कानून रिव्यू/ग्रेटर नोएडा
दादरी नगर पालिका सभासद की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट का स्टे आ जाने से सपाईयों में खुशी की लहर है। सुमित बैसोया दादरी नगर पालिका में मनोनीत सभासद रहे हैं। गौरतलब है कि गत 13 जुलाई को थाना दादरी कोतवाली में नगर पालिका मनोनीत सभासद सुमित बैसोया पर जलनिगम के ठेकेदार सीताराम शर्मा द्वारा एक फर्जी रंगदारी का मुकद्मा दर्ज कराया गया था। जिसको लेकर समाजवादी पार्टी के नेता उच्च अधिकारियों से मिले थे, जिन्हें अधिकारियों द्वारा न्याय दिलाने का आश्वासन भी मिला था। लेकिन कुछ नेता पुलिस अधिकारियों पर गिरफ्तारी का दबाव बना रहे थे। जिसके चलते सुमित बैसोया ने इस मुकद्मा के खिलाफ मा0 उच्च न्यायालय की शरण ली और अपने पक्ष को रखा। मा0 उच्च न्यायालय ने उनके पक्ष को सुनकर उनकी गिरफ्तारी न करने का आदेश पारित कर दिया। इस मामले में सुमित बैसोया की तरफ से मा0 उच्च न्यायालय के अधिवक्ता अभिषेक कुमार सिंह एवं पूर्व सचिव बार गौतमबुद्धनगर सुशील भाटी ने पक्ष रखा। गिरफ्तारी न होने के आदेश की सूचना मिलने के बाद सपा नेताओं में खुशी की लहर है। सुमित बैसोया ने दादरी नगर में हो रहे विकास कार्यों में घोटाले को लेकर ठेकेदार की शिकायत कर दी थी। जिसको लेकर बौखालहट में जलनिगम ठेकेदार सीताराम शर्मा ने फर्जी मुकद्मा दर्ज करा दिया गया था। सपा के पूर्व जिला प्रवक्ता श्याम सिंह भाटी का कहना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई को और मजबूती के साथ लड़ा जाएगा तथा ठेकेदार सीतराम शर्मा की फर्म के द्वारा जितने भी कार्य किए गए है, उच्च अधिकारियों से मिलकर उन सबकी जांच कराई जाएगी और सीएनडीएस के परियोजना अभियंता एवं जूनियर इंजीनियर के खिलाफ भी मोर्चा खोला जायेगा। क्योंकि परियोजना अभियंता से सांठगांठ करके ठेकेदार सीताराम शर्मा ने एक करोड़ का ठेका अपनी फर्म के नाम करा लिया। इससे पहले सीताराम शर्मा ने गाजियाबाद में बने हज हाउस में बड़े पैमाने पर ठेकेदारी की थी।