पुलिस की संवेदनशीलता मानो मर ही गई है। एक रेप की पीडिता थाने आपबीती लेकर जाए और पुलिसकर्मी ठट्टे मार हसें कि तेरे साथ तो बिल्कुल फिल्मी अंदाज मेंं– हुआ है, इसे क्या कहेंगे? यह घटना मध्य प्रदेश भोपाल गैंग रेप की पीडिता के साथ घटी। युवती दरिंदों से किसी तरह मुक्त होकर थाने पहुंची और पुलिस को अपनी आपबीती सुनानी शुरू की तो पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेने के बजाय ठट्टे मार कर हंसी में उडा दिया। आखिर मामला मीडिया की सुर्खिया बना और फिर किरकिरी के बाद पुलिस हरकत में आई।
तेरी कहानी किसी फिल्म की स्टोरी की तरह लग रही है, घर जाओ और अपना काम करो
- कानून रिव्यू/मध्य प्रदेश
—————————पुलिस की संवेदनशीलता मानो मर ही गई है। एक रेप की पीडिता थाने आपबीती लेकर जाए और पुलिसकर्मी ठट्टे मार हसें कि तेरे साथ तो बिल्कुल फिल्मी अंदाज मेंं– हुआ है, इसे क्या कहेंगे? यह घटना मध्य प्रदेश भोपाल गैंग रेप की पीडिता के साथ घटी। युवती दरिंदों से किसी तरह मुक्त होकर थाने पहुंची और पुलिस को अपनी आपबीती सुनानी शुरू की तो पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेने के बजाय ठट्टे मार कर हंसी में उडा दिया। आखिर मामला मीडिया की सुर्खिया बना और फिर किरकिरी के बाद पुलिस हरकत में आई। भोपाल में हुए रेप केस में नित नए खुलासे हो रहे हैं। घटना के बाद जब लड़की हबीबगंज जीआरपी थाने पहुंची तो उसकी पूरी बात सुन पुलिसवालों ने कहा कि तेरी कहानी किसी फिल्म की स्टोरी की तरह लग रही है, घर जाओ और अपना काम करो। पुलिस की ये बात सुन लड़की सहम गई और अपने पिता को कॉल करके उन्हें भी थाने ही बुला लिया। गौरतलब है कि 1 नवंबर 2017 को मध्य प्रदेश स्थापना दिवस मना रहा था और उसी दिन रेप पीड़ित लड़की के साथ तीन थानों की पुलिस ने जो व्यवहार किया वो शर्मसार करने वाला है। घटना 31 अक्टूबर शाम की है। कोचिंग सेंटर से लौट रही 19 साल की लड़की से दो चार बदमाशों ने रोका। उसके साथ मारपीट और लूटपाट के बाद करीब की झाड़ियों में ले जाकर गैंगरेप किया। घटना स्थल से आरपीएफ चौकी,रेलवे पुलिस फोर्स सिर्फ 100 मीटर दूर है।
मां ने सुनाया अपना दर्द
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एमपीनगर से हबीबगंज थाने और हबीबगंज जीआरपी थाने के चक्कर लगाते.लगाते हम परेशान हो गए थे। कोई हमारी शिकायत ही सुनने का तैयार नहीं था। हबीबगंज जीआरपी के टीआई मोहित सक्सेना से साढ़े तीन घंटे बहस हुई, इसके बाद भी वह एफआईआर दर्ज करने को तैयार नहीं थे। वह पुलिस अफसरों के सामने मेरी बेटी और हमें झूठा बता रहे थे। बेटी उनको घटनास्थल पर ले गई, लेकिन वह बार.बार इसे फिल्मी कहानी बताते रहे।
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेने के बजाय ठट्टे मार कर हंसी में उडा दिया
देर रात बेटी ने अंजान नंबर से किया था कॉल
……………………………………………………….तीन बेटियों में से सबसे छोटी बेटी के साथ हुई दरिंदगी के बाद सिस्टम से लड़ने वाले पिता का आरोप है कि पुलिस हमें 11 घंटे तक सिर्फ सीमा विवाद पर उलझाते रहे। रात बेटी का अनजान नंबर से फोन आया। उसकी आवाज भी नहीं निकल रही थी। उसने बताया मैं हबीबगंज आरपीएफ ऑफिस में हूं। पहुंचा तो बेटी सहमी हुई खड़ी हुई थी। उसकी हालत देख उसे घर ले आया। लडख़ड़ाते शब्दों में उसने घटना के बारे में बताया। मैंने बेटी को दिलासा दिया और दूसरे दिन बुधवार सुबह साढ़े 9 बजे उसे पत्नी के साथ लेकर एमपी नगर पुलिस स्टेशन पहुंचा। यहां ड्यूटी पर तैनात एसआई आरएम टेकाम मिले। उन्होंने लगभग ३ घंटे हमारी बात सुनी और हमें हबीबगंज थाने जाने को कह दिया।
घटना स्थल पर गए एसआई, लेकिन रिपोर्ट नहीं लिखी
……………………………………………………………………बेटी और पत्नी को लेकर हबीबगंज थाने पहुंचा। हमारी बात सुनते ही हबीबगंज टीआई 11.30 बजे हमारे साथ घटनास्थल पर आ गए। उन्होंने जीआरपी हबीबगंज को फोन किया, लेकिन वहां से कोई भी स्टाफ आने को तैयार नहीं था। इसी बीच हमने ही दो आरोपियों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। काफी देर बाद जीआरपी का एक एसआई वहां आया। वह भी कुछ सुनने को तैयार नहीं था। उसके काफी देर बाद टीआई जीआरपी हबीबगंज मोहित सक्सेना आए। उनके बीच सीमा को लेकर विवाद चलता रहा। कोई भी इसे अपने क्षेत्र में मानने को तैयार नहीं था। बाद में हबीबगंज टीआई के मामला दर्ज करने की बात कहने पर रात 8.30 बजे जीआरपी हबीबगंज ने हमारी शिकायत पर मामला दर्ज किया।