेकर उसके साथ मारपीट कर परेशान किया जाने लगा था। करीब 14 महीने पहले ससुराल में पति ने मारपीट कर उसे छोड़ने और तलाक देने की धमकी देते हुए उसे घर से बच्चो समेत निकाल दिया था। पिछले करीब आठ माह से वह अपने मायके में रह रही थी। पिछले माह 12 जुलाई को नसीमा ने अपने पति व सास, ससुर समेत 6 लोगों को नामजद करते एसएसपी सहारनपुर के यहां प्रार्थना पत्र देते हुए कार्रवाई की मांग की थी। इसी बीच तीन तलाक के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ने वाली सुप्रीम कोर्ट की महिला वकील फरहा फैज से नसीमा की मुलाकात हुई। फरहा फैज को नसीमा ने पूरी कहानी बताई और साथ मे यह भी बताया कि उसके पति का चक्कर देहरादून में दूसरी महिला के साथ चल रहा हैं। इसलिए उसने मुझे मारपीट कर घर से निकाल दिया। इसके बाद फरहा फैज ने ससुराल पक्ष से बात करके ट्रिपल तलाक पर मिलने वाली कानूनी सजा के बारे में बता कर उन पर दबाव बनाया। सजा के ख़ौफ़ से डरे शौहर अली और ससुराल पक्ष के लोग दूसरे दिन सुबह दौड़े दौड़े सहारनपुर आए और समझौता लिखने के बाद नसीमा को अपने साथ ले जाने पर राजी हो गए। इस मौके पर नसीमा की आंखे भर आईं और वह तीन तलाक बिल के लिए पीएम मोदी का शुक्रिया कहते नही थकी। उसने कहा सिर्फ मोदी जी की वजह से मेरा घर दुबारा बस पाया। नसीमा का कहना है कि वह पिछले 8 माह से अपने बच्चो के साथ मायके में थी मगर इस बीच एक बार भी उसे ले जाने के लिए कोई नहीं आया था। उसका खर्च उसके भाई उठा रहे थे। अब तीन तलाक कानून के डर से उसे एक बार फिर अपने घर वापस जाने का मौका मिल गया है। समझौते में नसीमा की मांग पर उसके ससुर ने नसीमा के नाम 750 वर्ग फुट प्लाट का बैनामा करने का वादा भी किया है।